विराट के इस एक फैसले से प्रभावित हो सकता है दूसरे टेस्ट मैच का नतीजा
खेल के पहले दिन भारतीय तेज गेंदबाज ज्यादा प्रभावी नहीं दिखे।
नई दिल्ली, जेएनएन। कभी-कभी क्रिकेट में एक फैसला भारी पड़ जाता है और इसका असर मैच के नजीते पर भी पड़ जाता है। कुछ ऐसा ही दूसरे टेस्ट मैच में टीम इंडिया के साथ ना हो। पर्थ के ऑप्टस मैदान के तेज विकेट को देखते हुए कप्तान विराट व टीम मैनेजमेंट ने चार तेज गेंदबाजों के साथ मैदान पर उतरने का फैसला किया, लेकिन खेल के पहले दिन टीम इंडिया छह विकेट जरूर गिरा दिए लेकिन बहुत ज्यादा प्रभावी नहीं दिखे। पहले दिन का खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया ने छह विकेट पर 277 रन बनाए जो बहुत अच्छी नहीं फिर भी ठीक स्थिति कही जा सकती है।
मैच की पहली पारी में टीम इंडिया के तेज गेंदबाजों को कंगारू टीम के ओपनर हैरिस व फिंच ने परेशान कर दिया और पहले विकेट के लिए 112 रन की मजबूत साझेदारी कर दी। पिच को देखते हुए ऐसा लग रहा था कि गेंदबाज कमाल करेंगे पर ऐसा नहीं हुआ। लंच तक भारतीय टीम एक भी विकेट नहीं गिरा पाई थी। इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पेन ने कहा था कि गर्मी की वजह से पिच टूटेगी और बाद में उसमें क्रैक आएंगे। अगर ऐसा होता है कि लियोन पहले टेस्ट की तरह दूसरे टेस्ट में भारतीय टीम पर कहर बरपा सकते हैं।
अश्विन जब दूसरे टेस्ट में नहीं खेल रहे तो उनकी जगह जडेजा को शामिल किया जा सकता था। जडेजा शुद्ध स्पिनर भी हैं और बल्लेबाजी भी कर लेते हैं यानी वो टीम के लिए दोनों तरह से फायदेमंद होते। इसके अलावा जडेजा अनुभवी हैं और वो भी पिच पर आए क्रैक का पूरा फायदा उठा सकते थे। वैसे हनुमा विहारी स्पिन गेंदबाजी करते हैं और पहली पारी में उन्होंने दो विकेट भी लिए लेकिन उनके पास अनुभव की कमी है और उन्होंने 14 ओवर में 53 रन दे दिए। यानी उनकी अनुभवहीनता का फायदा कंगारू बल्लेबाज उठा सकते हैं।
अगर जडेजा टीम में होते तो वो विहारी के साथ मिलकर ऑस्ट्रेलिया के लिए बड़ी मुसीबत बन सकते थे। अब जडेजा टीम में नहीं हैं और तेज गेंदबाजी बहुत ज्यादा असरदार साबित नहीं हो रहे तो ऐसे में टीम के बल्लेबाजों पर ज्यादा रन बनाने का दबाव है। यानी इस टेस्ट मैच को जीतने के लिए अब टीम इंडिया को काफी सावधानी से आगे बढ़ना होगा क्योंकि यहां से एक छोटी सी भी गलती भारत को भारी पड़ सकता है।