अब खुल के खेल सकेंगे महेंद्र सिंह धौनी

आइसीसी विश्व कप में सिर्फ दो साल बाकी है और उस समय धौनी 38 साल के हो चुके होंगे।

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Sat, 07 Jan 2017 07:36 PM (IST) Updated:Sat, 07 Jan 2017 07:42 PM (IST)
अब खुल के खेल सकेंगे महेंद्र सिंह धौनी

(गावस्कर का कॉलम)

महेंद्र सिंह धौनी का सीमित ओवरों की कप्तानी छोडऩे का फैसला हैरानी भरा नहीं था। आइसीसी विश्व कप में सिर्फ दो साल बाकी है और उस समय धौनी 38 साल के हो चुके होंगे। ऐसे में उन्हें विराट कोहली के लिए जगह छोडऩी ही थी। सच तो यह है कि कप्तानी छोड़कर धौनी ने 2019 के विश्व कप के लिए अपने चांस बढ़ा दिए हैं। विकेटकीपर होकर कप्तानी करना कभी आसान नहीं होता, क्योंकि इससे विकेटकीपिंग प्रभावित होती है। हम देख चुके हैं कि एक गलती मैच पर भारी पड़ सकती है। अब धौनी पूरी तरह से अपनी विकेटकीपिंग पर फोकस कर सकते हैं। इससे उनकी बल्लेबाजी में भी सुधार होगा। वह कोहली द्वारा दी जाने वाली जिम्मेदारी को ढंग से निभा पाएंगे। चाहे बल्लेबाजी क्रम में ऊपर आना हो या आखिरी ओवरों में फिनिशर की भूमिका निभानी हो। हमें शायद अब धौनी के बल्ले से ज्यादा शतक निकलने की उम्मीद होगी, जैसा हमें उनके करियर की शुरुआत में देखने को मिला था। अब वह खुल के खेलेंगे।

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हालिया तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के बाद पाकिस्तान में भी कुछ इस्तीफे देखने को मिल सकते हैं, क्योंकि टीम प्रबंधन को नए कप्तान की तलाश होगी। मिस्बाह ने इंग्लैंड में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में वह बुरी तरह से फ्लॉप रहे। जिस तरह की पारियां खेल वह अपनी टीम को बचाते रहे हैं, अब उनमें वैसी पारी खेलने की क्षमता नहीं दिखी। 42 की उम्र में भी वह काफी फिट दिख रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान को हालिया समय में कोई बड़ा दौरा नहीं करना है। ऐसे में उन्हें युवा कप्तान का विकल्प तलाशना चाहिए ताकि उसके पास परिस्थितियों से तालमेल बिठाने के लिए लिए पर्याप्त समय हो।

ऑस्ट्रेलिया में अपने प्रदर्शन से अजहर अली कप्तानी के लिए सर्वश्रेष्ठ विकल्प लग रहे हैं। यूनुस खान भी शानदार हैं, लेकिन उनके पास भी ज्यादा समय नहीं बचा है, ऐसे में अजहर ही सही विकल्प हैं। वनडे टीम की कप्तानी वह पहले से ही कर रहे हैं। इसलिए वह पाकिस्तानी प्रशंसकों की उम्मीदों से भली भांति परिचित हैं।

दक्षिण अफ्रीका में मेजबान टीम ने श्रीलंका को बुरी तरह से धराशायी कर दिया। श्रीलंकाई टीम उछालभरी पिच पर बेबस नजर आ रही थी। भारत में अपने पदार्पण मैच में ही प्रभावित करने वाले कैगिसो रबादा समय के साथ और मजबूत होते जा रहे हैं। काएल एबॉट और वर्नेन फिलेंडर ने भी उनका साथ बखूबी निभाया। क्विंटन डि कॉक ने अपनी बल्लेबाजी से मैच श्रीलंका की पहुंच से बाहर कर दिया, वो भी ऐसे समय में जब श्रीलंकाई गेंदबाज मैच में वापसी के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे थे। अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी के लिए अजहर अली को इस हफ्ते का सीएट इंटरनेशनल क्रिकेटर ऑफ द वीक चुना जाता है।

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