कड़ी मेहनत कर फिर से वापसी कर सकते हैं नरेन

पिछले हफ्ते कोई भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला गया, हालांकि ऐसा बहुत ही कम होता है। लेकिन इस हफ्ते में कुछ ऐसा जरूर हुआ, जो

By Jagran News NetworkEdited By: Publish:Sat, 04 Oct 2014 07:21 PM (IST) Updated:Sat, 04 Oct 2014 07:30 PM (IST)
कड़ी मेहनत कर फिर से वापसी कर सकते हैं नरेन

(गावस्कर का कॉलम)

पिछले हफ्ते कोई भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला गया, हालांकि ऐसा बहुत ही कम होता है। लेकिन इस हफ्ते में कुछ ऐसा जरूर हुआ, जो आने वाले अंतरराष्ट्रीय सत्र को प्रभावित कर सकता है। सबसे बड़ी खबर है कि चैंपियंस लीग टी-20 टूर्नामेंट में सुनील नरेन को संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के चलते दूसरी बार तलब किया गया। टूर्नामेंट के फाइनल में तो वह गेंदबाजी कर ही नहीं सकेंगे, लेकिन इसका मतलब यह हुआ कि आगामी अंतरराष्ट्रीय सत्र में भी उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि अंपायर उन पर करीबी निगाह बनाए रखेंगे। इस दबाव की स्थिति को वह कैसे झेलते हैं, यह देखना रोचक होगा। उनके गेंदबाजी एक्शन पर उठे सवालों से निपटने के लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी होगी।

भारतीय उपमहाद्बीप में ऐसे दो उदाहरण हैं, जिसमें तेज गेंदबाजों ने करियर शुरू करने के बाद अपने गेंदबाजी एक्शन में बदलाव किया था। शुरुआत में इमरान खान फुल चेस्ट ऑन गेंदबाज थे, लेकिन इस वजह से वह सिर्फ दायें हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ ही गेंद को स्विंग करा पाते थे। जब वह वर्ल्ड सीरीज क्रिकेट खेलने गए, तब उन्हें डेनिस लिली, जॉन स्नो जैसे दिग्गज गेंदबाजों से काफी कुछ सीखने का मौका मिला। जब तक वर्ल्ड सीरीज पर बैन लगाया जाता, वह अपने गेंदबाजी एक्शन में बदलाव कर चुके थे और वह साइड ऑन एक्शन से गेंद फेंकने लगे थे। नए एक्शन से वह ज्यादा सफल साबित हुए।

दूसरा उदाहरण जवागल श्रीनाथ का है, वह भी इमरान की तरह ही गेंदबाजी करते थे। उन्होंने भी बाद में साइड ऑन एक्शन से गेंदबाजी करना शुरू कर दिया और काफी सफल रहे। इन खिलाडिय़ों ने कड़ी मेहनत की और तेज गेंदबाज होने के बावजूद अपने एक्शन में बदलाव करने में सफल रहे। जबकि तेज गेंदबाज के लिए यह काम बिल्कुल भी आसान नहीं होता है क्योंकि उन्हें दूर से दौड़कर आना पड़ता है। स्पिन गेंदबाजों के लिए यह काम उनकी तुलना में ज्यादा आसान है।

नरेन काफी प्रतिभाशाली हैं और जब पिच से टर्न मिल रही हो, तो बहुत सारे बल्लेबाजों को यह अंदाजा नहीं लग पाता कि गेंद किस दिशा में टर्न होगी। ऐसे गेंदबाजों को देखना काफी सुखद अनुभव होता है और दर्शक भी बल्लेबाजों को चकमा खाते देखकर रोमांचित होते हैं। इसी वजह से उम्मीद है कि वह अपने एक्शन के लिए जरूरी काम को कर लेंगे और फिर से दुनियाभर के बल्लेबाजों को चकमा देने के लिए मैदान में उतरेंगे।

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