पेस अटैक का सामना नहीं कर पा रहे इंग्लिश बल्लेबाज

इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज देखकर चेहरे पर मुस्कान आ गई। जो लोग बार-बार यह कहते रहते हैं कि भारतीय तेज गेंदबाजी नहीं खेल सकते, वो ही अब ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों को रोकने के लिए धीमी पिचों की मांग कर रहे हैं। ये वही लोग

By sanjay savernEdited By: Publish:Sat, 25 Jul 2015 08:42 PM (IST) Updated:Sat, 25 Jul 2015 08:46 PM (IST)
पेस अटैक का सामना नहीं कर पा रहे इंग्लिश बल्लेबाज

(गावस्कर का कॉलम)

इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज देखकर चेहरे पर मुस्कान आ गई। जो लोग बार-बार यह कहते रहते हैं कि भारतीय तेज गेंदबाजी नहीं खेल सकते, वो ही अब ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों को रोकने के लिए धीमी पिचों की मांग कर रहे हैं। ये वही लोग हैं, जो बाउंसर पर बैठ जाने के लिए भारतीय बल्लेबाजों का मजाक उड़ाते हैं, लेकिन अब जब उनके बल्लेबाज इन गेंदों पर आउट हो रहे हैं, तो उनका नजरिया ही बदल गया है।

जो लोग कभी भी किसी स्तर पर क्रिकेट नहीं खेले हैं, वो इस बात को मानने को ही तैयार नहीं हैं कि इंग्लैंड के बल्लेबाज ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजी का सामना नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि कम से कम एक पूर्व खिलाड़ी ने तो जरूर इस सच्चाई को स्वीकार करने की हिम्मत दिखाई है। इसी वजह से भारतीय बल्लेबाजी स्टार वीरेंद्र सहवाग, राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण का कद और भी बढ़ जाता है। घरेलू क्रिकेट में इन बल्लेबाजों को तेज गेंदबाजी का सामना करने का मौका कम ही मिलता है, बावजूद इसके इन्होंने टेस्ट और वनडे क्रिकेट में अपने स्तर को काफी ऊपर उठाया। गौतम गंभीर और सौरव गांगुली भी ऐसे ही बल्लेबाज हैं, जिन्हें उचित श्रेय नहीं मिला, लेकिन उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से देश का सिर गर्व से ऊंचा किया है। उन्होंने अलग ही स्टाइल और तरीके से यह काम किया।

एक बात और तय है कि इंग्लैंड की एक और बड़ी हार के बाद केविन पीटरसन के समर्थक उनकी वापसी के लिए आवाज उठाने लगेंगे। वह ऐसे बल्लेबाज हैं, जो विपक्षी टीम पर जवाबी हमला कर सकते हैं।

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