चिड़ियाघर में हो रही है एनजीटी के नियमों की अनदेखी

राकेश प्रजापति, नई दिल्ली: वृक्षों की सुरक्षा और उन्हें सूखने से बचाने के लिए कई स्तरों पर नियम का

By Edited By: Publish:Sun, 22 May 2016 09:33 PM (IST) Updated:Sun, 22 May 2016 09:33 PM (IST)
चिड़ियाघर में हो रही है एनजीटी के नियमों की अनदेखी

राकेश प्रजापति, नई दिल्ली:

वृक्षों की सुरक्षा और उन्हें सूखने से बचाने के लिए कई स्तरों पर नियम कानून बनाए जा रहे हैं। एनजीटी द्वारा भी वृक्षों को बचाने के लिए समय-समय पर दिशानिर्देश जारी किए जाते रहे हैं। इसमें से एक नियम के तहत वृक्ष के इर्द-गिर्द सीमेंट से पक्का किए जाने पर रोक भी है। लेकिन यहां पर खुलेआम इस नियम की अनदेखी की जा रही है।

प्रवेश द्वार से लेकर चिड़ियाघर के अंदर तक दर्जनों ऐसे वृक्ष देखने को मिल जाएंगे जिनके इर्द गिर्द नियमों के तहत जगह नहीं छोड़ी गई। एनजीटी का आदेश है कि वृक्ष के इर्द गिर्द एक मीटर के दायरे में सीमेंट से पक्का नहीं किया जा सकता। जिससे की पेड़ों की जड़ों में पानी आदि पहुंच सके और वह सूखे न।

लेकिन यहां पर टिकट काउंटर के बाहर खड़ा सूखा सेंभल वृक्ष इस बात की गवाही दे रहा है कि नियमों की अनदेखी ने उसकी जान ले ली। काउंटर के बाहर खाली पड़े जगह में गार्डन बनाया गया है और बाकी जगहों को सीमेंट से पक्का कर दिया गया है। पक्का करने के दौरान पेड़ को भी सीमेंट से कस दिया गया जिससे वह कुछ दिन में ही सूख गया।

हालांकि इसके सूखने की वजह पर चिड़ियाघर प्रशासन बोलने से बच रहा है लेकिन वहां के प्रवक्ता रियाज खान ने बताया कि पेड़ के सूखे हुए ढांचे को गिराने के लिए चिड़ियाघर प्रशासन ने वन विभाग से अनुमति मांगी है।

यहां पर दर्जनों ऐसे पेड़ हैं जो नियमों की अनदेखी के शिकार हो रहे हैं। जिनमें से कुछ ईमू के बाड़े के सामने फुटपाथ पर लगे हैं। जिनके इर्द गिर्द टाइल बिछाई गई है और एक मीटर के नियम का ध्यान नहीं रखा गया। निदेशक दफ्तर की स्कूटर पार्किग में भी शीशम का पेड़ इसी वजह से सूखने का इंतजार कर रहा है। इस भीषण गर्मी के दिनों में वृक्षों के लिए नमी काफी जरूरी है लेकिन सीमेंट से पक्का होने की स्थिति में इनपर सूखने का खतरा बढ़ रहा है।

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