जेएनयू विद्यार्थियों ने वसंत कुंज थाने का किया घेराव

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली : जेएनयू के प्रोफेसर पर लगे संगीन आरोपों का सिलसिला जहां बढ

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Mar 2018 08:57 PM (IST) Updated:Tue, 20 Mar 2018 10:35 PM (IST)
जेएनयू विद्यार्थियों ने वसंत  कुंज थाने का किया घेराव
जेएनयू विद्यार्थियों ने वसंत कुंज थाने का किया घेराव

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : जेएनयू के प्रोफेसर पर लगे संगीन आरोपों का सिलसिला जहां बढ़ता जा रहा है, वहीं पुलिस-प्रशासन की ओर से कार्रवाई को लेकर बरती जा रही लापरवाही पर मंगलवार को दस महिला संगठनों और छात्राओं ने वसंत कुंज नॉर्थ थाने का घेराव किया। इसके बाद सात लोगों का प्रतिनिधिमंडल पुलिस अधिकारियों से मिला। पुलिस अधिकारियों ने मामले की जांच कर जल्द से जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब महिलाएं शांत हुई।

महिला संगठन एम्वा की सदस्य श्वेता ने कहा कि जेएनयू जैसे विश्वविख्यात विश्वविद्यालय में एक प्रोफेसर द्वारा यौन शोषण करना बेहद ही घिनौना कार्य है। ऐसे प्रोफेसर के खिलाफ पुलिस को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। महिला सुरक्षा को लेकर दिल्ली पुलिस कितनी सतर्कता बरतती है, इसका अंदाजा इस घटनाक्रम से लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विरोध के दौरान पुलिसकर्मियों का व्यवहार भी उचित नहीं था। महिला संगठनों की कार्यकर्ताओं को काफी देर तक थाने में इंतजार करना पड़ा और कुछ ही लोगों को अधिकारियों से मिलने दिया गया।

यौन उत्पीड़न के सभी प्रोफेसरों को किया जाए निलंबित : एबीवीपी

पिछले कुछ वर्षो से जेएनयू में किसी न किसी प्रोफेसर के ऊपर यौन उत्पीड़न का आरोप लग रहा है, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब यौन उत्पीड़न के मामले में जेएनयू के किसी प्रोफेसर को हिरासत में लेकर उनकी पेशी हुई हो। सूत्रों के अनुसार, ऐसे 19 प्रोफेसर हैं, जिनके खिलाफ छात्रा या किसी महिला ने यौन प्रताड़ना का आरोप लगाया है। जेएनयू के प्रोफसर जहां इस मामले में कुछ कहने से बच रहे हैं, वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) मुखर है।

एबीवीपी के जेएनयू अध्यक्ष विजय यादव का कहना है कि ऐसा नहीं है कि हम केवल प्रो. अतुल जौहरी के खिलाफ धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। जेएनयू के उन सभी प्रोफेसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो, जिनके खिलाफ यौन प्रताड़ना की शिकायत की गई है। प्रशासन सभी छात्राओं के लिए जल्द से जल्द प्रयोगशाला का प्रबंध करे, ताकि उनके शोध कार्य में रुकावट न आए। साइनिंग अधिकारी का भी प्रबंध किया जाए। निष्पक्ष जांच समिति बनाई जाए और दोषी को कड़ी से कड़ी सजा मिले। उन्होंने मांग की कि यौन उत्पीड़न के आरोपित सभी प्रोफेसरों व विद्यार्थियों को तत्काल निलंबित किया जाए।

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