विराट कोहली के बल्लेबाजी क्रम को हार का कारण बताना बेवकूफी- गौतम गंभीर

India vs Australia गौतम गंभीर ने कहा कि अगले दो मैचों में टीम इंडिया के पास अपना खेल दिखाने का शानदार मौका है।

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Thu, 16 Jan 2020 09:00 PM (IST) Updated:Thu, 16 Jan 2020 09:00 PM (IST)
विराट कोहली के बल्लेबाजी क्रम को हार का कारण बताना बेवकूफी- गौतम गंभीर
विराट कोहली के बल्लेबाजी क्रम को हार का कारण बताना बेवकूफी- गौतम गंभीर

(गौतम गंभीर का कॉलम)

मैंने सुना है कि फिल्म इंडस्ट्री में कुछ स्टार इसको लेकर बहुत सचेत होते हैं कि वह कितने समय स्क्रीन पर दिखेंगे। अगर उन्हें कोई फिल्म मिल रही है तो उसमें अच्छी लाइन उन्हें मिलनी चाहिए, प्रोमो या ट्रेलर में उन्हें कितनी जगह मिली। तो यह सब क्या असुरक्षा, प्रतिद्वंदिता, बाजार की वजह से है? मुझे नहीं पता इसे क्या कहना चाहिए। मैं इसको लेकर भी पक्का नहीं हूं कि इसे तथ्य कहूं या निडरता, लेकिन मैं आपको बताता हूं कि मेरे करियर में असुरक्षा ने कितना प्रभाव डाला।

मेरे पास ऐसे कई मामले हैं जिसमें बल्लेबाज को अपना स्थान गंवाने का डर होता है। यह खुद के करियर को बचाने के लिए होता है, ना कि कुल मिलाकर टीम के बेहतरी के लिए। ये बल्लेबाज बल्लेबाजी क्रम में अपने स्थान को बचाए रखते हैं, क्योंकि वह टीम से बाहर जाने का रिस्क नहीं लेना चाहते। ऐसे में विराट कोहली बधाई के पात्र हैं जो मुंबई में रोहित शर्मा, शिखर धवन और केएल राहुल के लिए अपना नंबर तीन का स्थान गंवाने को तैयार हो गए।

इसमें लोग कह सकते हैं कि सिनेमा और क्रिकेट में कोई मेल नहीं होता। मेरे आलोचक यह भी कह सकते हैं कि एक बल्लेबाज को हर जगह खेलने का आदी होना चाहिए, जिससे वह अपनी बल्लेबाजी को आंक सके और निचले क्रम पर खेलना एक चुनौती की तरह होता है। तब एक तरह की विफलता और टीम से बाहर जाने का डर भी होता है। मैं इस हिस्से के पक्ष में नहीं हूं। यह सब खुद को फिट बैठाने पर निर्भर करता है।

अगर कोई ओपनिंग बल्लेबाज नंबर तीन पर आता है तो वह महसूस कर सकता है कि गेंद उसके बल्ले पर नहीं आ रही है। हां, ऐसा होता है, लेकिन एक अच्छा बल्लेबाज रणनीति से बाहर निकलकर बल्लेबाजी करता है, ना कि अपनी टीम को मुश्किल में डाल देता है। मैंने 2011 विश्व कप नंबर तीन पर खेला, क्योंकि मेरी तुलना में हमारे पास सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग जैसे बेहतर ओपनर बल्लेबाज थे। यह एक टीम का खेल है और आप अपने देश के लिए खेल रहे हो।

इसके अतिरिक्त कोहली एक नेतृत्वकर्ता के तौर पर बयान दे रहे हैं। वह विरासत बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें टीम को पहले रखा जाता है। मैं कोहली की कप्तानी का बड़ा प्रशंसक नहीं हूं, लेकिन यह लड़का कुछ अच्छा करने के लिए कम से कम कोशिश तो कर रहा है। मैंने ऐसे कप्तानों को जाते देखा है जो कुछ अलग नहीं सोचते थे। यह सब जीत-हार का रिकॉर्ड बेहतर करने के लिए किया जाता है। मेरे लिहाज से अगर आप हारने का रिस्क नहीं लेते तो आप जीत नहीं सकते हो।

किसी भी केस में कोहली और टीम प्रबंधन प्रयोग कर सकते हैं। मुझे लगता है कि यह भारत का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजी क्रम था और यह कहना बेवकूफी है कि भारत यह मैच इसीलिए हारा क्योंकि कोहली ने अपना स्थान बदला। अगर कुछ है भी तो यह कि राहुल के आउट होने के बाद भारतीय टीम ने लय खो दी थी। मुझे नहीं पता क्यों देश इसको लेकर ज्यादा सोचता है कि टीम मैच हार गई। इसके बदले हम ये क्यों नहीं सोचते कि विरोधी टीम भारत को हराने से मैच जीत गई। मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया विश्व स्तरीय क्रिकेट खेली और खेल के हर महकमे में उन्होंने हमें हराया। भारत के पास राजकोट और बेंगलुरु में अपना खेल दिखाने का मौका है।

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