भारतीय टीम में वापसी करना होगा मुश्किल: युवराज सिंह

हरफनमौला खिलाड़ी युवराज सिंह भारतीय टीम में एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने हमेशा प्रदर्शन को ही प्राथमिकता दी है। अपने कॅरियर में युवराज ने एडम गिलक्रिस्ट, सईद अनवर, क्रिस गेल, स्टीफन फ्लेमिंग या अर्जुन राणातुंगा जैसे बाएं हाथ के बल्लेबाज की तुलना में ज्यादा मैच खेले हैं।

By ChandanEdited By: Publish:Mon, 17 Nov 2014 04:01 PM (IST) Updated:Tue, 18 Nov 2014 06:51 PM (IST)
भारतीय टीम में वापसी करना होगा मुश्किल: युवराज सिंह

हरफनमौला खिलाड़ी युवराज सिंह भारतीय टीम में एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने हमेशा प्रदर्शन को ही प्राथमिकता दी है। अपने कॅरियर में युवराज ने एडम गिलक्रिस्ट, सईद अनवर, क्रिस गेल, स्टीफन फ्लेमिंग या अर्जुन राणातुंगा जैसे बाएं हाथ के बल्लेबाज की तुलना में ज्यादा मैच खेले हैं। उन्होंने अब तक 293 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 36.37 की औसत से कुल 8329 रन बनाए हैं। उनका स्ट्राइक रेट 87.24 रहा है।

यही नहीं, युवराज ने पहले ट्वेंटी -20 विश्व कप में एक प्रमुख गेंदबाज के एक ओवर में छह छक्के का रिकॉर्ड भी बनाया है। उनके इसी प्रदर्शन की बदौलत भारत ने ट्वेंटी -20 विश्व कप का पहला खिताब अपने नाम किया था। युवराज ने अपने जीवन में काफी उतार-चढ़ाव देखा है। उन्होंने न केवल कैंसर जैसी भयंकर बीमारी को पराजित किया बल्कि भारतीय टीम में भी वापसी की। फिलहाल उनके 2015 एकदिवसीय विश्व कप में होने और न होने का संशय बना हुआ है।

आइए युवराज से इस संबंध में बातचीत करने की कोशिश करते हैं।

2011 में लोगों का मानना था कि आपकी वापसी हो जाएगी क्योंकि आप तब स्टार थे। लेकिन अब आपका जीवन थोड़ा बदल गया है।
मेरा जीवन बदल चुका है। एक समय था जब मैं अपने जीवन से काफी जूझ रहा था। तब मेरी कहानी दिलचस्प हो गई थी। फिलहाल मैं एक सकारात्मक सोच के साथ टीम में वापसी के लिए कोशिश कर रहा हूं। मैं टीम में वापसी के लिए हमेशा ही भाग्यशाली रहा हूँ। वापसी करने के बाद मैंने अच्छा नहीं खेला, लेकिन मैंने हमेशा पूरी कोशिश की है और जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण रखा है।

हर सीजन के शुरू में चुनौतिया होती हैं। अब आपके सामने क्या चुनौतियां हैं?
कैंसर से पार पाना मेरे लिए एक बड़ी चुनौती थी। कितना अच्छा होता है जब आप एक खिलाड़ी की तरह फिट होते हैं। मुझे अपने शरीर के लिए बहुत मेहनत करना पड़ा है। मुझे धैर्य रखना होगा। मैंने इस ऑफ सीजन में अपना सब कुछ दे दिया और कड़ी मेहनत की। अब एक उम्मीद के साथ नए सीजन का इंतजार कर रहा हूँ।

भारतीय वनडे टीम में वापसी के लिए क्या लक्ष्य होना चाहिए?
मैने कई बार अपने लक्ष्य को हासिल किया है और कई बार मैं विफल भी रहा हूँ। जब मैं टीम से बाहर था तो मेरा पहला लक्ष्य टीम में वापसी करना था लेकिन सफलता असफलता मेरे हाथ में नहीं है। किसी भी खिलाड़ी के लिए टीम में जगह बनाना एक लक्ष्य की तरह है। अब मैं पूरी उर्जा के साथ अपनी क्षमता को इस्तेमाल करने के लिए तैयार हूँ।

हाल ही में ऐसा कहा जाता रहा है कि आप केवल ट्वेंटी -20 के हिस्सा बनकर रह गए हैं।
यह मेरे लिए हमेशा निराशाजनक रहा है। मैंने हमेशा कोशिश की है कि मैं किसी एक फॉरमेट में बंधा न रहूं। उम्मीद करता हूँ ऐसी धारणा बदलेगी और मैं दोबारा वापसी करुंगा।

आपके स्वास्थ्य और फिटनेस के बारे में अटकले हमेशा लगते रहे हैं। आप क्या कहेंगे इस पर?
मुझे कड़ी मेहनत करते हुए दो साल हो गया है। मुझे लगता है कि जब मैने 2011 का विश्व कप खेला था उसकी तुलना में फिलहाल मैं काफी बेहतर स्थिति में हूँ। मैं अपने बेस्ट शॉट के साथ टीम में वापसी करुंगा, फिलहाल मैं टीम वापसी के लिए संघर्ष कर रहा हूं और जितना मुझे खुद पर विश्वास है उतना किसी और को मुझ पर नहीं है।


विश्व कप में अब ज्यादा समय नहीं रह गया है आप खुद को कैसे तैयार कर रहे हैं ?
विश्व कप नजदीक है इस लिहाज से मन में उत्सुकता भी है। टीम में जगह बनाने के लिए जहां तक संभव हो सके मैं तैयारी कर रहा हूं। वैसे टीम में युवा खिलाड़ी बहुत ही अच्छा कर रहे हैं। अब देखते हैं आगे क्या होता है।

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