सीओए के बयान से बीसीसीआइ नाराज

डीडीसीए ऐसा पहला संघ है जिसमें हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासक जस्टिस (रिटायर्ड) विक्रमजीत सेन की देखरेख में चुनाव हुए

By Ravindra Pratap SingEdited By: Publish:Wed, 04 Jul 2018 10:01 PM (IST) Updated:Wed, 04 Jul 2018 10:01 PM (IST)
सीओए के बयान से बीसीसीआइ नाराज
सीओए के बयान से बीसीसीआइ नाराज

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) ने प्रशासकों की समिति (सीओए) के प्रमुख विनोद राय के हाल में हुए दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के चुनाव संबंधित बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि इन्हें रद किया जा सकता है। बीसीसीआइ ने कहा कि सीओए के चुनाव रोकने के प्रयास को पहले ही दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा और उनके पैनल ने चुनाव में जीत दर्ज की, जिन्हें डीडीसीए के पूर्व अध्यक्ष अरुण जेटली का समर्थन प्राप्त था। उन्होंने मदन लाल के पैनल को बड़े अंतर से हराया, जिसे बीसीसीआइ के कार्यकारी अध्यक्ष सीके खन्ना का समर्थन मिला हुआ था। बीसीसीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, 'अगर राय डीडीसीए चुनावों पर सवाल उठा रहे हैं तो वह एक तरह से दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर सवाल उठा रहे हैं। 26 जून को जस्टिस विनोद गोयल और रेखा पल्ली की दिल्ली हाई कोर्ट की अवकाश पीठ को डीडीसीए सदस्य रवि मेहरा की याचिका में कोई खामी नहीं दिखी, जिसमें उन्होंने बीसीसीआइ के संविधान को अंतिम रूप देने तक चुनाव पर रोक लगाने की अपील की थी। उस दिन सीओए के वकील भी उपस्थित थे। पीठ ने स्पष्ट कहा था कि वे इस समय चुनाव को नहीं रोक सकते।'

डीडीसीए ऐसा पहला संघ है जिसमें हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासक जस्टिस (रिटायर्ड) विक्रमजीत सेन की देखरेख में चुनाव हुए, जिन्होंने चुनाव के लिए चली आ रही प्रॉक्सी की पुरानी प्रणाली को खत्म कर दिया, जिसे भ्रष्टाचार का मूल कारण माना जा रहा था। हालांकि, यह पता लगा है कि सीओए का मानना है कि चुनाव पूरी तरह से लोढ़ा सिफारिशों के अनुरूप नहीं हुए हैं, भले ही यह दिल्ली हाई कोर्ट था जिसने जस्टिस सेन को 30 जून तक चुनाव कराने का निर्देश दिया था।

इस विवाद की वजह कुछ उम्मीदवार माने जा रहे हैं जिनमें राकेश बंसल (उपाध्यक्ष और पूर्व अध्यक्ष स्नेह बंसल के छोटे भाई), राजन मनचंदा (संयुक्त सचिव और पूर्व कोषाध्यक्ष रविंदर के छोटे भाई), रेनू खन्ना (महिला निदेशक और पूर्व पदाधिकारी अनिल खन्ना की पत्नी) जैसे कुछ नाम शामिल हैं।

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