दिल्ली के लाखों कारोबारियों को राहत के लिए मास्टर प्लान-2021 में फिर होगा संशोधन

मास्टर प्लान-2021 में प्रावधान है कि रिहायशी क्षेत्रों और गांवों में छोटी औद्योगिक इकाइयां चलाई जा सकती हैं। बशर्ते इनमें पांच से अधिक श्रमिक न हों।

By JP YadavEdited By: Publish:Wed, 25 Jul 2018 08:00 AM (IST) Updated:Wed, 25 Jul 2018 08:27 AM (IST)
दिल्ली के लाखों कारोबारियों को राहत के लिए मास्टर प्लान-2021 में फिर होगा संशोधन
दिल्ली के लाखों कारोबारियों को राहत के लिए मास्टर प्लान-2021 में फिर होगा संशोधन

नई दिल्ली (संजीव गुप्ता)। सुप्रीम कोर्ट और मॉनिटरिंग कमेटी की तमाम आपत्तियों को दरकिनार कर एक बार फिर से दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) मास्टर प्लान- 2021 में संशोधन करने जा रहा है। अब रिहायशी इलाकों में चल रहीं छोटी औद्योगिक इकाइयों को विस्तार देने की तैयारी है। मास्टर प्लान-2021 में प्रावधान है कि रिहायशी क्षेत्रों और गांवों में छोटी औद्योगिक इकाइयां चलाई जा सकती हैं। बशर्ते इनमें पांच से अधिक श्रमिक न हों और बिजली का कनेक्शन भी पांच किलोवाट तक हो।

दिल्ली विकास अधिनियम-1957 के सेक्शन 11 ए के तहत डीडीए मास्टर प्लान-2021 में इस बाबत मौजूदा प्रावधान में बदलाव करने जा रहा है। प्रस्ताव के अनुसार, अब इन घरेलू औद्योगिक इकाइयों में 10 श्रमिक रखे जा सकेंगे व बिजली का कनेक्शन भी 11 किलोवाट तक का लिया जा सकेगा। इसका लाभ उठाने के लिए किसी प्रकार की कागजी औपचारिकता भी नहीं करनी होगी, जबकि नए उद्यमियों को श्रम विभाग व दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा।

डीडीए ने मंगलवार को प्रस्ताव पर सार्वजनिक सूचना निकाल आपत्तियां-सुझाव मांगी है। डीडीए के आयुक्त- सह-सचिव डी. सरकार की ओर से निकाली गई इस सूचना में इसके लिए 45 दिन का समय रखा गया है। आपत्तियों एवं सुझावों पर जन सुनवाई के बाद डीडीए बोर्ड की बैठक में मंजूरी देकर केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय को भेजा जाएगा।

अशोक भसीन (अध्यक्ष, नॉर्थ दिल्ली रेजिडेंट वेलफेयर फेडरेशन) का कहना है कि इस नई योजना से दिल्ली रहने योग्य नहीं रह जाएगी। 11 किलोवाट के बिजली कनेक्शन और 10 श्रमिकों वाली किसी भी इकाई से रिहायशी क्षेत्र भी औद्योगिक क्षेत्र जैसे हो जाएंगे। जबकि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के बिगड़ते स्वरूप पर लगातार चिंता जता रहा है। 

वहीं, आर जी गुप्ता (नगर योजनाकार एवं पूर्व योजना आयुक्त, डीडीए) के मुताबिक, औद्योगिक इकाइयों के लिए अलग से औद्योगिक क्षेत्र बसाए गए हैं, लेकिन सरकारी विभागों की अनदेखी से वहां पर औद्योगिक इकाइयां शिफ्ट ही नहीं हो रहीं। डीडीए की नई योजना से स्थिति और बदतर होगी।

तीनों निगमों ने 5700 संपत्तियां की सील
दिल्ली में तीन नगर निगमों द्वारा सीलिंग के तहत अभी तक करीब 5700 संपत्तियां सील की गई हैं। दिल्ली के मास्टर प्लान के प्रावधानों का उल्लंघन पाए जाने पर संपत्तियों को सील किया गया है। यह कदम सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त निगरानी समिति के निर्देश पर उठाया गया है। यह जानकारी मंगलवार को आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी। उन्होंने कहा कि उत्तरी और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में 2655 और 1995 संपत्तियां सील की हैं। वहीं, पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने 1043 संपत्तियों को सील किया है। यह कदम शीर्ष अदालत के दिसंबर 2017 में सुनाए गए फैसले के बाद उठाया गया है।’

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