गलत तरीके से खारिज हुई थी प्रणब की किताब के अंश के खिलाफ दायर याचिका

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की किताब 'टर्बुलेंट इयर 19

By JagranEdited By: Publish:Mon, 09 Apr 2018 08:52 PM (IST) Updated:Mon, 09 Apr 2018 08:52 PM (IST)
गलत तरीके से खारिज हुई थी प्रणब की  किताब के अंश के खिलाफ दायर याचिका
गलत तरीके से खारिज हुई थी प्रणब की किताब के अंश के खिलाफ दायर याचिका

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की किताब 'टर्बुलेंट इयर 1980-1996' से हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने वाले आपत्तिजनक तथ्य हटाने की मांग को लेकर दायर याचिका निचली अदालत ने गलत तरीके से खारिज की थी। यह टिप्पणी करते हुए हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति नजमी वजीरी ने मामले को 24 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।

न्यायमूर्ति नजमी वजीरी ने याचिकाकर्ता की दलील सुनने के बाद मामले से जुड़े कुछ अन्य तथ्य पेश करने का आदेश दिया। याचिकाकर्ता के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि किताब का जिस समय विमोचन हुआ था प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति थे और याचिका भी तभी दायर की गई थी। उन्होंने कहा कि याची किताब से सिर्फ आपत्तिजनक तथ्य को हटाने की मांग कर रहा है, जिससे ¨हदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा कि निचली अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति के लिखित बयान दिए बगैर ही याचिका को खारिज कर दिया था, जबकि उनकी तरफ से कोर्ट में पेश हुए वकील पक्ष रखने को तैयार थे।

एक सामाजिक कार्यकर्ता व वकीलों के समूह की तरफ से वकील विष्णु शंकर जैन ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए किताब से आपत्तिजनक अंश हटाने की मांग करते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता का कहना है, किताब में लिखा गया है कि बाबरी मस्जिद के विध्वंस से सारे भारतीयों का सिर झुक गया था और राम जन्मभूमि मंदिर का ताला पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने खुलवाया था, जबकि ताला न्यायालय के आदेश पर खोला गया था।

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