भारतीय गेंदबाजों ने पुतले के साथ नहीं किया अभ्यास
भारत के गेंदबाजी कोच जो डावेस को कोचिंग में अलग तरह की प्रणाली के इस्तेमाल के लिए पिछले कुछ समय से आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय गेंदबाजों ने ऐसे में श्रीलंका के खिलाफ होने वाले अभ्यास मैच से पूर्व रविवार को सात फुट के पुतले की मौजूदगी में अभ्यास नहीं किया था। लाल और काले रंग का यह पुतला कि
फातुल्लाह। भारत के गेंदबाजी कोच जो डावेस को कोचिंग में अलग तरह की प्रणाली के इस्तेमाल के लिए पिछले कुछ समय से आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय गेंदबाजों ने ऐसे में श्रीलंका के खिलाफ होने वाले अभ्यास मैच से पूर्व रविवार को सात फुट के पुतले की मौजूदगी में अभ्यास नहीं किया था।
लाल और काले रंग का यह पुतला कथित तौर पर मुलायम रबड़ का बना हुआ है और इसे ऑस्ट्रेलिया से आयात किया गया है। ट्रेनिंग सत्र के दौरान इसके इस्तेमाल का मुख्य लक्ष्य तेज गेंदबाजों को विशिष्ट क्षेत्र में गेंदबाजी का अभ्यास कराना है जैसे कि बाउंसर या यॉर्कर फेंकना या ऑफ स्टंप के बाहर निश्चित जगह पर गेंदबाजी करना। रविवार को शाम ढाई घंटे के ट्रेनिंग सत्र के दौरान हालांकि भुवनेश्वर कुमार, वरुण एरोन, मुहम्मद शमी और मोहित शर्मा की तेज गेंदबाजी चौकड़ी में से कोई भी पुतले को गेंदबाजी का इच्छुक नहीं दिखा।
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इस पुतले का सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका दौरे के दौरान इस्तेमाल किया गया था, लेकिन ऐसा लगता है कि गेंदबाजों की इसे गेंदबाजी करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। भारतीय तेज गेंदबाजों ने पुतले की जगह नेट्स पर बल्लेबाजों को गेंदबाजी करने में अधिक रुचि दिखाई। अंत में पुतले को जमीन में पड़ा देखा गया क्योंकि बल्लेबाज थ्रो डाउन और छक्के जड़ने का अभ्यास करना चाहते थे। बाद में इसे बिना इस्तेमाल किए ही वापस ले जाया गया।