'कुलदीप यादव और चावला के खिलाफ गंभीर रहे मुंबई, भज्जी जैसा कोई नहीं'

सनराइजर्स ने शानदार शुरुआत की और गुजरात की बड़ी हार की वजह से इस मुकाबले में गत चैंपियन का पलड़ा भारी होगा।

By Bharat SinghEdited By: Publish:Sun, 09 Apr 2017 10:05 AM (IST) Updated:Sun, 09 Apr 2017 11:09 AM (IST)
'कुलदीप यादव और चावला के खिलाफ गंभीर रहे मुंबई, भज्जी जैसा कोई नहीं'
'कुलदीप यादव और चावला के खिलाफ गंभीर रहे मुंबई, भज्जी जैसा कोई नहीं'

(सुनील गावस्कर का कॉलम) 

पिछले साल अंकतालिका में शीर्ष पर रहने वाली गुजरात को दस विकेट से हराकर कोलकाता ने इस बार खिताब की तलाश के अभियान की सही शुरुआत की। ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है जब कोई टीम बिना कोई विकेट गंवाए लक्ष्य हासिल कर ले, वो भी 184 जैसा विशाल स्कोर। जिस आसानी से गंभीर और लिन की जोड़ी ने यह जीत हासिल की, उससे गुजरात के कप्तान को अपने गेंदबाजी संयोजन के बारे में दोबारा सोचने पर मजबूर कर दिया होगा।

रैना ने जेम्स फॉकनर को बाहर बैठाते हुए सभी भारतीय गेंदबाजों को चुना। हालांकि ऐसा नहीं है कि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज की मौजूदगी से बड़ा अंतर पड़ता। हालांकि कभी-कभी फ्रेंचाइजी दूसरी टीमों से खिलाड़ियों को पैसा बचाने के लिए ले लेती हैं, लेकिन इन खिलाड़ियों को ज्यादा अच्छा नहीं माना जाता। जब दूसरी टीम उन्हें लेती है, तो इसके पीछे बेसब्री होती है या फिर उन्हें भटकाया जाता है।

खेल के इस प्रारूप में गंभीर पूरी तरह से अलग बल्लेबाज हैं। टेस्ट क्रिकेट में उनका फुटवर्क भले ही उतना मजबूत न दिख रहा हो, लेकिन यह वह काफी सकारात्मक दिख रहे थे। वह गेंद फेंके जाने से पहले बिल्कुल भी अपनी क्रीज नहीं छोड़ रहे थे। स्पिनरों की जिस ढंग से वह धुनाई कर रहे थे, वह भी काबिलेतारीफ था। एक युवा की तरह विकेट के बीच उनकी दौड़ भी शानदार थी। क्रिस लिन एक आक्राकम बल्लेबाज के रूप में जाने जाते हैं और राजकोट में आठ छक्के लगाकर उन्हें अपनी इसी शक्ति का प्रदर्शन किया।

कोलकाता के खिलाफ मुंबई की टीम सतर्क होगी, लेकिन उन्हें भी चावला और कुलदीप यादव के खिलाफ संभलकर खेलना होगा। मुंबई को अपनी गेंदबाजी पर ध्यान देना होगा। हरभजन सिंह को टीमें शामिल किया जा सकता है। हरभजन के पास जो अनुभव है, उसे पैसों से नहीं खरीदा जा सकता। उनके प्रतिस्पर्धी स्वभाव और ऊर्जा की मुंबई को जरूरत है।

सनराइजर्स ने शानदार शुरुआत की और गुजरात की बड़ी हार की वजह से इस मुकाबले में गत चैंपियन का पलड़ा भारी होगा। हालांकि इस प्रारूप में खिलाड़ियों और टीम के लिए वापसी की गुंजाइश बनी रहती है और रैना की नजर इसी पर होगी।

(पीएमजी)

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