सेंचुरियन में द. अफ्रीका के खिलाफ भारतीय टीम के गेंदबाजों से है बल्लेबाजी की उम्मीद
टीम प्रबंधन चाहता है कि उसका हर गेंदबाज 30-35 रनों का सहयोग करे और अगर ऐसा होता है तो टीम इंडिया खराब परिस्थितियों में भी अच्छा स्कोर खड़ा कर लेगी।
अभिषेक त्रिपाठी, सेंचुरियन। जब आप सेंचुरियन के सुपर स्पोर्ट्स पार्क स्टेडियम में प्रवेश करते हैं तो आपके दिमाग में तुरंत आइसीसी विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ खेला मैच याद आता है। एक मार्च 2003 को इस मैदान में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए मैच में स्टेडियम दोनों देशों के दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था। पूरे स्टेडियम में भारत और पाकिस्तान के झंडे लहरा रहे थे।
इस मैच में ड्रेसिंग रूम का हिस्सा रहे पार्थिव पटेल ने एक बार बताया था कि जब पाकिस्तान ने पहले खेलते हुए 280 रन का स्कोर खड़ा कर लिया और भारत को इतने महत्वपूर्ण मैच में इतने बड़े लक्ष्य का पीछा करना था तो मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर पाकिस्तानी पारी खत्म होने के तुरंत बाद ड्रेसिंग रूम आए और पैड पहनने लगे। मैं उनको देख रहा था, वह अलग ही मूड में दिखाई दे रहे थे। जब भी इस तरह के मैच होते थे वह अलग ही दिखाई देते थे। उन्होंने कुछ नहीं खाया था, तभी हरभजन ने कहा, पाजी-पाजी...। सचिन ने उनकी तरफ देखा ही नहीं। भज्जी ने फिर कहा, पाजी...इस बार सचिन ने कहा हां...क्या हुआ? भज्जी ने कहा, कुछ खा लो, आपने 50 ओवर फील्डिंग की है। अब आप बल्लेबाजी करने जा रहे हो और आपने कुछ खाया तक नहीं है।
सचिन ने कुछ भी खाने से इन्कार कर दिया। हालांकि, बाद में उन्होंने कहा कि दो स्कूप आइसक्रीम ले आओ। सिर्फ दो स्कूप आइसक्रीम खाने के बाद सचिन मैदान में उतरे और राजा की तरह बल्लेबाजी की। भारत यह मैच जीत गया। ऐसा ही कुछ खेल उन्होंने 2010 सीरीज में दिखाया था और अपना 50वां शतक लगाया था।
निश्चित तौर पर उस समय टीम ड्रेसिंग रूम में जो मारक क्षमता और जो माहौल था उसने हमें जीत दिलाई थी। विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय टीम को उसी जुनून के साथ शनिवार से शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट मैच में उतरना चाहिए, क्योंकि इसी की बदौलत भारतीय टीम इस मैदान पर सीरीज 1-1 से बराबर कर सकती है। शायद इसी कारण भारत ने अपनी रणनीति बदली है और अगले मैच को जीतने के लिए उसने गेंदबाजों को भी बल्ले से मजबूत प्रदर्शन करने के लिए तैयार रहने को कहा है।
गेंदबाजों से बल्लेबाजी की उम्मीद : भारतीय टीम को पहले टेस्ट मैच में 72 रनों से पराजय का सामना करना पड़ा था। उसके ऊपरी क्रम के बल्लेबाज मुरली विजय, शिखर धवन, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली और रोहित शर्मा दोनों पारियों में रन बनाने में असफल रहे थे। पहली पारी में उसके लिए सबसे ज्यादा 93 रन सातवें नंबर पर उतरे हार्दिक पांड्या ने बनाए थे। नौवें नंबर पर उतरे तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार (25) पारी के तीसरे सर्वश्रेष्ठ स्कोरर रहे थे। भारत की दूसरी पारी के सर्वश्रेष्ठ स्कोरर आठवें नंबर पर उतरे स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (37) थे। इसी को देखते हुए टीम इंडिया ने नया प्लान बनाया है। सेंचुरियन में भी केपटाउन की तरह तेज और बाउंसी पिच रहने की ही उम्मीद है। टीम प्रबंधन चाहता है कि उसका हर गेंदबाज 30-35 रनों का सहयोग करे और अगर ऐसा होता है तो टीम इंडिया खराब परिस्थितियों में भी अच्छा स्कोर खड़ा कर लेगी। यही कारण है कि गुरुवार को टीम इंडिया के अभ्यास सत्र में बल्लेबाजों से पहले गेंदबाजों ने नेट पर बल्लेबाजी का अभ्यास किया। अमूमन हर अभ्यास सत्र में बल्लेबाजी क्रम से खिलाड़ी आते हैं और अभ्यास करते हैं, लेकिन गुरुवार को यहां का नजारा ही कुछ और था। सेंचुरियन में अभ्यास सत्र में सबसे पहले तेज गेंदबाजों जसप्रीत बुमराह, मुहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार और ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने बल्ले से जोर आजमाया। पहला टेस्ट हारने के बाद भारतीय कप्तान कोहली ने कहा था कि चौथी पारी में 208 रनों का लक्ष्य बहुत मुश्किल नहीं था। अगर बड़ी साझेदारियां नहीं हो रही थीं तो हर बल्लेबाज 25-30 रन भी बनाता जाता तो इसे पाया जा सकता था। अब टीम इंडिया इसी रणनीति पर चल रही है।
राहुल को मिल सकता है मौका : ओपनिंग बल्लेबाज केएल राहुल को शिखर धवन की जगह दूसरे टेस्ट में ओपनिंग का मौका मिल सकता है। शिखर ने पहले टेस्ट की दोनों ही पारियों में गैरजिम्मेदाराना शॉट्स खेलकर अपना विकेट गंवाया था। इसके अलावा उन्होंने स्लिप में आसान कैच भी टपकाया था। गुरुवार को अभ्यास सत्र के शुरुआती दौर में वह नेट्स में नहीं दिखे। वह अतिरिक्त खिलाडिय़ों के साथ मैदान में फील्डिंग का अभ्यास करते रहे और नेट्स में आखिर में पहुंचे। टीम प्रबंधन इस मैच में राहुल को मौका दे सकता है। उन्होंने लगभग आधे घंटे तक बल्लेबाजी का अभ्यास किया। इसके अलावा कोच रवि शास्त्री के साथ भी वह लंबे समय तक बात करते हुए दिखाई दिए।
यहां एकमात्र टेस्ट हारा है भारत : भारत ने इस मैदान पर मात्र एक टेस्ट खेला है जो 16 से 20 दिसंबर 2010 तक खेला गया था। उसमें उसे पारी और 25 रन से हार का सामना करना पड़ा था। उस मैच में भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी थे। वीरेंद्र सहवाग, राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण, गौतम गंभीर और सुरेश रैना जैसे दिग्गज बल्लेबाजों से सजी भारतीय टीम पहली पारी में मात्र 38.4 ओवर में 136 रन पर लुढ़क गई थी। सचिन ने सबसे ज्यादा 36 रन बनाए थे, जिसके बाद धौनी ने 33 और हरभजन सिंह ने 27 रन बनाए। दक्षिण अफ्रीका ने हाशिम अमला के 140, जैक कैलिस के नाबाद 201 और एबी डीविलियर्स के 129 रन की बदौलत पहली पारी चार विकेट पर 620 रन पर घोषित की थी। भारतीय टीम ने दूसरी पारी में सराहनीय संघर्ष किया और 459 रन बनाए। सचिन 111 रन बनाकर नाबाद रहे। गंभीर ने 80, सहवाग ने 63, द्रविड़ ने 43 और धौनी ने 90 रन बनाए। दूसरी पारी के संघर्ष के बावजूद भारत को पारी से हार का सामना करना पड़ा था।
रन मैदान है या रण का मैदान
किसी भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच से पहले मैदान पर अभ्यास करती दोनों टीमों के अलावा मीडिया और टीवी क्रू के अलावा मैदानकर्मी दिखाई देते हैं, लेकिन अगर मैच के दो दिन पहले क्रिकेट का मैदान रण के मैदान में तब्दील हो जाए तब आप क्या कहेंगे? जी हां, इसी तरह का नजारा गुरुवार को सेंचुरियन के मैदान पर दिखाई दे रहा था। आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के 300 से भी ज्यादा सैनिक तोप और टैंकों के साथ मैदान पर उपस्थित हैं। एक नजर में मानों यहां किसी जंग की तैयारी चल रही हो, लेकिन ऐसा है नहीं। कुछ ही दिनों के अंतराल में प्रिटोरिया में दक्षिण अफ्रीकी सेना का बड़ा कार्यक्रम आयोजित होना है। यह सारे सैनिक उसी की तैयारी में लगे हुए हैं। इसी के साथ ही दक्षिण अफ्रीकी सेना का बैंड शनिवार को मैच की शुरुआत के दौरान भारत और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रगान को भी पेश करेगा। सेना का बैंड पिछले तीन दिनों से इसका अभ्यास भी कर रहा है।