श्रीनिवासन को नहीं मिली राहत

सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआइ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को करारा झटका दिया है। आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले का निपटारा होने तक उनके अध्यक्ष पद ग्रहण करने पर सर्वोच्च अदालत ने पहले से ही रोक लगा रखी थी अब कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश मुकुल मुदगल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच पैनल गठित करने का सुझाव दिया है।

By Edited By: Publish:Mon, 07 Oct 2013 02:28 PM (IST) Updated:Mon, 07 Oct 2013 11:35 PM (IST)
श्रीनिवासन को नहीं मिली राहत

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआइ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को करारा झटका दिया है। आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले का निपटारा होने तक उनके अध्यक्ष पद ग्रहण करने पर सर्वोच्च अदालत ने पहले से ही रोक लगा रखी थी अब कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश मुकुल मुदगल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच पैनल गठित करने का सुझाव दिया है।

न्यायमूर्ति एके पटनायक व न्यायमूर्ति जेएस खेहर की पीठ ने बंबई हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दाखिल बीसीसीआइ और क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (कैब) की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सोमवार को जांच पैनल के लिए तीन नाम प्रस्तावित किए। इन नामों पर बीसीसीआइ और क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार से अदालत ने मंगलवार तक राय देने को कहा है। पूर्व न्यायधीश मुकुल मुदगल के अलावा पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता और एडीशनल सॉलिसिटर जनरल एल नागेश्वर राव तथा असम क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष निलय दत्ता का नाम सुझाया है। मंगलवार को कोर्ट इस मामले में फिर सुनवाई करेगा और तभी पैनल गठित करने का औपचारिक आदेश पारित हो सकता है। बंबई हाईकोर्ट ने आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग के मामले की जांच करने वाली बीसीसीआइ की समिति को अवैध घोषित कर दिया था। जिसके बाद दोनों पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।

पीठ ने बीसीसीआइ की ओर से वरिष्ठ नेता अरुण जेटली व दत्ता की विशेष समिति गठित करने का सुझाव ठुकरा दिया। कोर्ट ने बीसीसीआइ का यह सुझाव भी ठुकरा दिया कि प्रस्तावित पैनल इस पहलू पर भी विचार करे कि मुंबई पुलिस द्वारा आइपीएल फिक्सिंग मामले में लगाए गए आरोपों की आगे जांच की जरूरत है कि नहीं। पीठ ने कहा कि पैनल अपनी स्वतंत्र जांच करेगा और जांच के बाद सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगा, जिसमें सुधार के सुझाव भी देगा। मुंबई पुलिस को अपनी जो जांच करनी है वो करे। मालूम हो कि पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने बीसीसीआइ की कार्यप्रणाली पर तीखी टिप्पणियां की थीं।

प्रस्तावित समिति के सदस्य

मुकुल मुदगल : पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट के सेवानिवृत मुख्य न्यायाधीश हैं। वह दिल्ली हाई कोर्ट के भी न्यायाधीश रह चुके हैं।

एल नागेश्वर राव : सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और भारत सरकार के एडीशनल सॉलिसिटर जनरल भी हैं।

निलय दत्ता : पूर्व अंपायर हैं और इस समय असम क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष हैं।

कोर्ट से जांच पर नजर रखने का करूंगा अनुरोध : वर्मा

स्पॉट फिक्सिंग मामले में नई जांच पैनल के गठन के सुप्रीम कोर्ट के प्रस्ताव से खुश क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के सचिव आदित्य वर्मा ने सोमवार को कहा कि वह अब सुप्रीम कोर्ट से समिति के कामकाज पर नजर रखने का अनुरोध भी करेंगे। वर्मा ने कहा, 'मैं खुश हूं कि सुप्रीम कोर्ट ने ये तीन नाम दिए। हम अपने वकीलों से इस पर सुझाव लेते रहेंगे। यदि जांच समिति सीधे माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में अपना काम करती है तो हम संतुष्ट होंगे।' वर्मा ने कहा कि बीसीसीआइ के वकील काफी तर्क दे रहे थे कि अध्यक्ष को अपने कार्य का निर्वाह करने की अनुमति नहीं होने से बोर्ड का कामकाज नहीं चल पा रहा है। हमारा प्रयास श्रीनिवासन को हमेशा के लिए बोर्ड के कामकाज से दूर रखने का होगा।

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