भुवी की बल्लेबाजी में भी धौनी का योगदान रहा

अगर किसी के मन में महेंद्र सिंह धौनी की भारतीय टीम में जगह को लेकर शक था, तो वह अब दूर हो जाना चाहिए।

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Sat, 26 Aug 2017 06:52 PM (IST) Updated:Sun, 27 Aug 2017 07:24 AM (IST)
भुवी की बल्लेबाजी में भी धौनी का योगदान रहा
भुवी की बल्लेबाजी में भी धौनी का योगदान रहा

(गावस्कर का कॉलम)

अगर किसी के मन में महेंद्र सिंह धौनी की भारतीय टीम में जगह को लेकर शक था, तो वह अब दूर हो जाना चाहिए। उन्होंने अपने शांत तरीके से भुवनेश्वर को मैच विजयी पारी खेलने के लिए प्रेरित किया। भुवी खुद शांत स्वभाव के हैं और बिना इतिहास पर ध्यान दिए पेशेवर तरीके से अपने काम को अंजाम दिया। भले ही उन्होंने धौनी से ज्यादा रन बनाए हों, लेकिन उनकी बल्लेबाजी पर एमएस का प्रभाव साफ दिख रहा था। धौनी हर गेंद के बाद भुवनेश्वर में जोश भर रहे थे। जब स्पिनर गेंदबाजी कर रहे थे जब धौनी को यह चिल्लाते हुए साफ सुना जा सकता था कि किस तरह की गेंद फेंकी जाएगी और उसे कैसे खेलना है। 

 इससे उनके लिए सम्मान काफी ज्यादा बढ़ जाता है। यहां तक कि जब भारत गेंदबाजी कर रहा था तब भी वह लगातार गेंदबाजों से बात कर उन्हें लाइन और लैंथ के बारे में बता रहे थे और उन्हें फील्डिंग के अनुसार गेंदबाजी करने को कह रहे थे। ऐसा नहीं है कि विराट ने सम्मान के तौर पर उन्हें छूट दे रखी है बल्कि विराट को भी अपने पूर्व कप्तान पर पूरा भरोसा है।

धौनी ने खुद यह सुनिश्चित किया कि श्रीलंका के सबसे अनुभवी गेंदबाज लसित मलिंगा का सामना वह खुद करें। और हमेशा की तरह उन्होंने तेज दौड़कर एक रन को दो में बदल दिया। उनकी साझेदारी को आगे बढ़ते देखकर श्रीलंकाई काफी हत्सोत्साहित हो रहे थे। उन्हें देखकर ही अंदाजा लग गया था कि उन्होंने पहले ही हार मान ली है।

 इसके बावजूद उन्हें इस बात से खुश होना चाहिए कि उनका गेंदबाजी आक्रमण पहले मैच की तुलना में ज्यादा अच्छा दिख रहा था। धनंजय  एक बेहतरीन खोज साबित हुए।  उन्होंने अपनी गुगली से भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज को पवेलियन भेज दिया। जाधव, कोहली, राहुल और पांड्या उनकी गुगली को भांप नहीं  पाए, जबकि रोहित शर्मा सीधी गेंद पर स्वीप लगाने की कोशिश में जल्दबाजी कर गए। स्वीप शॉट से काफी रन बनते हैं, लेकिन हुक शॉट की तरह ही अगर यह सही तरीके से न लगाया जाए तो इसमें काफी जोखिम होता है। दोनों ही ओर से दो-दो खिलाडिय़ों ने स्वीप शॉट खेलने के चक्कर में विकेट गंवाया और इसी से मैच का पासा पलट गया। श्रीलंका की ओर से कुशल मेंडिस और एंजेलो मैथ्यूज ने इस कोशिश में अपना विकेट गंवाया और भारत की तरफ से रोहित और शिखर धवन जल्दी-जल्दी आउट हो गए। इसी वजह से भारतीय टीम मुश्किल में पड़ गई। भारत ने राहुल और जाधव को बल्लेबाजी क्रम में आगे भेजने का प्रयोग किया, लेकिन यह दांव सही नहीं पड़ा। हालांकि दोनों ही अच्छे खिलाड़ी हैं और उन्हें ज्यादा से ज्यादा मौके मिलने चाहिए। अगर भारत तीसरा मैच जीत जाता है, तो वह टीम में कुछ बदलाव के बारे में सोच सकता है। लेकिन तब तक अच्छा यही रहेगा कि वह अपनी मजबूत टीम के साथ ही मैदान में उतरे।

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