बेसहारा बच्चों की ¨जदगी संवारने को आगे आई पुलिस

ख्याला हत्याकांड में माता- पिता व बड़े भाई का साया उठने के बाद हुए बेहसहारा हुए बच्चों की मदद के लिए दिल्ली पुलिस ने अपना हाथ बढ़ाया है। दिल को दहला देने वाले इस हत्याकांड के आरोपित को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस अब इस मामले में नैतिक दायित्व को निभाने में जुट गई है। शनिवार को पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त मोनिका भारद्वाज पीड़ित परिवार के बच्चों से खुद मिली और उनसे बात की। बच्चों व इनके परिजनों को इन्होंने यकीन दिलाया कि पुलिस इनकी हरसंभव मदद करेगी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jan 2019 10:33 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jan 2019 10:33 PM (IST)
बेसहारा बच्चों की ¨जदगी संवारने को आगे आई पुलिस
बेसहारा बच्चों की ¨जदगी संवारने को आगे आई पुलिस

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : खयाला हत्याकांड में माता-पिता व बड़े भाई का साया उठने के बाद हुए बेसहारा दोनों बच्चों की मदद के लिए दिल्ली पुलिस ने अपना हाथ बढ़ाया है। चाकू से गोदकर तीनों को मौत के घाट उतारने वाले आरोपित को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस अब इस मामले में नैतिक दायित्व को निभाने में जुट गई है।

शनिवार को पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त मोनिका भारद्वाज ने पीड़ित परिवार के बच्चों से मुलाकात की। उन्होंने परिजनों को यकीन दिलाया कि पुलिस बच्चों की हरसंभव मदद करेगी। पुलिस की ओर से पीड़ित परिवार के दोनों बच्चों के नाम पर बैंक में खाते खुलवा दिए गए। अभी तक इनके नाम से कोई खाता नहीं था। मदद के तौर पर इन्हें जो भी राशि मिलेगी वह सीधे इनके खाते में जाएगी। परिवार में कमाने वाला कोई नहीं रहा, इस बात को देखते हुए पुलिस की ओर से तत्काल दस हजार रुपये की राशि प्रदान की गई। पुलिस अब दिल्ली विधिक सेवाएं प्राधिकरण की ओर से इन बच्चों को आर्थिक मदद दिलाने में जुट गई है। जो भी चाहे बच्चों के खाते में रकम डालकर उनकी मदद कर सकता है। जरूरतमंद की सहायता से जुड़े संगठन प्रतिधि संस्था की ओर से भी बच्चों को मदद की दिशा में प्रयास शुरू किया गया है।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ये बच्चे नाबालिग हैं और अभी इनके लिए शिक्षा का इंतजाम जरूरी है। ऐसे में हमारी कोशिश है कि यदि इनका कोई रिश्तेदार इन्हें रखने को राजी हो जाए तो ठीक है अन्यथा दोनों बच्चों को सरकारी आश्रय गृह में रखा जाएगा। बता दें कि खयाला हत्याकांड में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत के बाद अब परिवार में एक विवाहित बेटी को छोड़कर एक बेटा व एक बेटी ही जीवित बचे हैं। बेटे की उम्र करीब 14 वर्ष है वहीं बेटी की उम्र करीब आठ वर्ष की है।

कोट

दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक खुद इन बच्चों की स्थिति के बारे में जानकारी ले रहे हैं। उन्होंने कहा है कि पुलिस इन बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। पुलिस की ओर से जितना संभव होगा वह किया जाएगा। कई संगठन भी बच्चों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं, जो अच्छी बात है।

मधुप तिवारी, संयुक्त आयुक्त, पश्चिमी रेंज

बॉक्स

मैं खुद जाकर इन बच्चों से मिली हूं। इन बच्चों को हौसला दिया। इनके रिश्तेदारों से भी बात हुई। पुलिस इनकी हरसंभव मदद को तैयार है।

मोनिका भारद्वाज, उपायुक्त, पश्चिमी जिला

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