ओम नम: शिवाय

पीतमपुरा के पीयू ब्लॉक स्थित सदाशिव मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। यह न सिर्फ स्थानीय लोगों के ल

By Edited By: Publish:Sun, 02 Aug 2015 10:59 PM (IST) Updated:Sun, 02 Aug 2015 10:59 PM (IST)
ओम नम: शिवाय

पीतमपुरा के पीयू ब्लॉक स्थित सदाशिव मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। यह न सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि आसपास के सभी लोगों के लिए बेहद विशेष है। यहां प्रतिदिन भक्तों और श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी रहता है। इस मंदिर में पीतमपुरा के अलावा प्रशांत विहार व आसपास के क्षेत्र के लोग भगवान शिव की पूजा अर्चना करने आते हैं। इस मंदिर का आकार बहुत बड़ा नहीं है। इसमें भगवान शंकर के कई रूप देखने को मिल जाते हैं, जिससे श्रद्धालु प्रसन्न हो जाते हैं। पॉश इलाके में स्थित यह मंदिर पूरे वर्ष भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है। मंदिर परिसर की सफाई को लेकर भी सभी प्रकार की व्यवस्थाएं की गई हैं। मंदिर में कई तस्वीरें और पें¨टग को भी लगाया गया है, जो इसे खूबसूरत और आकर्षक बनाता है।

इतिहास

वर्ष 1980 में निर्मित इस सदाशिव मंदिर की स्थापना की गई थी। इसकी स्थापना एस एम असरी ने करवाई थी। मंदिर के भीतर शिव¨लग के अलावा भगवान शिव की सुंदर मूर्ति भी स्थापित की गई है। क्षेत्र में इस मंदिर की काफी लोकप्रियता है। विशाल शिव¨लग के पीछे बड़े अक्षरों में दीवार पर ओम नम: शिवाय को उकेरा गया है, जिससे यह और अधिक खूबसूरत दिखाई देता है। मंदिर में राधा-कृष्ण की सुंदर प्रतिमा भी है, जो श्रद्धालुओं को यहां खींच लाती है। मंदिर की दीवारों पर कई सुंदर चित्र उकेरे हुए हैं, जिसमें चारों धाम के दर्शन कर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध और भाव-विभोर हो जाते हैं। इन चित्रों में समुद्र मंथन का वह दृश्य भी उकेरा गया है जिसमें भगवान शिव विष का प्याला पी रहे हैं।

तैयारियां

श्रावण माह के दौरान मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए कई प्रकार के कार्यक्रम की तैयारियां की जाती हैं। इसके तहत भजन-कीर्तन, संगीत व ढोलक सभी की तैयारियां की गई है। इसके अलावा मंदिर परिसर को सुंदर लडि़यों और लाइटों से सजाया गया है। श्रावण शिवरात्रि के मौके पर मंदिर के आस-पास की सफाई के बेहतर और संतोषजनक इंतजाम हैं। सुंदर तोरणद्वार और फूलों की मदद से इसे और भी सुंदर और आकर्षक बनाने का प्रयास किया जा रहा है। कांवडि़यों के रुकने के लिए भी मंदिर में बेहतर इंतजाम हैं। जिसके लिए हर वर्ष खास सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं।

ऐसे पहुंचें

मंदिर तक पहुंचने के लिए पीतमपुरा मेट्रो स्टेशन सबसे सुलभ तरीका है। स्टेशन के बाद ई-रिक्शा या साधारण रिक्शा की मदद से आसानी से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा बस और निजी वाहन भी मंदिर तक पहुंचने में मददगार साबित हो सकते हैं।

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सावन में भक्तों के लिए शिव¨लग पर जल चढ़ाने का खास महत्व होता है। इसमें उन्हें अलग ही अनुभूति प्राप्त होती है। शिवदर्शन के लिए व्याकुल श्रद्धालुओं का उत्साह इस दौरान देखते ही बनता है। लोग बेहद श्रद्धा के साथ बेलपत्र और धतूरे के फूल से भगवान की शिव की पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि शिव की अर्चना से जीवन की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

-विद्यादत्त त्रिपाठी, पुजारी।

मंदिर में आने वाले लोगों को बड़े सुख की प्राप्ति होती है। लोक आत्मिक शांति और सुख की कामना के लिए सावन माह में मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को यहां मौजूद चित्रों के माध्यम से एक साथ चारों धाम का दर्शन हो जाता है। इससे लोगों को प्रसन्नता मिलती है।

-रेखा पुरी, श्रद्धालु।

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