लॉ‌र्ड्स से तय होगा सीरीज का भविष्य

दुनिया के प्रतिष्ठित मैदानों में से एक लॉ‌र्ड्स में गुरुवार से भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरा टेस्ट मैच खेला जाएगा। यह एक ऐसा मैदान है, जहां मेहमान टीम हमेशा खेलना चाहती है। भारतीय टीम में ज्यादातर खिलाड़ी पहली बार लॉ‌र्ड्स पर खेलेंगे। मेरे लिए यह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण टेस्ट मैच है, क्योंकि जो भी टीम यहां जीत

By Edited By: Publish:Thu, 17 Jul 2014 03:20 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jul 2014 03:21 PM (IST)
लॉ‌र्ड्स से तय होगा सीरीज का भविष्य

(सौरव गांगुली का कॉलम)

दुनिया के प्रतिष्ठित मैदानों में से एक लॉ‌र्ड्स में गुरुवार से भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरा टेस्ट मैच खेला जाएगा। यह एक ऐसा मैदान है, जहां मेहमान टीम हमेशा खेलना चाहती है। भारतीय टीम में ज्यादातर खिलाड़ी पहली बार लॉ‌र्ड्स पर खेलेंगे। मेरे लिए यह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण टेस्ट मैच है, क्योंकि जो भी टीम यहां जीतेगी उसके पास सीरीज जीतने के ज्यादा मौके होंगे। ऐसे में भारतीय खिलाड़ियों के लिए जरूरी है कि वे उसके अनुकूल ढलने के लिए मैदान पर ज्यादा से ज्यादा अभ्यास करें।

ट्रेंटब्रिज में पहले टेस्ट मैच में पिच ने जैसा व्यवहार किया उसके बाद टॉस से पहले लॉ‌र्ड्स की पिच पर भी काफी चर्चा होगी। लंदन की परिस्थितियों में क्यूरेटर के लिए पिच पर नमी बनाए रखना काफी मुश्किल होगा। एक क्रिकेटप्रेमी के तौर पर मैं बल्ले और गेंद में बराबर का मुकाबला देखना चाहूंगा। दोनों टीमों के लिए टीम चयन चिंता का विषय है। भारत को कुछ कड़े फैसले लेने होंगे। हाल के समय में विदेशों में भारतीय स्पिनरों ने निराश किया है और ऐसे में कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के लिए अश्विन और जडेजा में से किसी एक को चुनना होगा। नॉटिंघम टेस्ट में जडेजा को विकेट लेने चाहिए थे। हालांकि प्रेस कांफ्रेंस में धौनी ने जडेजा का बचाव किया, लेकिन साथ ही यह भी स्वीकार किया कि पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में भारतीय स्पिनरों की भूमिका अहम है और उन्हें अच्छा प्रदर्शन करना होगा। इसके अलावा धौनी को पिच पर करीबी नजर रखनी होगी। मैंने यह इसलिए कहा क्योंकि अगर यह ट्रेंटब्रिज की तरह सूखी विकेट होगी तो भारत के लिए दो स्पिनरों के साथ खेलना फायदेमंद होगा। बहरहाल धौनी के कप्तानी इतिहास को देखते हुए यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि वह क्या बदलाव करते हैं। अगर वह कोई बदलाव नहीं भी करते हैं तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

इंग्लैंड की बात करें तो उसने लंकाशर के स्पिनर साइमन कैरिगन को टीम में शामिल किया है और मुझे नहीं लगता कि वह उसे बाहर रखेंगे। विश्व क्रिकेट में सभी अच्छी टीमों के पास अच्छे स्पिनर हैं, लेकिन इंग्लिश काउंटी में ज्यादातर टीमों के पास विश्वस्तरीय स्पिनरों की कमी है। इंग्लैंड को अब युवा क्रिकेटरों के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी डालनी होगी, जैसा हरभजन सिंह के साथ हुआ था। हरभजन को सीधे अंडर-19 टीम से भारतीय टीम में शामिल किया गया था और यह दांव सफल साबित हुआ। अब देखना है कि कैरिगन उम्मीदों पर कितना खरा उतरते हैं।

इस बीच, दोनों टीमों के बीच हालिया विवाद के बीच अच्छे प्रदर्शन करने की भी चुनौती है। पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन और भारत के ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा के बीच कहासुनी हो गई थी।

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