बदनाम हुआ तो क्या नाम न हुआ..आईपीएल की मची धूम

(रूपेश रंजन सिंह) नई दिल्ली। कौन चाहेगा कि वह बदनाम हो. लेकिन बदनामी अपने साथ शोहरत और पैसा दोनों लेकर आए तो क्या आप उसे क्या कहेंगे? आईपीएल का भी यही हाल है। छह साल पहले शुरू हुआ क्रिकेट का यह एंटरटेंमेंट रूप खिलाड़ियों की जिंदगी में शराब, शबाब और पैसों की बरसात लेकर आया। लेकिन साथ ही यह लीग हर साल किसी न किसी वजह से

By Edited By: Publish:Sat, 18 May 2013 01:23 PM (IST) Updated:Tue, 21 May 2013 09:14 AM (IST)
बदनाम हुआ तो क्या नाम न हुआ..आईपीएल की मची धूम

(रूपेश रंजन सिंह) नई दिल्ली। कौन चाहेगा कि वह बदनाम हो. लेकिन बदनामी अपने साथ शोहरत और पैसा दोनों लेकर आए तो क्या आप उसे क्या कहेंगे? आईपीएल का भी यही हाल है। छह साल पहले शुरू हुआ क्रिकेट का यह एंटरटेंमेंट रूप खिलाड़ियों की जिंदगी में शराब, शबाब और पैसों की बरसात लेकर आया। लेकिन साथ ही यह लीग हर साल किसी न किसी वजह से विवाद में भी रही।

लड़की छेड़ने, मारपीट करने, ड्रग्स लेने से लेकर यहां अब स्पॉट फिक्सिंग के मामले भी सामने आ गए। हर दूसरा आदमी इस लीग को आड़े हाथों लेने को तैयार है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इतनी बदनामी के बावजूद इसकी ब्रैंड वैल्यू घटने के बजाए बढ़ी ही है।

आपको यह जानकर शायद आश्चर्य होगा कि हर साल नए विवादों में फंसने वाली इस लीग की ब्रैंड वैल्यू में इस साल चार प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। पिछले चार सालों से इसकी ब्रैंड वैल्यू स्थिर थी। आइपीएल 2013 में इसकी कुल ब्रैंड वैल्यू पिछले साल के 2.92 बिलियन डॉलर (लगभग 160 अरब रुपये) से बढ़कर 3.03 बिलियन डॉलर (लगभग 166 अरब रुपये) हो गई है। हालांकि 2010 में इसकी जो ब्रैंड वैल्यू थी (4.13 बिलियन डॉलर) उससे यह अभी भी काफी कम है। आइपीएल में भाग ले रही नौ टीमों की ब्रैंड वैल्यू में भी थोड़ा इजाफा होते हुए कुल 325.8 मिलियन डॉलर हो गया है, जो पिछले साल तक 321 मिलियन डॉलर था।

आंकड़ों के अनुसार चेन्नई सुपरकिंग्स इस साल की सबसे वैल्यूबल फ्रेंचाइजी है। उसकी ब्रैंड वैल्यू 45.28 मिलियन डॉलर से बढ़कर 45.42 मिलियन डॉलर हो गई है। वह फ्रेंचाइजी जिसकी ब्रैंड वैल्यू में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ है वह है गत चैंपियन केकेआर। अभिनेता शाहरुख खान की फ्रेंचाइजी ने 15.2 प्रतिशत की छलांग लगाई है। 39.03 मिलियन डॉलर से 44.98 मिलियन डॉलर तक का सफर तय करते हुए केकेआर की टीम ब्रैंड वैल्यू की सूची में चौथे से दूसरे स्थान पर पहुंच गई है। मुंबई इंडियंस और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर दो ऐसी टीमें हैं जिनकी ब्रैंड वैल्यू में गिरावट आई है। जिस टीम के तीन खिलाड़ी स्पॉट फिक्सिंग में फंसे हैं उस राजस्थान रॉयल्स की ब्रैंड वैल्यू भी बढ़ी है। इन आंकड़ों के देखकर क्या आप नहीं कहेंगे. बदनाम हुआ तो क्या नाम न हुआ..।

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