जूनियर चयन समिति के अध्यक्ष पद पर वेंकटेश की जगह ले सकते हैं ज्ञानेंद्र पांडे
वेंकटेश प्रसाद के इस्तीफा देने के बाद अब उनकी जगह इस समिति के सदस्य ज्ञानेंद्र पांडे की ताजपोशी लगभग तय हो गई है।
अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) की जूनियर चयनसमिति के अध्यक्ष वेंकटेश प्रसाद के इस्तीफा देने के बाद अब उनकी जगह इस समिति के सदस्य ज्ञानेंद्र पांडे की ताजपोशी लगभग तय हो गई है। बीसीसीआइ के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना को वेंकटेश की जगह जूनियर चयनसमिति के दूसरे प्रमुख का नाम तय करना है। भारत के पूर्व क्रिकेटर और उत्तर प्रदेश रणजी टीम के पूर्व कप्तान ज्ञानेंद्र फिलहाल जूनियर चयनसमिति के ही सदस्य हैं। बड़ौदा के पूर्व बल्लेबाज राकेश पारिख भी इस चयनसमिति में शामिल हें।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने पिछले सप्ताह राष्ट्रीय जूनियर चयन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। प्रसाद इस पद पर 30 महीने तक रहे और अंडर-19 विश्व कप में भारतीय टीम के विजेता बनने के एक महीने के अंदर उन्होंने यह फैसला किया। इसके तुरंत बाद किंग्स इलेवन पंजाब में गेंदबाजी कोच का पद संभाल लिया। लोढ़ा समिति की सिफारिशों के कारण वेंकटेश चयनकर्ता रहते हुए किसी आइपीएल टीम के कोच नहीं बन सकते थे और उन्होंने इसलिए अपने पद से इस्तीफा दिया था। वह हितों के टकराव से बचना चाहते थे। प्रसाद ने 33 टेस्ट और 161 वनडे खेले हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक अब बीसीसीआइ की चयनसमितियों में तीन सदस्य हो सकते हैं। वेंकटेश के इस्तीफा देने के बाद इसमें एक जगह खाली भी हो गई है। बीसीसीआइ सूत्रों के मुताबिक चयनसमिति का तीसरा सदस्य दक्षिण जोन से ही होगा। इसका चयन भी बीसीसीआइ के कार्यवाहक अध्यक्ष को ही करना है। हालांकि जब इस बारे में खन्ना से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। जैसे ही इस पर फैसला लिया जाएगा सबको बताया जाएगा।
ज्ञानेंद्र ने खेले हैं दो वनडे
उत्तर प्रदेश रणजी टीम के पूर्व कप्तान ज्ञानेंद्र पांडे ने भारतीय टीम के लिए दो वनडे खेले हैं। उन्होंने 24 मार्च 1999 को जयपुर में पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी। बायें हाथ से बल्लेबाजी और स्पिन गेंदबाजी करने वाले ज्ञानेंद्र ने 117 प्रथम श्रेणी मुकाबलों में 5348 रन और 165 विकेट लिए हैं। ज्ञानेंद्र ने अंडर-19 विश्व कप विजेता टीम के चयन में अहम भूमिका निभाई थी।
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