फिर धांधली, आखिर कब तक चलेगी बीसीसीआइ की मनमानी?
स्पॉट फिक्सिंग मामला, संस्था के शीर्ष अधिकारियों पर बेइमानी का आरोप, आइपीएल में धांधली, कानून से हटके काम करना ही वह चीजें हैं जो लगातार भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ से जुड़ी चर्चाओं का विषय बन रही हैं। अब तक आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग और बोर्ड में जारी कलह के मामले ठंडे भी नहीं पड़े कि बोर्ड पर एक और
नई दिल्ली। स्पॉट फिक्सिंग मामला, संस्था के शीर्ष अधिकारियों पर बेइमानी का आरोप, आइपीएल में धांधली, कानून से हटके काम करना ही वह चीजें हैं जो लगातार भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ से जुड़ी चर्चाओं का विषय बन रही हैं। अब तक आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग और बोर्ड में जारी कलह के मामले ठंडे भी नहीं पड़े कि बोर्ड पर एक और आरोप लग गया है।
पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआइ को दिया करारा झटका
देश के इस सबसे अमीर खेल संगठन (बोर्ड) पर 550 करोड़ का आयकर बकाया है। आरटीआइ से मिली जानकारी के अनुसार 2006-07 में बीसीसीआइ पर 196.16 करोड़ रुपये का आयकर बकाया था जो अब बढ़कर 550 करोड़ से ज्यादा हो गया है।
आरटीआइ कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल ने कहा कि आयकर विभाग इस मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे। इस तरह के मामलों में होने वाली चूक से बचने के लिए अग्रवाल ने आयकर विभाग को डिफॉल्टर की लिस्ट और बकाए को वेबसाइट पर डालने की सलाह भी दी है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर आयकर विभाग और बीसीसीआइ का टकराव भी चल रहा है। अग्रवाल ने आशंका जताई कि बीसीसीआइ अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर आयकर विभाग की कार्यवाही प्रभावित कर सकता है और पिछले दो सालों के एसेसमेंट में भी बदलाव करा सकता है।
गौरतलब है कि बुधवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआइ को बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेशों के खिलाफ की गई अपील को खारिज करते हुए करारा झटका दिया था, लेकिन आयकर विभाग की ओर से यह नई जानकारी बोर्ड के लिए मुश्किलें और बढ़ा सकती है। खेल मंत्रालय भी लंबे समय से इस क्रिकेट बोर्ड पर नियंत्रण पाने के लिए बेताब है जबकि सरकार उसे आरटीआइ के अंदर लाने के लिए भी लगातार प्रयास करती आ रही है। देखना यही होगा कि पैसों की धांधली के इस नए मामले पर बोर्ड पर क्या कार्रवाई होती है।
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