जीत से दबावमुक्त हुई टीम इंडिया

यह विकेट ऐसा नहीं था जिस पर 200 रन के लक्ष्य का पीछा किया जा सके। यह भारत की महानतम जीतों में एक है।

By ShivamEdited By: Publish:Wed, 08 Mar 2017 10:02 PM (IST) Updated:Wed, 08 Mar 2017 10:04 PM (IST)
जीत से दबावमुक्त हुई टीम इंडिया
जीत से दबावमुक्त हुई टीम इंडिया

(रवि शास्त्री का कॉलम) 

टीम इंडिया इस समय राहत की सांस ले रही होगी। एक बारगी लग रहा था कि ऑस्ट्रेलियाई टीम पुणे को दोहराने के करीब है, लेकिन पुजारा और रहाणे के बीच हुई साझेदारी ने मैच का नक्शा बदल दिया। बेंगलुरु टेस्ट के चौथे दिन की सुबह भारतीय टीम जल्दी सिमट गई। उस समय ऑस्ट्रेलिया को अपनी जीत साफ नजर आ रही होगी। लेकिन यह विकेट ऐसा नहीं था जिस पर 200 रन के लक्ष्य का पीछा किया जा सके। यह भारत की महानतम जीतों में एक है।

इस मैच में वास्तव में रणनीतिक बारीकियां देखने को मिलीं। पहली पारी में भारतीय नाथन लियोन की सधी लाइन और विविधतापूर्ण उछाल के सामने टिक नहीं सके। लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने सतर्क खेल दिखाया। पुजारा ने लियोन को ऑफ स्टंप के बाहर गेंदबाजी करने को मजबूर कर दिया। रहाणे ने भी बिना डरे स्वीप शॉट लगाए और लगातार रन बनाए। चौथे दिन अश्विन ने अतिरिक्त उछाल हासिल कर कंगारुओं को टिकने नहीं दिया।

केएल राहुल को नहीं भूलना चाहिए जिन्होंने किसी भी बल्लेबाज के मुकाबले सबसे ज्यादा रन बनाए। वह इस मैच में सबसे प्रवाहमय बल्लेबाजी करते दिखे। उन्होंने पहले दिन ऑस्ट्रेलियाई स्पिनरों का बखूबी सामना कर बाकियों को प्रेरित किया। उनके रन टीम के लिए बेहद अहम साबित हुए। उन्होंने दिखाया कि उनके रहते टीम इंडिया बिना पतवार की नाव की तरह नहीं है।

इशांत शर्मा और उमेश यादव को भी जीत का कुछ श्रेय मिलना चाहिए। जब आप स्पिनरों की सहायक भूमिका में हो तो लय बनाए रखना आसान नहीं होता है। दोनों ने कसी हुई सटीक गेंदबाजी कर बल्लेबाजों को ज्यादा आजादी नहीं लेने दी। दूसरे दिन के खेल में दोनों का प्रयास काफी सराहनीय था। टीम इंडिया ने बेंगलुरु में जीत दर्ज कर खुद पर बना दबाव हटा दिया है। अब वो अगले दो टेस्ट मैचों में खुलकर खेल सकेगा।

(टीसीएम)

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