बिहार के डिप्टी सीएम के किस बयान पर कुमार विश्वास ने ली चुटकी, आप भी पढ़िए

दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) के बागी नेताओं ने शुमार कुमार विश्वास अपने कटाक्ष भरे बयानों के लिए जाने जाते हैं।

By JP YadavEdited By: Publish:Mon, 02 Sep 2019 12:08 PM (IST) Updated:Mon, 02 Sep 2019 12:16 PM (IST)
बिहार के डिप्टी सीएम के किस बयान पर कुमार विश्वास ने ली चुटकी, आप भी पढ़िए
बिहार के डिप्टी सीएम के किस बयान पर कुमार विश्वास ने ली चुटकी, आप भी पढ़िए

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) के बागी नेताओं ने शुमार कुमार विश्वास अपने कटाक्ष भरे बयानों के लिए जाने जाते हैं। इस कड़ी में अब उनके निशाने पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी आ गए हैं। दरअसल, आर्थिक स्थिति पर अपने विचार रखते हुए बिहार के वित्त मंत्री सुशील मोदी ने कहा था- 'हर साल सावन-भादो में मंदी रहती है'।

इस पर aap नेता और कवि कुमार विश्वास ने तंज कसते हुए ट्वीट किया है- 'मेरे नैना सावन-भादों फिर भी मेरा मन प्यासा” 😂😂😂🙏 और लोग मुझसे कह रहे हैं कि मैं आर्थिक मंदी पर कुछ बोलूँ ?😳 भरे तो पड़े हैं।'

यहां पर बता दें कि बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने मंदी को लेकर कहा था कि हर साल सावन-भादो में मंदी रहती है, लेकिन इस बार मंदी का ज्यादा शोर मचा कर कुछ लोग चुनावी पराजय की खीझ उतार रहे हैं।


बिहार के वित्त मंत्री और बीजेपी नेता सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा था- 'केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज की घोषणा और 10 छोटे बैंकों के विलय की पहल से लेंडिंग कैपिसिटी बढ़ाने जैसे जो चौतरफा उपाय किये हैं, उनका असर अगली तिमाही में महसूस किया जाएगा।'

यहां पर पता दें कि तीन दिन पहले 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाने के सरकार के एलान से पसरी आशंकाओं को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिरे से खारिज किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विलय के इस कदम से ना कोई बैंक बंद होगा, ना ही किसी की नौकरी जाएगी।

वित्त मंत्री ने कहा है कि यह पूरी तरह से गलत सूचना है। इन सभी बैंकों की यूनियनों को सुनिश्चित करना चाहती हूं कि शुक्रवार को कही गई मेरी बात पर ध्यान दें। बैंकों के विलय की बात करते हुए मैंने स्पष्ट रूप से कहा है कि कोई कर्मचारी हटाया नहीं जाएगा। एक भी नहीं।’ शुक्रवार को सरकार ने 10 सरकारी बैंकों को मिलाकर चार बड़े बैंक बनाने का एलान किया था। इसके तहत पंजाब नेशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक, कॉरपोरेशन बैंक और केनरा बैंक, सिंडिकेट बैंक और इंडियन बैंक, इलाहाबाद बैंक का विलय होना है। अर्थव्यस्था को गति देने और भारत को पांच टिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में इसे बड़ा कदम माना जा रहा है। विलय के इस कदम के बाद देश में कुल 12 सरकारी बैंक रह जाएंगे।

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