अब AAP की नजर DUSU पर, क्‍या केजरी का जादू छात्रों के सिर चढ़ कर बोलेगा ?

राजधानी में हुए विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित जीत के बाद अब आम आदमी पार्टीं (आप) की छात्र इकाई छात्र युवा संघर्ष समिति (सीवाईएसएस) दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के छात्र संघ चुनाव में किस्मत आजमाने के लिए बेताब है।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Wed, 22 Jul 2015 12:02 PM (IST) Updated:Wed, 22 Jul 2015 12:30 PM (IST)
अब AAP की नजर DUSU पर, क्‍या केजरी का जादू छात्रों के सिर चढ़ कर बोलेगा ?

नई दिल्ली [अभिनव उपाध्याय] । राजधानी में हुए विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित जीत के बाद अब आम आदमी पार्टीं (आप) की छात्र इकाई छात्र युवा संघर्ष समिति (सीवाईएसएस) दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के छात्र संघ चुनाव में किस्मत आजमाने के लिए बेताब है।

जब से आप ने इस बात का ऐलान किया है तब से न केवल वहां के छात्रों में बल्कि रणनीतिकारों के मन मे भी यह सवाल लगातार हिलोरे मार रहा है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया के कब्जे में रहने वाले छात्र संघ चुनाव में क्या केजरीवाल का जादू चलेगा।

DU में सत्र के पहले दिन ही चुनावी रणनीतिकार सीवाईएसएस की धमाकेदार एंट्री मान रहे हैं। वह यह भी मान रहे हैं कि अन्य छात्र संगठनों की अपेक्षा इनके प्रचार का तरीका और छात्रों से जुडऩे का तरीका बिल्कुल अलग है।

ऐसे में यदि सीवाईएसएस छात्रसंघ किसी सीट पर कब्जा नहीं भी कर पा रही हैं फिर भी एक बड़ा उलटफेर जरूर कर देगी। कुछ लोगों का ऐसा भी मानना है कि विधानसभा चुनाव में सभी वामपंथी छात्र संगठनों ने केजरीवाल के लिए जमकर चुनाव प्रचार किया था और तमाम मतभेद भुलाकर पार्टी को जिताने के लिए अपनी ताकत झोंक दी थी।

ऐसे में यह देखना होगा कि यह वापमंथी छात्र संगठनों के साथ कोई गठबंधन करते हैं या खुद के बल पर चुनाव लड़ते हैं। हालांकि गठबंधन की संभावना कम है, क्योंकि छात्र हितों और महिला सुरक्षा के मुददों को लेकर वामपंथी छात्र संगठनों ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन कर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।

सत्र के पहले दिन ही कैंपस में विभिन्न छात्र संगठनों के बीच पोस्टर वार सामने आ चुका है। अब आने वाले दिनों में यह और बढ़ेेगा। छात्र संघ चुनाव में धन बल और बाहुबल के जोर में सीवाईएसएस कितना दम दिखाएगी यह भी देखने वाली बात होगी। पिछले तीन साल से आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन के वोट फीसद में बढोतरी हुई है ऐसे में सीवाईएसएस के राह इतनी आसान नहीं होगी।


सीवाईएसएस के प्रदेश अध्यक्ष अनुपम का कहना है कि डीयू छात्र संघ चुनाव में केजरीवाल का जादू सर चढ कर बोलेगा। पिछले पांच दशक में एबीवीपी और एनएसयूआई के घोषणापत्र को पढने की जरूरत है, क्योंकि इन्होंने बस वादे किए हैं लेकिन उस पर अमल नहीं किया है। हम छात्र को उसकी भाषा में किताबें मुहैया कराने के साथ साफ सस्ती कैंटीन को भी प्रमुखता दे रहे हैं आंतरिक सर्वे भी हमारे पक्ष में हैं इसलिए हम अपने को अगली कतार में मान रहे हैं।


उधर, एबीवीपी के प्रदेश मंत्री साकेत बहुगुणा का कहना है कि पहली बार विधानसभा चुनाव लडने और छात्र संघ चुनाव लडने में अंतर है। सीवाईएसएस प्रचार के लिए प्रपंच का सहारा लिया है यह पहले दिन ही स्पष्ट हो चुका है। दिल्ली में आप की सरकार का असर छात्र संघ चुनाव में नहीं पड़ेगा, क्योंकि जनता के सामने आम आदमी पार्टी के दावों की पोल खुल रही है। हम आगामी भविष्यवाणी नहीं कर रहे हैं, लेकिन हम इस बार भी मेहनत और इमानदारी से चुनाव लड़ेंगे।


उधर, एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रोजी जॉन का कहना है कि हम हर बार कि तरह इस बार भी मुकाबले में हैं और दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र इसे जानते हैं। सत्र के पहले दिन सीवाईएसएस के छात्र कम उनके एमएलए और उनके समर्थक अधिक थे। इनके प्रचार प्रचार का ठेका भी निज कंपनी को दिया गया है। जिस तरह से यह धन खर्च कर रहे हैं उसकी जांच होनी चाहिए।

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