दिल्ली में अजब हाल, चीफ इंजीनियर की संपत्ति बचाने को बीच में छोड़ दी कार्रवाई

सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के अनुसार लक्ष्मीनगर मेन मार्केट के सभी हिस्सों में एक जैसी कार्रवाई की जानी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

By Edited By: Publish:Thu, 07 Jun 2018 07:32 PM (IST) Updated:Fri, 08 Jun 2018 10:13 AM (IST)
दिल्ली में अजब हाल, चीफ इंजीनियर की संपत्ति बचाने को बीच में छोड़ दी कार्रवाई
दिल्ली में अजब हाल, चीफ इंजीनियर की संपत्ति बचाने को बीच में छोड़ दी कार्रवाई

नई दिल्ली (सुधीर कुमार)। लक्ष्मी नगर मेन मार्केट में पूर्वी निगम के एक चीफ इंजीनियर की व्यावसायिक संपत्ति को बचाने के दबाव में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई बीच में ही बंद कर दी गई। यहां तक कि मार्केट के 70 फीसद हिस्से में कार्रवाई के बाद निगम के इंजीनियरों ने बाकी हिस्से में पैमाइश तक की तैयारी शुरू कर दी थी। मार्केट के जी व एच ब्लॉक को लिंक रोड बता दिया गया था और पैमाइश के लिए फाइल भी चला दी गई थी।

इसी बीच निगम के आला अधिकारियों के संज्ञान में यह मामला आया और उन्होंने जांच शुरू की तो सारा राज खुल गया। बताया जा रहा है कि विकास मार्ग की तरफ लक्ष्मी नगर मार्केट की शुरुआत में ही चीफ इंजीनियर की बड़ी व्यावसायिक संपत्ति है। उनके दबाव में ही विकास मार्ग की तरफ से कार्रवाई शुरू न करके बीच मार्केट से शुरुआत की गई।

इसकी आड़ में मार्केट के अंतिम छोर में भी कार्रवाई नहीं हुई। निगम के एक अधिकारी कहते हैं कि जब लक्ष्मीनगर में 70 फीसद हिस्से में कार्रवाई की गई, तब तक फिर से पैमाइश की याद नहीं आई, लेकिन 30 फीसद हिस्से के लिए कवायद शुरू कर दी गई। निश्चित रूप से इसके पीछे किसी का बड़ा स्वार्थ है। यह एक तरह से आपराधिक कृत्य है। इसलिए कार्रवाई भी होगी। पूरे मार्केट में एक जैसी कार्रवाई की जानी है।

दोनों ओर से 10-15 फुट तक था

अतिक्रमण लक्ष्मीनगर मेन मार्केट विकास मार्ग से शुरू होकर प्रियदर्शिनी विहार में लवली पब्लिक स्कूल तक है।मास्टर प्लान के हिसाब से यह सड़क 80 फुट चौड़ी है, लेकिन दोनों ओर से 10 से 15 फुट तक कब्जा होने के कारण सड़क संकरी हो गई थी। अतिक्रमण हटाने के लिए 10 मई से बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू हुई थी, लेकिन बीच में कार्रवाई छोड़ने पर दुकानदार भी सवाल उठाने लगे थे।

बीएम मिश्रा (निगम उपायुक्त, शाहदरा दक्षिणी जोन, पूर्वी निगम) का कहना है कि विकास मार्ग से लेकर प्रियदर्शिनी विहार तक सड़क को एक जैसा चौड़ा किया जाना है। अगर दुकानदार खुद अतिक्रमण नहीं हटाएंगे तो निगम कार्रवाई करेगा। अब तो सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी ने भी कह दिया है कि अतिक्रमण हटाने में यदि कोई दुकानदार बाधा डालता है तो वैसी दुकानों को ही सील कर दिया जाए। 

chat bot
आपका साथी