बेशक शानदार है ये टीम इंडिया....लेकिन इस मामले में रही है पूरी तरह 'फ्लॉप'

ये एक ऐसी चीज है जिसमें भारतीय कप्तान और उनकी टीम पूरी तरह से फ्लॉप होती दिख रही है।

By ShivamEdited By: Publish:Mon, 27 Feb 2017 08:48 PM (IST) Updated:Tue, 28 Feb 2017 09:30 AM (IST)
बेशक शानदार है ये टीम इंडिया....लेकिन इस मामले में रही है पूरी तरह 'फ्लॉप'
बेशक शानदार है ये टीम इंडिया....लेकिन इस मामले में रही है पूरी तरह 'फ्लॉप'

नई दिल्ली, (प्रेट्र)। पिछले टेस्ट मैच में मिली हार को छोड़ दें तो इसमें कोई शक नहीं कि विराट कोहली की अगुआइ वाली मौजूदा टीम इंडिया बहुत शानदार रही है। लगातार 8 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट सीरीज (हर प्रारूप में) जीतने का बेमिसाल रिकॉर्ड बनाने वाली ये टीम बेशक हर मामले में गजब नजर आ रही हो लेकिन एक ऐसी चीज है जिसमें भारतीय कप्तान और उनकी टीम पूरी तरह से फ्लॉप होती दिख रही है।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, विराट कोहली और उनकी टीम डिसीजन रिव्यू सिस्टम (अंपायर निर्णय प्रणाली) यानी 'डीआरएस' के मामले में पूरी तरह से फ्लॉप होती दिख रही है। पूर्व बीसीसीआइ अध्यक्ष एन.श्रीनिवासन और पूर्व कप्तान एमएस धौनी की जोड़ी डीआरएस को मानने पर कभी राजी होती नजर नहीं आई थी लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ हुई वनडे सीरीज से भारत ने डीआरएस को अपना लिया। उसके बाद से अब तक हुए 7 टेस्ट मैचों में भारत ने जब-जब डीआरएस का इस्तेमाल किया उसमें ज्यादातर उनका फैसला गलत ही साबित हुआ। 

ये हैं चौंकाने वाले आंकड़े

डीआरएस को अपनाने के बाद से भारत ने अब तक पिछले सात टेस्ट मैचों में 55 रेफरल लिए जिसमें वे सिर्फ 17 बार ही सफल हुए। इसमें बल्लेबाजी और फील्डिंग, दोनों के ही आंकड़े शामिल हैं। यानी अब तक इस मामले में वे सिर्फ 30.9 फीसदी सफल रहे हैं। डीआरएस लेते समय भारत को सबसे ज्यादा असफलता फील्डिंग के दौरान मिली। फील्डिंग के दौरान उन्होंने 42 बार अंपायर के फैसले को चुनौती दी जिसमें वे 10 बार ही वो सफल साबित हुए। बल्लेबाजी की बात करें तो इसमें वो ज्यादा बेहतर नजर आए। बल्लेबाजी के दौरान उन्होंने 13 बार फैसले को चुनौती दी जिसमें 7 बार वे सफल रहे। डीआरएस के दौरान टीम में अंतिम निर्णय लेना कप्तान के हाथों में होता है और इस मामले में विकेटकीपर रिद्धिमान साहा ने कप्तान कोहली का काफी साथ दिया है।

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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फ्लॉप शो

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पुणे में हुए पहले टेस्ट की बात करें तो इसमें भारत ने फील्डिंग के दौरान 4 बार रिव्यू लिया और चारों बार फैसला उनके खिलाफ हुआ। जबकि बल्लेबाजी के दौरान तीन में से सिर्फ एक उनके पक्ष में जाता नजर आया। यानी इस मैच में भारत द्वारा लिए गए कुल 7 रिव्यू में उन्हें सिर्फ एक में सफलता हाथ लगी। सिर्फ तीन बार भारतीय टीम को एक टेस्ट मैच में दो से ज्यादा बार सफल रेफरल हासिल हुए हैं।

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