टीमों के पास प्लान बी होना चाहिए

भारत को अब एक तनाव भरे मुकाबले में पाकिस्तान का सामना करना है। टीम इंडिया को अब श्रीलंका के खिलाफ हुए मैच की कमियों को दूर कर पाक के खिलाफ उतरना होगा। कम से कम निचले क्रम को अधिक योगदान देना होगा। अगर टॉस हारते हैं तो भी दोनों टीमों के पास ऐसी स्थिति में प्लान बी होना चाहिए। पिछले मैच में श्र

By Edited By: Publish:Sun, 02 Mar 2014 12:47 PM (IST) Updated:Sun, 02 Mar 2014 12:49 PM (IST)
टीमों के पास प्लान बी होना चाहिए

(शास्त्री का कॉलम)

भारत को अब एक तनाव भरे मुकाबले में पाकिस्तान का सामना करना है। टीम इंडिया को अब श्रीलंका के खिलाफ हुए मैच की कमियों को दूर कर पाक के खिलाफ उतरना होगा। कम से कम निचले क्रम को अधिक योगदान देना होगा। अगर टॉस हारते हैं तो भी दोनों टीमों के पास ऐसी स्थिति में प्लान बी होना चाहिए।

पिछले मैच में श्रीलंका के पास मैदान पर उत्पन्न हुई समस्या का तुरंत समाधान भी देखने को मिला। जब कप्तान मैथ्यूज चोटिल हुए तो उनकी भरपाई करने के लिए परेरा आगे आए। वहीं भारतीय टीम ने अपने पांचवें गेंदबाज की कमी पार्ट टाइम गेंदबाजों से पूरी की। अगर आप स्टुअर्ट बिन्नी को आठवें नंबर पर खिलाते हैं और उन्हें सिर्फ चार ओवर ही देते हैं तो इससे अच्छा है कि उनकी जगह किसी गेंदबाज को टीम में शामिल किया जाए। जब तक आप विश्वास नहीं दिखाएंगे आप कोई ऑलराउंडर तैयार नहीं कर सकते।

वहीं श्रीलंकाई स्पिनरों की गेंदबाजी बेहतरीन रही। हालांकि रवींद्र जडेजा और अश्विन भी उनसे किसी तरह कम नहीं लगे। मगर जहां श्रीलंका के पास तीन स्पिनर थे, वहीं भारतीयों के पास एक ऐसी पिच पर तीसरा स्पिनर नहीं था, जो धीमी थी और शॉट खेलने के लिए आसान नहीं थी। बेशक ओस एक अहम कारण थी, लेकिन उपमहाद्वीप में साल के इस समय ऐसा होता ही है। इसका समाधान निकालने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। क्या हम कुछ अलग कर सकते हैं। क्या अब खिलाड़ियों को गीली गेंद से नेट पर अभ्यास करना चाहिए। क्या धीमी गति की गेंद एक विकल्प हो सकती है या फिर क्रॉस सीम से गेंद फेंकनी होगी।

(टीसीएम)

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