कन्हैया की IB से जांच की मांग पर याचिकाकर्ता से HC ने पूछा 'आप होते कौन हैं?'

देशद्रोह के आरोप में सशर्त जमानत पर रिहा जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दिल्ली हाईकोर्ट ने कन्हैया कुमार के खिलाफ दायिर उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें मांग की गई थी कि कन्हैया के केस

By JP YadavEdited By: Publish:Tue, 15 Mar 2016 12:10 PM (IST) Updated:Wed, 16 Mar 2016 11:16 AM (IST)
कन्हैया की IB से जांच की मांग पर याचिकाकर्ता से HC ने पूछा 'आप होते कौन हैं?'

नई दिल्ली। देशद्रोह के आरोप में सशर्त जमानत पर रिहा जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दिल्ली हाईकोर्ट ने कन्हैया कुमार के खिलाफ दायिर उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें मांग की गई थी कि कन्हैया के केस की जांच आईबी करे और जेएनयू में देश विरोधी गतिविधियों को रोका जाए। इसके अलावा, कन्हैया की जमानत रद करने की मांग की गई है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने पूछे याचिकाकर्ता से सवाल

1. हाईकोर्ट ने कहा कि आप कह रहे हैं कि आप भारतीय नागरिक हैं, तो बताइए कि आप कितने मामलों में दखल देते हैं।

2.आप कौन हैं जो इस मामले मे आइबी की जांच चाहते हैं
3. आप जैसे समाज सेवियों की जरूरत नहीं
4. देश की एजेंसियां जानती हैं कि क्या करना है
5. याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ली

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एडवोकेट सुग्रीव दुबे की ओर से दायर याचिका में मांग की थी कि कन्हैया के केस की जांच आइबी करे और जेएनयू में देश विरोधी गतिविधियों को रोका जाए। याचिका में यह भी कहा गया था कि अंतरिम जमानत पर के बाद जेल से बाहर आने के बाद कन्हैया ने जमानत शर्तें का उल्लंघन किया है।

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याचिकाकर्ता के मुताबिक, भारतीय सेना के जवानों के बारे में 9 फरवरी को दिया गया बयान देशद्रोह की श्रेणी में आता है। कन्हैया ने रिहाई के बाद असम, नागालैंड के बारे में जो बयान दिया था वो देश की नीतियों के खिलाफ है।

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट से कन्हैया कुमार को सशर्त जमानत मिली थी। इसमें साफ कहा गया था कि देशद्रोह के आरोपी जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने अगर हाई कोर्ट के एक भी दिशानिर्देश को गंभीरता से नहीं लिया तो उसकी अंतरिम जमानत रद्द हो सकती है। हाई कोर्ट ने कन्हैया को स्पष्ट निर्देश दिया था कि वह किसी भी प्रकार की देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त न हों।

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