अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर विकसित होंगे 20 संग्रहालय

11 अन्य संग्रहालयों के नाम पर अंतिम फैसला लिया जाना है। इन 20 संग्रहालयों में सारनाथ और नालंदा संग्रहालय 100 साल से भी ज्यादा पुराने हैं, जबकि अन्य भी 50 साल से ज्यादा पुराने हैं।

By Edited By: Publish:Sun, 10 Jun 2018 09:09 PM (IST) Updated:Mon, 11 Jun 2018 06:07 PM (IST)
अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर विकसित होंगे 20 संग्रहालय
अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर विकसित होंगे 20 संग्रहालय

नई दिल्ली (वीके शुक्ला)। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) देश के 20 संग्रहालयों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर विकसित करेगा। इन संग्रहालयों में धरोहरों को इस तरह प्रदर्शित किया जाएगा, ताकि वे खराब भी न हों और पर्यटकों को इन्हें देखने में रुचि भी बढ़े। हर एक संग्रहालय में डिजिटल गैलरी बनाई जाएगी और पर्यटक स्क्रीन पर भी धरोहरों के बारे में विस्तार से जानकारी ले सकेंगे।

जिन संग्रहालयों में जगह उपलब्ध होगी, उनका विस्तार किया जाएगा और वहां अधिक से अधिक धरोहरों को प्रदर्शित किए जाने का प्रयास किया जाएगा। एएसआइ की जो योजना है, उसके तहत आने वाले समय में 20 संग्रहालयों का लुक बदला जाएगा।

एएसआइ के देशभर में 46 संग्रहालय हैं। ये सभी साइट म्यूजियम हैं। यानी देश में जहा भी बड़े स्तर पर खोदाई हुई और बड़ी संख्या में धरोहर मिलीं, उन्हीं स्थानों पर संग्रहालय बना दिए गए। ये सभी प्रतिष्ठित संग्रहालय हैं, लेकिन लंबे समय से ये पुराने ढर्रे पर ही चले आ रहे हैं। इसलिए अब इन्हें नए सिरे से विकसित किया जाएगा।

साफ सफाई और पीने के पानी की उचित व्यवस्था की जाएगी। शौचालयों को अपग्रेड किया जाएगा और रखरखाव की भी बेहतर व्यवस्था की जाएगी। ये संग्रहालय सूचीबद्ध 20 संग्रहालयों में से 9 संग्रहालयों के नाम सूचीबद्ध कर लिए गए हैं। इनमें दिल्ली के लालकिला स्थित मुमताज महल संग्रहालय और पुराने किले के संग्रहालय शामिल हैं।

इन दोनों संग्रहालयों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर विकसित किए जाने के लिए तैयारी शुरू हो चुकी है, जबकि उत्तर प्रदेश के सारनाथ स्थित संग्रहालय, बिहार के बोधगया व नालंदा के संग्रहालय, मध्यप्रदेश का खजुराहो संग्रहालय, उड़ीसा का रत्नागिरी संग्रहालय व आंध्र प्रदेश के नागार्जुन कोंडा व चंद्रगिरि संग्रहालय भी विकास कार्यो के लिए चयनित हो चुके हैं।

वहीं, 11 अन्य संग्रहालयों के नाम पर अंतिम फैसला लिया जाना है। इन 20 संग्रहालयों में सारनाथ और नालंदा संग्रहालय 100 साल से भी ज्यादा पुराने हैं, जबकि अन्य भी 50 साल से ज्यादा पुराने हैं। इन किसी भी संग्रहालय में स्थापना के बाद से अभी तक बड़े स्तर पर काम नहीं हुआ है। यह पहला मौका है, जब संग्रहालयों पर भी एएसआइ का ध्यान गया है। जिन संग्रहालयों को सूचीबद्ध किया गया है, वे सभी बड़े संग्रहालय हैं।

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