एसिड अटैक के आरोपी रहम के लायक नहीं : हाईकोर्ट
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
एसिड अटैक करने वाले लोगों के प्रति कानून को सख्त रवैया अपनाना चाहिए। इस तरह की गंभीर वारदात को अंजाम देने वालों पर किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरती जानी चाहिए।
यह टिप्पणी दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति जीएस सिस्तानी और न्यायमूर्ति जीपी मित्तल की खंडपीठ ने की। कोर्ट ने दहेज की माग पूरी न होने पर अपनी पत्नी पर तेजाब फेंकने वाले व्यक्ति नितिन कुमार को राहत देने से इन्कार कर दिया। साथ ही नितिन को निचली अदालत द्वारा दी गई उम्रकैद की सजा को उचित ठहराया।
हाईकोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामलों से कड़े हाथों से निपटना जरूरी है। खंडपीठ ने निचली अदालत के 7 जनवरी, 2009 के फैसले के उस आदेश को भी ठीक ठहराया, जिसमें कहा गया है कि उम्रकैद का मतलब उम्रकैद होना चाहिए। आरोपी को उसके व्यवहार को देखते हुए सजा में किसी तरह की राहत न दी जाए।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी नितिन गोकुलपुरी इलाके में रहता था। उसकी शादी 31 मई, 2005 को हुई थी। पर्याप्त दहेज न लाने पर आरोपी व उसके परिजनों ने महिला को प्रताड़ित किया। 20 नवंबर, 2006 को आरोपी नितिन की पत्नी से किसी बात को लेकर लड़ाई हुई और उसने उसपर तेजाब फेंक दिया। इस घटना के लगभग एक माह बाद 17 दिसंबर, 2006 को महिला की मौत हो गई थी।
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