हंगामे के बीच दिल्‍ली विधानसभा में पेश हुआ जन लाेकपाल बिल

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सोमवार को विधानसभा में जनलोकपाल बिल पेश करेंगे। विपक्ष इस बिल को दिल्लीवासियों के साथ धोखा करार देते हुए इसका विरोध कर रहा है। इसलिए इसे लेकर सदन में हंगामे होने का आसार है।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2015 11:40 AM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2015 04:43 PM (IST)
हंगामे के बीच दिल्‍ली विधानसभा में पेश हुआ जन लाेकपाल बिल

नई दिल्ली । दिल्ली विधानसभा में हंगामे के बीच उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बहुप्रतीक्षित जन लोकपाल बिल पेश किया। यह दुसरा मौका है जब आम आदमी पार्टी की सरकार की ओर से जन लोकपाल बिल को सदन में पेश किया गया है। सुबह सत्र शुरू होते ही भाजपा विधायक ओपी शर्मा को लेकर जमकर हंगामा हुआ। सदन में माहौल उस समय तनावपूर्ण हो गया जब भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता को मार्शल की मदद से सदन से बाहर कर दिया गया।

हालांकि विपक्ष इस बिल को दिल्लीवासियों के साथ धोखा करार देते हुए इसका लगातार विरोध कर रहा है। उधर, इस मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आम अादमी पार्टी ने दिल्ली की जनता को ठगा है। उन्होंने कहा कि यह वह जनलोकपाल बिल नहीं है, जिसे दिल्ली की जनता के सामने बताया गया था। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद आम आदमी पार्टी की कथनी और करनी में फर्क दिख रहा है।

स्वराज अभियान के सदस्यों ने भी ऐलान किया कि वह जन लाेकपाल को लेकर सड़कों पर अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे। स्वराज अभियान के मुखिया योगेंद्र यादव ने कहा है कि आप सरकार का मौजूदा जन लोकपाल बिल जनता की कसौटी पर खरा नहीं उतरता है। यह वह जन लोकपाल बिल नहीं है, जिसे सत्ता से बाहर रहते हुए आम आदमी पार्टी के सदस्यों ने जनता के समक्ष रखा था।

दिल्ली विस में हंगामा, मार्शलों ने विजेंद्र गुप्ता को सदन से बाहर किया

सोमवार को दिल्ली विधानसभा का सत्र शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। सदन में भाजपा विधायकों ने ओपी शर्मा के निष्कासन पर अपना विरोध जताया। भाजपा विधायक शर्मा के निष्कासन को निरस्त करने की मांग कर रहे थे। सदन में शोरशराबा को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने मार्शल के सहयोग से भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता को सदन से बाहर कर दिया गया। भाजपा विधायक ओमप्रकाश शर्मा को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिए गया है।

निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार संशोधन विधेयक पर भी चर्चा

सोमवार को दिल्ली विद्यालय शिक्षा संशोधन तथा निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार संशोधन विधेयक पर भी चर्चा होनी है। उम्मीद है कि सरकार को इन बिलों को पास कराने में दिक्कत नहीं होगी।
आम आदमी पार्टी की सरकार का यह दावा है कि पेश होने वाला जनलोकपाल बिल वही है जिसे 49 दिनों के शासनकाल में 14 फरवरी 2014 को लाया गया था।

जन लोकपाल का दायरा

लोकपाल को जांच करने, सुनवाई करने और सजा देने का अधिकार होगा। दिल्ली पुलिस और दिल्ली विकास प्राधिकरण भी इसके दायरे में होगा। इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। लेकिन विपक्ष इस पर बेवजह राजनीति कर रही है। सरकार कोशिश करेगी कि सदन में इस महत्वपूर्ण बिल पर विस्तार से चर्चा हो।

विपक्ष का तर्क

वहीं, विपक्ष का कहना है कि सरकार जो बिल लाने जा रही है वह अन्ना हजारे के जन लोकपाल जैसा नहीं है। इस बिल में जनलोकपाल की नियुक्ति और उसे हटाने का अधिकार सरकार ने अपने पास रखा है ताकि मुख्यमंत्री तथा मंत्रियों द्वारा भ्रष्टाचार किए जाने पर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो।

इसलिए इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगेगा। बिल में केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाले कर्मचारियों, अधिकारियों तथा संस्थाओं को भी दिल्ली सरकार द्वारा नियुक्ति जन लोकपाल के अधिकार क्षेत्र में कर दिया गया है। इसे विधानसभा में पेश किए जाने के लिए उपराज्यपाल की पूर्व स्वीकृति भी नहीं ली गई है।

नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि दिल्ली सरकार ने जान बूझकर इस तरह से इस बिल को तैयार किया है कि केंद्र सरकार इसे पास नहीं करे। इससे दिल्ली सरकार को केंद्र पर आरोप मढऩे का बहाना मिल जाएगा। इसलिए भाजपा विधायक सदन में इस बिल का विरोध करेंगे।

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