जब जडेजा ने धुरंधर कंगारू से कहा 'जल्दी हार जाओ, साथ में डिनर करेंगे'

जडेजा ने कहा कि मैं ऐसा खिलाड़ी बनना चाहता हूं जो हर विभाग में अच्छा कर सके। मेरा मकसद टीम की जीत में योगदान करना होता है।

By ShivamEdited By: Publish:Mon, 27 Mar 2017 09:57 PM (IST) Updated:Mon, 27 Mar 2017 11:39 PM (IST)
जब जडेजा ने धुरंधर कंगारू से कहा 'जल्दी हार जाओ, साथ में डिनर करेंगे'
जब जडेजा ने धुरंधर कंगारू से कहा 'जल्दी हार जाओ, साथ में डिनर करेंगे'

विशेष संवाददाता, धर्मशाला। भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज में जमकर स्लेजिंग हुई है और इसका असर आखिरी टेस्ट के तीसरे दिन भी देखने को मिला। सोमवार को पहले बल्ले और फिर गेंद से मैच को भारत की तरफ मोड़ने वाले भारतीय ऑलराउंडर जडेजा ने दिन का खेल खत्म होने के बाद कहा कि 'मैन ऑफ द मैच' और 'मैन ऑफ द सीरीज' बनने से महत्वपूर्ण है कि आपको टीम के लिए उपयोगी खिलाड़ी माना जाए।

जब मैक्सवेल आउट हुए तो ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज मैथ्यू वेड और फील्डिंग कर रहे जडेजा के बीच तकरार हुई। इस बीच गेंदबाजी कर रहे अश्विन ने वेड को गले लगाकर बीच बचाव करने की कोशिश की। इस बारे में पूछने पर जडेजा ने कहा कि आपको पता है कि मैच के दौरान मैदान में क्या होता है? उन्होंने गेंदबाजी करते समय क्या कहा सबको पता है। मैंने भी उसका जवाब दिया कि आप जल्दी से मैच हार जाओ, फिर आपके पास टाइम होगा, तो साथ में डिनर करेंगे। खुद को मोस्ट वैल्युएबल प्लेयर बताए जाने पर उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर ऐसा सुनकर अच्छा लगता है। मैं ऐसा खिलाड़ी बनना चाहता हूं जो हर विभाग में अच्छा कर सके। मेरा मकसद टीम की जीत में योगदान करना होता है।

बाउंसर के बदले बाउंसर के सवाल पर उन्होंने कहा कि सुबह ऑस्ट्रेलियाई 140 किमी प्रतिघंटा से ज्यादा की रफ्तार से गेंद फेंक रहे थे। हमारे गेंदबाजों ने भी ऐसा किया। विकेट से उन्हें अच्छा बाउंस मिल रहा था। जहां तक उन्हें खेलने की बात है तो मैंने ऐसे हालात का सामना पहले भी टेस्ट में किया है। मेरी कोशिश थी कि साहा के साथ मिलकर टीम के स्कोर को 300 रन के करीब ले जाया जाए। उनको खेलने में मजा आया, लेकिन अब मैं कह सकता हूं कि मैं खुद को टेस्ट खिलाड़ी भी कह सकता हूं। इससे पता चलता है कि लोग क्यों कहते हैं कि टेस्ट में कितना दबाव होता है। पहले मुझे टी-20 और वनडे का खिलाड़ी कहा जाता था, लेकिन इस सत्र में मैंने टेस्ट में अच्छी गेंदबाजी के साथ बल्लेबाजी भी की। भारतीय पुछल्लों को ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के बाउंसर फेंकने पर जडेजा ने कहा कि शायद वे हताशा में ऐसा कर रहे थे, क्योंकि वे जितनी जल्दी हमें आउट करना चाहते थे उतनी जल्दी कर नहीं सके।

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कमिंस के उनको बाउंसर फेंकने पर उन्होंने कहा कि मुझे उन्हें खेलने में बहुत परेशानी नहीं हुई। वह बढि़या गेंदबाजी कर रहे थे, लेकिन हम ज्यादा से ज्यादा रन बनाना चाहते थे इसीलिए मैंने उन पर हुक के जरिये दो शॉट जड़े क्योंकि मेरे और साहा के बाद ज्यादा बल्लेबाजी नहीं थी। 32 रन की बढ़त असर पैदा करने वाली होती है। हमने उसे हासिल किया ताकि हमारे गेंदबाज बिना डर के गेंदबाजी कर सकें।

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