भारतीय क्रिकेट में चल रही है ये अनोखी और दिलचस्प जंग, अब आगे क्या होगा?

अब आने वाले समय में ये टक्कर और दिलचस्प हो सकती है।

By Shivam AwasthiEdited By: Publish:Fri, 07 Jul 2017 06:14 PM (IST) Updated:Sat, 08 Jul 2017 12:54 PM (IST)
भारतीय क्रिकेट में चल रही है ये अनोखी और दिलचस्प जंग, अब आगे क्या होगा?
भारतीय क्रिकेट में चल रही है ये अनोखी और दिलचस्प जंग, अब आगे क्या होगा?

नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। भारतीय क्रिकेट टीम में इन दिनों एक अनोखी और दिलचस्प जंग चल रही है। वेस्टइंडीज के लिए जब भारतीय टीम का एलान हुआ था तो इसकी पहली झलक देखने को मिली थी। अब आने वाले समय में ये टक्कर और दिलचस्प हो सकती है। 

- एक टीम, चार-चार विकेटकीपर

कैरेबियाई दौरे के लिए गई इस भारतीय वनडे टीम में पहली बार ऐसा नजारा देखने को मिला कि एक या दो नहीं बल्कि तीन विशेषज्ञ विकेटकीपर और एक कामचलाऊ विकेटकीपर को टीम में जगह दी गई थी। धौनी के अलावा दिनेश कार्तिक और रिषभ पंत को भी चयनकर्ताओं ने टीम में जगह दी जबकि शीर्ष एकादश में केदार जाधव भी शामिल रहे जो मौका आने पर विकेटकीपिंग करने में सक्षम है। धौनी हर मैच में खेले, कार्तिक को अंतिम दो मुकाबलों में बल्लेबाज के तौर पर खिलाया गया और रिषभ पंत बेंच पर ही बैठे रह गए। तीसरे व चौथे वनडे में धौनी ने अर्धशतक जड़ा जबकि अंतिम वनडे में कार्तिक ने चार साल बाद वनडे अर्धशतक जड़ा। पूर्व क्रिकेटर और भारतीय खिलाड़ी गौतम गंभीर के कोच संजय भारद्वाज कहते हैं, 'विकेटकीपिंग एक खास कला है। ये न सिर्फ जिम्मेदारी का काम है बल्कि इससे आपकी बल्लेबाजी में भी सुधार होता है क्योंकि गेंद को अंतिम समय में स्पष्ट रूप से देखने की कला कीपर से बेहतर किसी में नहीं होती। मेरे हिसाब से मौजूदा स्थिति को देखें तो धौनी के वनडे-टी20 से जाने के बाद ये जिम्मेदारी रिषभ पंत को देनी चाहिए क्योंकि उनकी उम्र कम है और इस समय उनको तैयार करना अच्छा फैसला रहेगा।' 

- विकेटकीपरों की फेहरिस्त कतार में

एक समय था जब भारतीय क्रिकेट में विकेटकीपरों का आकाल सा पड़ गया था। 2000 से 2005 के बीच भारतीय क्रिकेट ने राहुल द्रविड़ को विकेटकीपर के रूप में आजमाया और फिर सालों तक उन्हीं से काम चलाया। इसके बाद एक ही साल (2004) में दिनेश कार्तिक और धौनी की एंट्री हुई तो द्रविड़ को राहत मिली। उसके बाद तो विकेट के पीछे जिम्मेदारी संभालने की ऐसी जंग शुरू हुई कि लंबी कतार लग गई। धौनी का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दबदबा इतनी तेजी से बढ़ा कि बाकी के विकेटकीपर-बल्लेबाज घरेलू क्रिकेट तक सीमित रह गए। बीच में कभी-कभी धौनी बाहर रहे तो पार्थिव और रिद्धिमान साहा को मौका मिलता रहा लेकिन धौनी वापस आए तो उनकी फिर छुट्टी हो गई। जब टेस्ट में धौनी ने संन्यास लिया तब साहा टीम में थे और उन्हें अपने आप ये जिम्मेदारी मिल गई लेकिन वनडे-टी20 से जब धौनी संन्यास लेंगे तो यहां कड़ी टक्कर होने की उम्मीद है। 

धौनी के अलावा ये हैं उन कुछ विकेटकीपर-बल्लेबाजों की लिस्ट जो अभी क्रिकेट में पूर्ण रूप से सक्रिय हैं और राष्ट्रीय टीम में शामिल हो चुके हैं - 

रिद्धिमान साहा (उम्र- 32 वर्ष) -  टेस्ट टीम के विकेटकीपर, 9 वनडे मैचों का अनुभव 

पार्थिव पटेल - (उम्र- 32 वर्ष) -  38 वनडे, 23 टेस्ट का अनुभव

दिनेश कार्तिक - (उम्र- 32 वर्ष) - 73 वनडे, 23 टेस्ट और 9 टी20 मैचों का अनुभव

रॉबिन उथप्पा - (उम्र- 31 वर्ष) - 46 वनडे, 13 टी20 मैचों का अनुभव

लोकेश राहुल - (उम्र- 25 वर्ष) - 17 टेस्ट, 6 वनडे और 8 टी20 मैचों का अनुभव

नमन ओझा - (उम्र- 33 वर्ष) - 1 टेस्ट, 1 वनडे, 2 टी20 मैचों का अनुभव 

रिषभ पंत - (उम्र- 19 वर्ष) - 1 टी20 मैच का अनुभव 

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