सिडनी में भी हार, भारत का फाइनल में पहुंचना मुश्किल

वनडे ट्राई सीरीज के करो या मरो के मुकाबले में भी टीम इंडिया ने फैंस को निराश ही किया और आस्ट्रेलिया के हाथों 87 रनों से मिली करारी शिकस्त के बाद धौनी सेना की फाइनल की राह नामुमकिन सी हो गई है। जबकि कंगारू टीम फाइनल में अपनी जगह पक्की करने वाली पहली टीम बन गई है।

By Edited By: Publish:Sun, 26 Feb 2012 04:42 PM (IST) Updated:Sun, 26 Feb 2012 04:42 PM (IST)
सिडनी में भी हार, भारत का फाइनल में पहुंचना मुश्किल

सिडनी। वनडे ट्राई सीरीज के करो या मरो के मुकाबले में भी टीम इंडिया ने फैंस को निराश ही किया और आस्ट्रेलिया के हाथों 87 रनों से मिली करारी शिकस्त के बाद धौनी सेना की फाइनल की राह नामुमकिन सी हो गई है। जबकि कंगारू टीम फाइनल में अपनी जगह पक्की करने वाली पहली टीम बन गई है।

253 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम कुल 165 रन के अंदर ही सिमट गई जिसके पूरे हकदार बने कंगारू गेंदबाज। आस्ट्रेलिया की तरफ से कप्तान शेन वाटसन, बेन हिल्फेनहास, डोहरटी ने दो-दो विकेट झटके जबकि डोहरटी और क्रिस्टियन को एक-एक विकेट हासिल हुआ। भारत की शुरुआत काफी खराब रही और कुल रन संख्या में अभी सात रन ही जड़े थे कि विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग हिल्फेनहास की गेंद पर उन्हीं को कैच थमाकर चलते बने। इसके बाद अनुभवी सचिन तेंदुलकर भी अधिक देर तक क्रीज पर नहीं टिक सके और वह दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रनआउट होकर पवेलियन लौट गए। तेंदुलकर ने 14 रन बनाए। युवा बल्लेबाज विराट कोहली 21 रन के निजी योग पर वाटसन की गेंद पर क्रिस्टियन को कैच थमा बैठे जबकि गौतम गंभीर को क्लिंट मैक्के ने बोल्ड किया।

गंभीर ने 23 रन बनाए। कोहली और गंभीर ने तीसरे विकेट के लिए 44 रन जोड़े। सुरेश रैना के रूप में भारत का पांचवां विकेट गिरा। रैना को आठ रन के निजी योग पर वाटसन ने विकेटकीपर मैथ्यू वाडे के हाथों कैच कराया। इसके बाद रविंदर जडेजा भी आठ रन बनाकर किस्टियन की गेंद पर वाटसन को कैच थमाकर चलते बने। कप्तान धौनी से इस बार भी उम्मीदें थीं और वह भी अश्विन के साथ काफी देर तक पिच पर टिके रहे लेकिन ना तो धौनी नैया पार लगाने में सफल रहे और ना ही अश्विन। धौनी महज 14 रन बनाकर चलते बने जबकि अश्विन टीम की तरफ से सर्वाधिक 26 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। फिर पिच पर इरफान पठान आए जिन्होंने कुछ आकर्षक शाट्स लगाकर उम्मीदें जगाईं लेकिन ये सपने भी ढेर हो गए और पठान को ली के एक बाउंसर पर माइक हसी ने कैच लपककर पवेलियन का रास्ता दिखा दिया। फिर उमेश यादव और प्रवीण कुमार कुछ ही देर तक औपचारिकता कर सके और टीम 165 रनों पर ही आलआउट हो गई। यह टीम इंडिया की लगातार तीसरी हार थी।

इससे पहले भारतीय गेंदबाजों के अंतिम ओवरों में आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों पर दबाव बनाने से मेजबान टीम नौ विकेट पर 252 रन ही बना सकी। आस्ट्रेलियाई टीम 14वें ओवर में 57 रन पर तीन विकेट गंवाकर जूझ रही थी लेकिन डेविड वार्नर [68], डेविड हसी [54] और मैथ्यू वाडे [56] के अर्धशतकों से टीम नौ विकेट पर 252 रन का स्कोर बनाने में सफल रही। प्रवीण कुमार ने शुरू में दो विकेट चटकाकर अच्छी शुरुआत दिलाई। उमेश यादव ने अंतिम दो ओवर में दो विकेट हासिल किए लेकिन वीरेंद्र सहवाग आश्चर्यजनक पैकेज साबित हुए जिन्होंने अपने नौ ओवर में 43 रन देकर तीन विकेट हासिल किए। अंतिम दस ओवर में भारत ने केवल 47 रन ही खर्च किए। मैदान पर चर्चा का विषय हालांकि भारतीयों द्वारा 24वें ओवर में डेविड हसी के खिलाफ क्षेत्ररक्षण में बाधा डालने की अपील रही जिसे मैदानी अंपायरों ने तीसरे अंपायर साइमन फ्राई के निर्देश पर खारिज कर दिया और फैसला बल्लेबाज के पक्ष में रहा। अब टीम इंडिया को फाइनल में पहुंचने के लिए होबार्ट में खेले जाने वनडे में लंकाई टीम के खिलाफ ना सिर्फ बड़े अंतर से जीत दर्ज करनी होगी बल्कि बोनस अंक भी हासिल करना होगा जो खिलाडि़यों के मौजूदा फार्म के साथ एक नामुमकिन काम नजर आ रहा है।

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