गेंदबाजों को ज्यादा अहमियत दे रही हैं टीमें

[रवि शास्त्री] इस सत्र में मीडियम पेसरों को खरीदने के मामले में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर ने सभी को पीछे छोड़ दिया। उनके पास कम से कम 15 ऐसे गेंदबाज हैं। चेन्नई ने आइपीएल-6 की नीलामी में क्रिस मौरिस, अकिला धनंजय, डर्क नानेस, जेसन होल्डर और बेन लॉफिन को हासिल किया, यह सभी गेंदबाज हैं। कोलकाता ने सुनील नरेन, शाकिब अल हसन, यूसुफ पठान और इकबाल अब्दुल्ला की मौजूदगी के बावजूद एक अन्य स्पिनर सचित्रा सेनानायके को शामिल किया।

By Edited By: Publish:Fri, 05 Apr 2013 01:31 PM (IST) Updated:Fri, 05 Apr 2013 01:31 PM (IST)
गेंदबाजों को ज्यादा अहमियत दे रही हैं टीमें

[रवि शास्त्री] इस सत्र में मीडियम पेसरों को खरीदने के मामले में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर ने सभी को पीछे छोड़ दिया। उनके पास कम से कम 15 ऐसे गेंदबाज हैं। चेन्नई ने आइपीएल-6 की नीलामी में क्रिस मौरिस, अकिला धनंजय, डर्क नानेस, जेसन होल्डर और बेन लॉफिन को हासिल किया, यह सभी गेंदबाज हैं। कोलकाता ने सुनील नरेन, शाकिब अल हसन, यूसुफ पठान और इकबाल अब्दुल्ला की मौजूदगी के बावजूद एक अन्य स्पिनर सचित्रा सेनानायके को शामिल किया।

यह सिलसिला यहीं नहीं रुका। पुणे की टीम में इस बार केन रिचर्डसन, अजंता मेंडिस और अभिषेक नायर शामिल हुए। हैदराबाद ने क्लिंट मैके, डेरेन सैमी, तिषारा परेरा और नाथन मैकुलम को टीम का हिस्सा बनाया। राजस्थान रॉयल्स ने फिडेल एडव‌र्ड्स और मुंबई इंडियंस ने तेज गेंदबाज नाथन नाइल को लिया। वास्तव में इस साल की नीलामी में विशेषज्ञ बल्लेबाजों को टीमों ने बेहद कम तवज्जो दी।

टीमों द्वारा गेंदबाजों को महत्व देने की कई कारण हैं। कई टीमों के पास तेज गेंदबाजों का अभाव है तो कई को स्पिनरों की कमी खल रही है। कुछ की समस्या डेथ ओवरों की गेंदबाजी है। इसे आसानी से समझा जा सकता है कि मुंबई, बेंगलूर और हैदराबाद की पिचें तेज गेंदबाजों को मदद करती हैं, जबकि चेन्नई, कोलकाता की पिचें धीमे गेंदबाजों की ऐशगाह होती हैं। आखिरकार आपको भिन्न परिस्थितियों के लिए अलग-अलग गेंदबाजों की जरूरत होती है। आइपीएल जैसे लंबे टूर्नामेंट में चोट लगना हमेशा से एक समस्या रही है। ऐसे में आपको आपात स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए।

आदर्श स्थिति में किसी टीम को हर तरह की परिस्थितियों में तीन मैच विनर गेंदबाजों की जरूरत होती है। जब मैं मैच विजेता गेंदबाजों की बात कर रहा हूं तो इसका मतलब है कि उस गेंदबाज का स्ट्राइक रेट और इकॉनॉमी रेट दोनों बढि़या हो। उदाहरण के लिए मोर्नी मोर्केल, जिन्होंने पिछले आइपीएल में 25 विकेट लिए, लेकिन उनका इकॉनॉमी रेट बहुत अच्छा नहीं था। मगर सुनील नरेन जैसे गेंदबाज इस कसौटी पर पूरी तरह खरे उतरते हैं। इस कतार में मलिंगा, बालाजी, शाकिब अल हसन और अश्विन भी शामिल हैं।

टी-20 के बारे में जो कहा जाता है कि ये चौकों और छक्कों का खेल है। मगर ध्यान देने वाली बात है कि क्रिस गेल भी अभी तक बेंगलूर के लिए ट्रॉफी नहीं जीत सके हैं। (टीसीएम)

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