टेस्ट खेलने तक के बारे में नहीं सोचा था

अपने पदार्पण मैच में ही पारी में पांच विकेट लेने का कारनामा करने वाले आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि उन्होंने कभी टेस्ट क्रिकेट खेलने के बारे में नहीं सोचा था तथा अब वह सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ जैसे खिलाडि़यों के साथ खेलकर खुद को भाग्यशाली मानते हैं।

By Edited By: Publish:Tue, 08 Nov 2011 10:42 PM (IST) Updated:Tue, 08 Nov 2011 10:42 PM (IST)
टेस्ट खेलने तक के बारे में नहीं सोचा था

नई दिल्ली। अपने पदार्पण मैच में ही पारी में पांच विकेट लेने का कारनामा करने वाले आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि उन्होंने कभी टेस्ट क्रिकेट खेलने के बारे में नहीं सोचा था तथा अब वह सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ जैसे खिलाडि़यों के साथ खेलकर खुद को भाग्यशाली मानते हैं।

अश्विन ने वेस्टइंडीज की दूसरी पारी में 47 रन देकर छह विकेट और मैच में नौ विकेट लिए जो भारत की तरफ से नरेंद्र हिरवानी के बाद पदार्पण मैच में दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इससे भारत का पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में पलड़ा भारी हो गया। इंडियन प्रीमियर लीग [आईपीएल] से चमकने वाले अश्विन ने तीसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा, लंबी अवधि का प्रारूप मेरा पसंदीदा है लेकिन ईमानदारी से कहूं तो मैंने कभी टेस्ट क्रिकेट खेलने के बारे में नहीं सोचा था। अब मैं सचिन और द्रविड़ जैसे महान खिलाडि़यों के साथ खेलना खुद के लिए सबसे बड़ा तोहफा मानता हूं।

अश्विन से जब पूछा गया कि क्या उन्होंने पदार्पण मैच में पांच विकेट लेने के बारे में सोचा था, उन्होंने कहा, मैंने कुछ विकेट लेने और कुछ रन बनाने की उम्मीद लगाई थी लेकिन दुर्भाग्य से पहली पारी में रन नहीं बना पाया। मुझे खुशी है कि मैं पांच विकेट लेने में सफल रहा। तमिलनाडु के इस गेंदबाज ने भले आईपीएल से लोगों का ध्यान खींचा हो लेकिन उन्होंने कहा कि रणजी ट्राफी में खेलने का अनुभव यहां उनके काम आया। अश्विन ने कहा, मैंने बहुत अधिक रणजी मैच नहीं खेले हैं लेकिन चार या पांच दिन के मैचों में खेलना मुझे अच्छा लगता है। यदि मैंने 60-65 के करीब रणजी मैच खेले होते तो मैं और बेहतर प्रदर्शन करता लेकिन फिर भी 34-35 प्रथम श्रेणी मैच खेलने का मुझे यहां फायदा मिला।

उन्होंने कहा कि विकेट से स्पिनरों को मदद नहीं मिल रही है लेकिन उन्होंने अपनी लाइन पर ध्यान रखा जिसके उन्हें अच्छे परिणाम मिले। अश्विन ने कहा, मैं कभी इस तरह के विकेट पर नहीं खेला। इस विकेट में बल्लेबाज ही नहीं गेंदबाजों के लिए भी कुछ नहीं है। आपको संयम के साथ विकेट टू विकेट गेंदबाजी करनी होगी। मैंने अपनी स्पीड बढ़ाने और अपने वैरीएशन आजमाने की रणनीति अपनाई। अश्विन से पूछा गया कि हरभजन सिंह जैसे शीर्ष खिलाड़ी की जगह पर चुने जाने के कारण क्या वह शुरू में नर्वस थे, उन्होंने कहा, सच कहूं तो मैं नर्वस नहीं था। मैं इसके बारे में नहीं सोच रहा था कि क्या क्या होगा। मैं बस अपने काम पर ध्यान दे रहा था और मेरे साथी खिलाडि़यों ने मेरी पूरी मदद की।

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