लोग खुश रहें तो देश में खत्म हो जाएंगे मुकदमे : रंजन गोगोई

110 तक राज्य ब्यूरोनई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अहम मौजूदगी में दिल्ली सरकार की पहली हैप्पीनेस एजूकेशन कॉन्फ्रेस में आयोजित हुई। तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में चीफ जस्टिस ने शिक्षा पर दिल्ली सरकार की ओर से किए जा रहे कार्यों की तारीफ करते हुए कहा कि बच्चों को ही नहीं हम सभी को हैप्पीनेस चाहिए। अगर लोग खुश रहें तो मुकदमे भी कम हो जाएंगे। दिल्ली सरकार के हैप्पीनेस कार्यक्रम को लेकर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि आज मैं बहुत खुश हूं। यह एक बड़े और यूनिक कार्यक्रम की पहली वर्षगांठ है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 31 Jul 2019 08:45 PM (IST) Updated:Sat, 03 Aug 2019 06:27 AM (IST)
लोग खुश रहें तो देश में खत्म हो जाएंगे मुकदमे : रंजन गोगोई
लोग खुश रहें तो देश में खत्म हो जाएंगे मुकदमे : रंजन गोगोई

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली :

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने दिल्ली सरकार की पहली हैप्पीनेस एजुकेशन कॉन्फ्रेंस में कहा कि हैप्पीनेस हम सभी को चाहिए। तालकटोरा स्टेडियम में शिक्षा पर दिल्ली सरकार की ओर से किए जा रहे कार्यो की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि अगर लोग खुश रहें तो मुकदमे भी कम हो जाएंगे।

बतौर मुख्य अतिथि खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा, आज मैं बहुत खुश हूं। यह एक बड़े और यूनिक कार्यक्रम की पहली वर्षगांठ है। जहां 1024 स्कूलों के बच्चे प्रतिदिन 45 मिनट खुश रहना सीखते हैं। उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि आप भी बच्चों को खुश रहना सिखाएं, खुशी के मायने बताएं। उन्होंने देश के लंबित मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि अगर लोग खुश हैं तो मुकदमेबाजी की समस्या खत्म हो जाएगी। बच्चों के लिए ये बहुत अच्छा है कि इस कार्यक्रम के जरिये उन्हें छोटी उम्र में इसकी अहमियत पता लग रही है। यह मैंने दोस्तों से भी शेयर किया है कि हैप्पीनेस क्लासेस जुडिशरी में भी होनी चाहिए।

हैप्पीनेस करिकुलम की आवश्यकता को बताते हुए उन्होंने कहा कि बिना खुशी के शिक्षा कभी पूरी नहीं हो सकती है। युवाओं में यह एक गंभीर समस्या है वे अपने आस-पास क्या हो रहा है, इसे देखकर दुखी होते हैं। इस कार्यक्रम को देश के सभी स्कूलों में शुरू किए जाने पर उन्होंने जोर दिया। कार्यक्रम में उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता उपराज्यपाल अनिल बैजल ने की। मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया प्रमुख रूप से पूरे कार्यक्रम में मौजूद रहे।

हैप्पीनेस करिकुलम क्लास के एक साल पूरे होने पर दिल्ली के सभी स्कूलों में हैप्पीनेस उत्सव 16 से 30 जुलाई तक मनाया गया। इस कार्यक्रम को कई राज्यों ने अगले सत्र अपने यहां चालू करने पर सहमति भी जताई। इस कार्यक्रम के जरिए देश के स्कूलों में शिक्षा सुधारों के लिए विभिन्न राज्यों को एक मंच प्रदान किया गया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने चीफ जस्टिस का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज हमारे छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। क्योंकि चीफ जस्टिस कोर्ट के कार्यदिवस के बीच में हमारे बीच हैं। हैप्पीनेस करिकुलम के बारे में बोलते हुए सीएम ने कहा कि यह केवल एक सरकारी योजना नहीं है। दिल्ली सरकार के 8 लाख विद्यार्थी इसे प्रतिदिन अनुभव कर रहे हैं। साथ ही उनके अभिभावक भी छात्रों में आ रहे बदलाव को देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन बच्चों में से ही कोई दिल्ली का भावी सीएम, भविष्य का चीफ जस्टिस, उपराज्यपाल बनकर उभरेगा। शायद इन बच्चों में से ही देश के प्रधानमंत्री का उदय होगा। सभी को इस प्रयास में साथ आने की जरूरत है।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि हम उन लोगों के लिए एक सर्टिफिकेट कोर्स पर काम कर रहे हैं, जो देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में हैप्पीनेस पाठ्यक्रम शुरू करना चाहते हैं। हमें इसकी आवश्यकता महसूस होती है, क्योंकि व‌र्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स पर भारत का स्थान गिरा है और वह 118 से 140वें स्थान पर पहुंच गया है।

कार्यक्रम में मध्य प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम और तेलंगाना के शिक्षा मंत्रियों के अलावा लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद के कार्यकारी पार्षद शिक्षा और नागालैंड सरकार के सलाहकार भी शामिल हुए। भूटान के फुकुओका प्रीफेक्चुरल गवर्नमेंट, जापान के प्रतिनिधियों के अलावा एमोरी यूनिवर्सिटी और इंस्टीट्यूट ऑफ हैप्पीनेस, भूटान के सामाजिक भावनात्मक और नैतिक शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ ने भी भाग लिया। कार्यक्रम में दिल्ली सरकार के स्कूलों के करीब 3000 शिक्षक और बच्चों के अलावा देश दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आए 500 अतिथियों ने भाग लिया।

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