IND vs NZ: भारतीय खिलाड़ियों की सुरक्षा में हुई बड़ी चूक, जानिए इस वजह से हुआ ऐसा!

भारत और न्यूजीलैंड के बीच दिल्ली में खेले गए पहले टी 20 मैच के दौरान खिलाड़ियों की सुरक्षा के मद्देनजर चूक हुई थी।

By Pradeep SehgalEdited By: Publish:Sun, 12 Nov 2017 01:48 PM (IST) Updated:Mon, 13 Nov 2017 09:59 AM (IST)
IND vs NZ: भारतीय खिलाड़ियों की सुरक्षा में हुई बड़ी चूक, जानिए इस वजह से हुआ ऐसा!
IND vs NZ: भारतीय खिलाड़ियों की सुरक्षा में हुई बड़ी चूक, जानिए इस वजह से हुआ ऐसा!

नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। एक नवंबर को भारत और न्यूजीलैंड के बीच यहां फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में खेले गए टी-20 मैच के दौरान दिल्ली पुलिस और एसडीएमसी के अधिकारियों पर दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के प्रशासक रिटायर्ड जस्टिस विक्रमजीत सेन ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस और एसडीएमसी के अधिकारी फ्री पास ज्यादा नहीं मिलने से नाराज थे और उन्होंने कई हथकंड़े अपनाए, जिससे मैच में बाधा पड़ सकती थी।

सेन ने कहा, ‘एक नवंबर को खेला गया मुकाबला पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज आशीष नेहरा का फेयरवेल था। दिल्ली पुलिस और एसडीएमसी को भी इस मुकाबले के पर्याप्त पास दे दिए गए थे। इसके बावजूद और ज्यादा फ्री टिकट नहीं मिलने से नाराज होते हुए एसडीएमसी के लोगों ने टॉस होने से कुछ घंटे पहले खिलाड़ियों के रसोई घर पर ताला जड़ दिया। जब उन्हें और ज्यादा पास दिए गए उसके बाद ही वह ताला खोला गया और क्रिकेटरों का डिनर तैयार हो सका। किचन पर दो घंटे तक ताला लगा रहा।’

(डीडीसीए के प्रशासक रिटायर्ड जस्टिस विक्रमजीत सेन की तस्वीर)

दिल्ली पुलिस पर सीसीटीवी फुटेज के हवाले से आरोप लगाते हुए सेन ने कहा, ‘दिल्ली पुलिस ने जांच और टिकट के बिना गेट नंबर दो से कई लोगों को स्टेडियम में जाने दिया जोकि खिलाड़ियों की सुरक्षा के मद्देनजर चूक थी। कुछ अधिकारियों ने कोटला के गेट नंबर दो पर तीन अलग-अलग मौकों के दौरान 50 से ज्यादा लोगों को स्टेडियम में जाने की अनुमति दी। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने पार्किंग स्टिकर भी जारी करने से मना कर दिया था। इसके अलावा दिल्ली यातायात पुलिस ने खानपान के ट्रकों के प्रवेश की अनुमति नहीं दी।

पूर्व भारतीय क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी को मैच के लिए विशेष आमंत्रित किया गया था और उन्हें भी गेट पर रोक दिया गया। एक तरफ बेदी को स्टेडियम में आने नहीं दिया तो दूसरी तरफ पुलिसवालों ने अनाधिकारिक लोगों को अंदर आने की अनुमति दे दी। मैंने दिल्ली पुलिस के कमिश्नर अमूल्य पटनायक को एक चिठ्ठी लिखकर इस बात की शिकायत की है।’

उन्होंने कहा, ‘दिल्ली पुलिस को 20 हॉस्पिटैलिटी लाउंज सहित 650 फ्री पास दिए गए थे, जबकि एसडीएमसी को छह लाउंज सहित 56 पास दिए थे। सेन ने कहा, कांप्लीमेंटरी पास की मांग बहुत ज्यादा थी। मुझे सांसद और जज के भी फोन आए और मैंने उनसे कहा कि यह अदालत के आदेश के खिलाफ होगा, तो उन्होंने तुरंत ओके कर दिया। अगली बार मैं यह चाहता हूं कि पुलिस को वहां बिल्कुल नहीं होना चाहिए। मेरा मतलब है कि वे केवल सुरक्षा कारणों के लिए वहां होने चाहिए।’

इन आरोप का पुलिस उपायुक्त (मध्य) एमएस रंधवा ने कहा, ‘सभी गेटों पर टिकट के बार कोड को स्कैन करने के बाद ही अंदर जाने दिया गया। हमने बिना इसके किसी को अनुमति नहीं दी और हर चीज सीसीटीवी में उपलब्ध है।’ गाड़ी पास के आवंटन के बारे में पूछे जाने पर संयुक्त पुलिस आयुक्त (ट्रैफिक) गरिमा भटनागर ने कहा, ‘हमने एक अच्छी प्रक्रिया का पालन किया, जोकि यातायात की भीड़ को देखते हुए बेहतर यातायात संचालन के लिए किया जाता है।’

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