World Cup 2019: ‘बलिदान बैज’ वाले ग्लव्स पहनकर नहीं खेल सकेंगेे धौनी, ICC ने नहीं दी मंजूरी
World Cup 2019 BCCI के निवेदन को ICC ने सिरे से किया खारिज कर दिया है। धौनी इस फैसले के बाद बाकी मैचों में नहीं पहन सकेंगे सेना का बलिदान बैज।
अभिषेक त्रिपाठी, लंदन। पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ साउथैंप्टन में विश्व कप के पहले मैच में पैरा स्पेशल फोर्स के बलिदान बैज वाले दस्ताने पहनकर उतरने देने के भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के निवेदन को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) ने सिरे से खारिज कर दिया है। ऐसे में पूर्व भारतीय कप्तान धौनी अब विश्व कप के आने वाले मुकाबलों में इस बैज को पहनकर नहीं उतर सकेंगे।
आइसीसी ने शुक्रवार को बीसीसीआइ को जवाब में कहा कि एमएस धौनी पिछले मैच में जिस बैज को पहनकर खेले थे उसको आइसीसी विश्व कप के अन्य मुकाबलों में पहनकर खेलने की इजाजत नहीं देती है। आइसीसी टूर्नामेंट के नियम इसकी इजाजत नहीं देते हैं, जिसमें कोई व्यक्तिगतसंदेश या लोगो खेलने के कपड़ों या साधनों पर लगाकर खेले। इसी के साथ यह विकेटकीपर के दस्तानों पर लागू नियम के खिलाफ भी है। नियम के मुताबिक विकेटकीपिंग के प्रत्येक दस्ताने पर बनाने वाली कंपनी के दो लोगो लगाने की इजाजत है। जिनमें से एक 38.71 सेंटीमीटर तो दूसरा 12.9 सेंटीमीटर का हो सकता है।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित बीसीसीआइ की प्रशासकों की समिति (सीओए) के मुखिया विनोद राय ने कहा था कि धौनी अपने विकेटकीपिंग दस्ताने पर बलिदान बैज लगाना जारी रखेंगे, क्योंकि यह सेना का चिन्ह नहीं है। हमने इस मामले में आइसीसी से अपील करते हुए कहा कि वे धौनी को उनके दस्तानों पर बने इस बैज को लगाने की अनुमति दें, लेकिन अंतरराष्ट्रीय परिषद ने भारतीय बोर्ड की इस अपील को ठुकरा दिया है। बता दें कि आइसीसी ने बीसीसीआइ से कहा था कि वह धौनी के दस्तानों पर से यह चिन्ह हटवाएं। बीसीसीआइ ने आइसीसी से इस बैज को लगे रहने के लिए निवेदन किया था।
आइसीसी के नियमों के मुताबिक खिलाड़ी किसी वित्तीय, धार्मिक या सेना के लोगो को नहीं लगा सकता है। ऐसे में धौनी का बैज को पहनना आइसीसी के वित्तीय या धार्मिक नियम को नहीं तोड़ता है। साथ ही यह भारतीय पैरा स्पेशल फोर्स का प्रतीक चिन्ह भी नहीं है। ऐसे में धौनी ने कहीं भी नियम को नहीं तोड़ा है। उधर, आइसीसी के मुताबिक खिलाड़ी राजनीति, धर्म या नक्सलवाद से जुड़े किसी भी गतिविधि का प्रचार नहीं कर सकता है।
उधर, आइसीसी के एक अधिकारी ने कहा था कि हमारी क्रिकेट ऑपरेशन टीम इस मामले पर विश्व कप आयोजन समिति की तकनीकी समिति के प्रमुख ज्योफ एलार्डयेस से बात करेगी। हालांकि बीसीसीआइ तकनीकी समिति के सामने यह साबित नहीं कर पाया कि यह सेना का चिन्ह नहीं है। धौनी भारतीय पैरामिलिट्री स्पेशल फोर्स पैराशूट रेजीमेंट में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं और यह चिन्ह इस रेजीमेंट का हिस्सा है।
वहीं सीओए प्रमुख ने कहा था कि पैरा रेजीमेंट के लोगो में बलिदान शब्द अंकित है, लेकिन धौनी के केस में उनके दस्तानों पर लगे बैज पर ऐसा कुछ नहीं लिखा है। हालांकि आइसीसी बीसीसीआइ के इस तर्क से सहमत नहीं रहा और अपने नियम पर कायम रहा। सीओए को उस वक्त इस मामले में सतर्क होना पड़ा था, जब राय से यह पूछा गया कि आइसीसी ने अगर इस बैज को हटाने का आदेश दिया और धौनी पर नियम तोड़ने पर कोई प्रतिबंध लगाया तब भारत कैसे जवाब देगा। तो राय ने कहा था कि मुझे लगता है कि आइसीसी ने इस बैज को हटाने के लिए निवेदन किया है। कोई हिदायत नहीं दी है।
राय ने कहा कि देखिए, हमने आइसीसी से पहले भी इजाजत ली हैं। अगर आपको याद होगा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए मैच में रांची में भारतीय टीम ने पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए सेना की कैप पहनी थी। अगर आइसीसी ने कोई नियम बनाया है तो हम उस के मुताबिक ही चलेंगे।
सीओए ने अब तक धौनी से कोई बात नहीं की है। वहीं सीओए की सदस्य डायना इडुल्जी भी धौनी का समर्थन करती दिखीं थी। उन्होंने कहा कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है। हमने टीम से कोई बात नहीं की है, लेकिन हम धौनी का बचाव करेंगे। अगर कोई और क्रिकेटर भी होता तो हम ऐसा ही करते। धौनी कोई विवादित खिलाड़ी नहीं है। उन्होंने पहले ही सेना की कैप पहनने के लिए इजाजत ली थी। उम्मीद है अगला मुकाबला खेले जाने से पहले चीजें साफ हो जाएंगी।
हालांकि इस मामले में बीसीसीआइ के सीईओ राहुल जौहरी के ऑस्ट्रेलिया से होने वाले मुकाबले से पहले वहां जाने की बात सामने आई थी। वहां जाकर वह आइसीसी के वरिष्ठ अधिकारियों से इस बारे में बात करते। हालांकि बोर्ड के एक अधिकारी ने पहले ही इस मामले में धौनी की मुश्किल की ओर इशारा कर दिया था। उन्होंने कहा था कि इस मामले में भारत की राह मुश्किल है क्योंकि इसमें एक और पेंच है।
आइसीसी के नियम के अनुसार उसके टूर्नामेंट में विकेटकीपर के दस्ताने में उत्पादक के दो लोगो (एक छोटा और एक बड़ा) हो सकते हैं। ऐसे में धौनी के दस्ताने में एसजी के साथ यह बलिदान बैज का लोगो भी है। अगर बलिदान बैज पर आइसीसी को समझा भी दिया जाता है तब भी धौनी दस्तानों पर दो चिन्ह नहीं रख सकते हैं। ऐसे में उन्हें एसजी या बलिदान बैज में से किसी एक चिन्ह को ही दस्ताने में रखना होगा।
धौनी की जिंदगी के करीब यह बैज
धौनी के जिस बैज को लेकर विवाद खड़ा हुआ है वह उनकी जिंदगी के बेहद करीब है। यह तो सभी जानते हैं कि धौनी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। उनका सेना से पे्रम भी किसी से छुपा नहीं है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछली घरेलू सीरीज में धौनी ने रांची में पुलवामा आतंकवादी हमले में मारे गए जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए पूरी टीम को सेना की कैप पहनाई थी। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर खूब वायरल हो रही है, जिसमें धौनी के फोन के कवर पर भी यह बलिदान बैज मौजूद है, जो धौनी के सेना से प्रेम को साफ जाहिर कर रहा है।
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