ऋषभ व संजू से नजर हटाना मुश्किल

सचिन तेंदुलकर ने भी इसे आइपीएल के सभी दसों संस्करणों की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक करार दिया।

By ShivamEdited By: Publish:Fri, 05 May 2017 08:52 PM (IST) Updated:Sat, 06 May 2017 12:18 AM (IST)
ऋषभ व संजू से नजर हटाना मुश्किल
ऋषभ व संजू से नजर हटाना मुश्किल

(रवि शास्त्री का कॉलम) 

एक समय ऐसा आया जब ऋषभ पंत हर गेंद पर छक्का मारना चाहते थे। एक पल, वह अपने कूल्हे पर घूमकर कैरेबियाई अंदाज में शॉट मार रहे थे और गेंद के पीछे जाकर उसे स्कूप के जरिये स्क्वॉयर लेग पर पहुंचा रहे थे, तो दूसरे ही पल वह खुले बल्ले से ऑफ साइड के ऊपर से प्रहार कर रहे थे। उनका कोई भी स्ट्रोक तुक्के में मारा हुआ नहीं था। उन्होंने लगभग हमेशा जेम्स फॉकनर की छुपे हाथों से की गई धीमी गेंदों को सही तरह से खेला। उनकी यह पारी इतनी बेहतरीन थी कि सचिन तेंदुलकर ने भी इसे आइपीएल के सभी दसों संस्करणों की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक करार दिया।

पंत अभी 19 साल की नाजुक उम्र के हैं। इसके बावजूद उन्होंने हाल ही में अपने पिता के निधन के शोक में नहीं डूबते हुए खेलने का फैसला किया। वह अपने पर प्रतिष्ठा हावी नहीं होने देते हैं। उनके कलाई से खेले गए फ्लिक का उद्देश्य हमेशा ज्यादा से ज्यादा रन बटोरना होता है। क्रीज पर बिताया हुआ उनका एक घंटा दर्शकों के लिए जीवन भर की स्मृति बन सकता है।

यह तो निश्चित है कि यह किशोर आग उगल रहा है। वह पहले ही रणजी ट्रॉफी में सबसे तेज शतक जड़ चुका है और उसके बाद महाराष्ट्र के खिलाफ तिहरा शतक भी। इस राह पर चलते हुए उसने भारतीय टीम की कैप भी हासिल की और उन्होंने अपने अंडर-19 विश्व कप के दिनों से ही राहुल द्रविड़ का मार्गदर्शन पाया है।

संजू सैमसन की 22 साल की उम्र की तुलना में पंत कुछ छोटे नजर आते हैं, लेकिन संजू भी उनसे बहुत ज्यादा पीछे नहीं हैं (दोनों ही विकेटकीपर हैं)। तेज गेंदबाजों को भांपने के लिए उनके पास काफी समय होता है। यही वजह है कि वह मैदान पर आसानी से जगह ढूंढने में सफल रहते हैं। छक्के जड़ने के लिए उन्हें ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है। संजू और पंत दोनों ही इस आइपीएल में लगभग बराबर छक्के जड़ चुके हैं।

इन दो खास प्रतिभाशाली युवाओं ने दिल्ली की मरी हुई उम्मीद को पुनर्जीवित कर दिया है। दिल्ली को अपने बाकी बचे चार मैचों में से तीन घरेलू मैदान पर खेलने हैं। हालांकि, उसके लिए काम अभी भी पूरा होने से कुछ दूर है। जश्न इंतजार कर सकता है, लेकिन इसमें जरा भी शक नहीं है कि दिल्ली के रोमांचक युवा खिलाड़ी अपना दम दिखा रहे हैं। हम उन पर से अपनी नजरें नहीं हटा सकते हैं और उनसे ऐसे प्रदर्शन की पुनरावृत्ति पसंद करेंगे।

(टीसीएम)

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