2024 तक BCCI के अध्यक्ष बने रह सकते हैं सौरव गांगुली, AGM में लिया गया बड़ा फैसला

BCCI President Sourav Ganguly (BCCI AGM) पूर्व कप्तान सौरव गांगुली बीसीसीआइ के अध्यक्ष अगले चार साल के लिए बने रह सकते हैं।

By Vikash GaurEdited By: Publish:Sun, 01 Dec 2019 03:25 PM (IST) Updated:Sun, 01 Dec 2019 03:25 PM (IST)
2024 तक BCCI के अध्यक्ष बने रह सकते हैं सौरव गांगुली, AGM में लिया गया बड़ा फैसला
2024 तक BCCI के अध्यक्ष बने रह सकते हैं सौरव गांगुली, AGM में लिया गया बड़ा फैसला

मुंबई, जागरण संवाददाता। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के नेतृत्व वाले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने रविवार को अपने पदाधिकारियों के कार्यकाल की सीमा में ढिलाई देने को स्वीकृति दे दी। यहां आयोजित 88वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में यह फैसला लिया गया। इससे बोर्ड के मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली के 9 महीने के कार्यकाल को बढ़ाया जा सकता है।

बीसीसीआइ की एजीएम में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनिवार्य प्रशासनिक सुधारों में ढिलाई देने का फैसला किया गया। हालांकि, अभी इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी की जरूरत होगी। 2003 वर्ल्ड कप की फाइनलिस्ट टीम इंडिया के कप्तान रहे सौरव गांगुली के बोर्ड अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार एजीएम आयोजित की गई। बता दें कि गांगुली से पहले करीब 3 साल तक प्रशासकों की समिति ने बीसीसीआइ को चलाया था।

सुप्रीम कोर्ट से मिलनी है मंजूरी

एजीएम में लिए गए इस बड़े फैसले के बाद बोर्ड के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, "सभी प्रस्तावित संशोधनों को मंजूरी दे दी गई है और इसे सुप्रीम कोर्ट की स्वीकृति के लिए शीर्ष अदालत में भेज दिया जाएगा। यदि स्वीकृति मिल जाती है तो गांगुली साल 2024 तक बीसीसीआइ चीफ बने रह सकते हैं।" बहुत कम समय में बीसीसीआइ के अध्यक्ष रहते सौरव गांगुली डे-नाइट टेस्ट जैसे मैच का आयोजन बड़े पैमाने पर कराने में सफलता हासिल की है।

ये था पहले बोर्ड का नियम

अभी तक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ का सविंधान ये कहता था कि कोई एक सदस्य केवल 6 साल ही बोर्ड या इससे संघ में प्रशासन में शीर्ष पद पर रह सकता है। यही कारण था कि क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल यानी सीएबी के अध्यक्ष रहे सौरव गांगुली 9 महीने तक इस पद पर रह सकते थे, लेकिन अब ये समय सीमा और उनका कार्यकाल बढ़ सकता है। अगर सुप्रीम कोर्ट बीसीसीआइ की एजीएम में लिए गए फैसलों पर मुहर लगाता है तो फिर लोढ़ा समिति की सिफारिशों में सुधार किया जाएगा। 

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