अजेय अभियान पर भारतीय टीम, लगातार इन पांच सीरीजों को किया फतेह
Team India Winning streak भारतीय टीम ने लगातार पांच अंतरराष्ट्रीय सीरीजों को अपने नाम किया है। इस दौरान विराट कोहली ने भारतीय टीम के लिए अच्छी कप्तानी की है। इंग्लैंड के खिलाफ भारत ने तीनों सीरीज अपने नाम की हैं।
उमेश राजपूत, नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के लिए पिछले कुछ महीने बेहद शानदार रहे हैं। बीते दिसंबर से अब तक यदि टीम इंडिया का अभियान देखें तो विदेशी सरजमीं हो या घरेलू मैदान, हर जगह उसने अपना परचम लहराया है। इस दौरान भारत ने सभी प्रारूपों में कुल पांच सीरीज खेली हैं और हर बार ट्रॉफी पर कब्जा जमाया है। इस दौरान भारतीय टीम का जो जोश, जज्बा और जुनून देखने को मिला है उसकी दूसरी मिसाल देखने को नहीं मिलती। भारतीय टीम ना सिर्फ अंत तक लड़ी, बल्कि हर बार किला फतह भी किया।
जीत की नींव
भारत के सीरीज जीत के इस अजेय अभियान का आगाज पिछले साल के अंत में ऑस्ट्रेलिया दौरे से शुरू हुआ। पिछले साल के अंत में तीनों प्रारूपों की सीरीज के लिए भारत ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था, जिसका आगाज वनडे सीरीज से हुआ। वनडे सीरीज में भारत को 1-2 से हार मिली। लेकिन, इसी सीरीज ने भारत की जीत की नींव तैयार की। पहले दोनों वनडे हारने के बाद भारत ने तीसरा मैच जीता। उसने पहले बल्लेबाजी करते हुए 302 का स्कोर बनाया और फिर ऑस्ट्रेलिया को 289 रन पर समेट कर 13 रन से मुकाबला जीता।
जीत का आगाज
अब बारी टी-20 सीरीज की थी। भारत की हालिया महीनों में सीरीज जीत के सफर का आगाज इस सीरीज की जीत के साथ शुरू हुआ। कैनबरा में भारत ने पहला मैच 11 रन से जीतकर विजयी आगाज किया। सिडनी में दूसरे मैच में 195 रन के बड़े लक्ष्य को भी भारत ने छह विकेट रहते हासिल कर लिया। हालांकि, सिडनी में ही तीसरा टी-20 भारतीय टीम 12 रन से हार गई, लेकिन सीरीज 2-1 से अपने नाम की।
बंद किए आलोचकों के मुंह
ऑस्ट्रेलिया में अब असली चुनौती टेस्ट सीरीज की थी। कुछ दिग्गज तो यहां तक कह चुके थे कि भारत सीरीज के चारों टेस्ट हारेगा। जब एडिलेड में खेले गए पहले डे-नाइट टेस्ट को टीम इंडिया आठ विकेट से हार गई तो उसके क्लीन स्वीप की चर्चाओं ने भी जोर पकड़ लिया। इस टेस्ट में भारत की दूसरी पारी तो सिर्फ 36 रन पर सिमट गई थी, जो कि टेस्ट क्रिकेट में भारत का सबसे कम स्कोर है। इस टेस्ट के बाद कप्तान विराट कोहली भी पारिवारिक कारण से स्वदेश लौट गए और ऐसे में अगले तीनों टेस्ट में टीम की कमान अजिंक्य रहाणे ने संभाली।
भारत ने सीरीज के दूसरे बॉक्सिंग डे टेस्ट को आठ विकेट से जीतकर जोरदार वापसी की। भारत की ओर से इस टेस्ट में जसप्रीत बुमराह ने छह (4+2), रविचंद्रन अश्विन ने पांच (3+2) और पदार्पण टेस्ट खेल रहे मुहम्मद सिराज ने पांच (2+3) विकेट अपने नाम किए। इसके चलते इस टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की दोनों पारी सिर्फ 195 और 200 रन पर ढेर हो गई, जबकि कप्तान रहाणे के शतक की बदौलत भारत ने पहली पारी में 326 रन का स्कोर बनाया और फिर दूसरी पारी में 70 रन के मामूली लक्ष्य को आसानी से पा लिया। सिडनी में ही तीसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को जीत के लिए 407 रन का विशाल लक्ष्य दिया।
चेतेश्वर पुजारा (77) और रिषभ पंत (97) की बदौलत एक समय लग रहा था कि भारत इस मैच को जीत सकता है, लेकिन इन दोनों के आउट होने के बाद भारत पर हार का खतरा मंडराने लगा था, लेकिन इसके बाद हनुमा विहारी और अश्विन ने 269 गेंदों पर 62 रन की अटूट साझेदारी कर मैच को ड्रॉ करा लिया। अब सबकी नजरें ब्रिस्बेन में खेले गए चौथे व अंतिम टेस्ट पर थीं। इस टेस्ट में भी भारत को जीत के लिए 328 रन का विशाल लक्ष्य मिला, लेकिन इस बार पंत कुछ और ही ठानकर उतरे थे। उन्होंने वनडे स्टाइल में 89 रन की पारी खेली और भारत को मैच और सीरीज जिताकर ही पवेलियन लौटे और भारत ने यह सीरीज 2-1 से जीतकर आलोचकों के मुंह बंद कर दिए।
इंग्लैंड पर भी पटलवार
ऑस्ट्रेलिया से लौटकर भारत को तीनों प्रारूपों में इंग्लैंड की मेजबानी करनी थी, जिसकी शुरुआत चार टेस्ट मैचों की सीरीज से हुई। चेन्नई में हुए पहले टेस्ट को भारतीय टीम 227 रन से हार गई। हालांकि, रोहित शर्मा के पहली पारी में 161 रन, रविचंद्रन अश्विन के दूसरी पारी में 106 रन और मैच में आठ विकेट एवं पदार्पण टेस्ट खेलने वाले अक्षर पटेल के दूसरी पारी में पांच विकेट से भारत ने चेन्नई में ही हुए दूसरे टेस्ट को 317 रन से जीतकर शानदार वापसी की। इसके बाद अगले दोनों टेस्ट अहमदाबाद के नए बने नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए और भारत ने ये दोनों टेस्ट क्रमश: 10 विकेट एवं पारी व 25 रन से जीतकर टेस्ट सीरीज 3-1 से अपने नाम कर ली और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में अपनी जगह सुनिश्चित की।
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टी-20 सीरीज भी कब्जाई
अहमदाबाद में ही इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टी-20 सीरीज खेली गई। इस सीरीज में भी भारत ने आठ विकेट की हार से शुरुआत की, लेकिन कप्तान विराट कोहली (नाबाद 73) और पदार्पण मैच खेलने वाले इशान किशन (56) के अर्धशतकों से दूसरा मैच सात विकेट से जीतकर 1-1 की बराबरी हासिल कर ली। तीसरा मैच भारत फिर आठ विकेट से हार गया। सूर्यकुमार यादव (31 गेंदों में 57 रन) के तूफानी अर्धशतक की बदौलत भारत ने चौथा मैच आठ रन से जीतकर सीरीज का स्कोर 2-2 कर दिया। पांचवां व निर्णायक मैच भारत ने 36 रन से जीतकर लगातार चौथी सीरीज अपने नाम की।
जीत का पंजा
भारत दौरे पर इंग्लैंड की आखिरी सीरीज वनडे सीरीज थी, जिसे भी भारत ने 2-1 से अपने नाम किया। पुणे में खेली गई इस सीरीज के पहले मैच को भारत ने शिखर धवन के 98 रन और पदार्पण मैच खेलने वाले प्रसिद्ध कृष्णा के चार विकेटों की मदद से 66 रन से अपने नाम किया। दूसरे मैच में भारत ने इंग्लैंड को 337 रन का लक्ष्य दिया, लेकिन इंग्लैंड ने इसे हासिल कर सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली। अब फैसला तीसरे वनडे मैच से होना था। इस बार भारत ने इंग्लैंड को 330 रन का लक्ष्य दिया, लेकिन उतार-चढ़ाव और रोमांच से भरे इस मैच को अंत में भारत ने सात रन से जीतकर सीरीज 2-1 से अपने नाम की और लगातार पांचवीं सीरीज जीत दर्ज की।