भारत को क्रिकेट के इस प्रारूप की महाशक्ति बनते देखना चाहते हैं कप्तान विराट कोहली

रैंकिंग में नंबर एक पर काबिज भारत ने ऑस्ट्रेलिया में अपनी एकमात्र टेस्ट सीरीज हाल में कोहली की कप्तानी में जीती है।

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Wed, 16 Jan 2019 08:21 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jan 2019 02:49 PM (IST)
भारत को क्रिकेट के इस प्रारूप की महाशक्ति बनते देखना चाहते हैं कप्तान विराट कोहली
भारत को क्रिकेट के इस प्रारूप की महाशक्ति बनते देखना चाहते हैं कप्तान विराट कोहली

एडिलेड, प्रेट्र। वनडे प्रारूप में विराट कोहली का कोई सानी नहीं है, लेकिन उनके पास युवाओं को देने के लिए अनमोल संदेश है। उनका कहना है कि सिर्फ सीमित ओवर के प्रारूपों पर फोकस करना ही टेस्ट क्रिकेट की चुनौतियों का सामना कर पाने में असमर्थ होने का 'बहाना' नहीं होना चाहिए। 25 टेस्ट शतक जड़ने वाले विश्व के नंबर एक बल्लेबाज ने चेताया कि यदि युवा खिलाड़ी पांच दिन की क्रिकेट के प्राचीन प्रारूप को नहीं अपनाते हैं तो उन्हें मानसिक दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि वह भारत को आने वाले समय में टेस्ट क्रिकेट की महाशक्ति के रूप में देखना चाहते हैं।

कोहली ने कहा, 'हम छोटे प्रारूप पर बहुत ज्यादा फोकस करते हैं। हां, वे महत्वपूर्ण हैं, लेकिन अगर हम पूरी तरह से उन पर ही फोकस करते हैं और उन्हें बचाव या बहाने के रूप में देखते हैं तो आप उस तरह की स्थिति में नहीं हो सकते हो जैसी टेस्ट क्रिकेट में आपको मिलती हैं। ऐसे में मुझे लगता है कि आने वाले क्रिकेटरों को इसके साथ ही मानसिक परेशानी होनी शुरू हो जाएगी।' पिछले साल जिम्मी एंडरसन, स्टुअर्ट ब्रॉड और मिशेल स्टार्क जैसे विश्व स्तरीय गेंदबाजों के सामने कुछ निर्णायक पारियां खेले वाले भारतीय कप्तान ने उस कड़े परिश्रम के बारे में बताया, जो किसी को गुणवत्ता वाला टेस्ट खिलाड़ी बनाता है।

उन्होंने कहा, 'यदि आप पांच दिन तक हर सुबह उठने को उत्सुक हैं और कड़ी मेहनत करते हैं, यदि आप दो घंटे तक बल्लेबाजी करने को उत्सुक हैं और टीम के लिए एक भी रन नहीं बनाते हैं, यह वह है जिसके लिए लोगों को (युवाओं को) तैयार करना चाहिए।' कोहली ने कहा कि मौजूदा भारतीय टेस्ट क्रिकेटर युवा पीढ़ी के लिए एक उदाहरण पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। कोहली ने टेस्ट क्रिकेट के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की जाहिर करते हुए कहा कि वह चाहते हैं कि भारत खेल के सबसे लंबे प्रारूप में महाशक्ति बने। रैंकिंग में नंबर एक पर काबिज भारत ने ऑस्ट्रेलिया में अपनी एकमात्र टेस्ट सीरीज हाल में कोहली की कप्तानी में जीती है। कोहली ने कहा, 'मैं यह नहीं कहूंगा कि यह लक्ष्य है, लेकिन हमारा नजरिया यह है कि हम भारत को आने वाले समय में टेस्ट क्रिकेट में महाशक्ति बनते देखना चाहते हैं। मेरा मानना है कि भारतीय क्रिकेट टेस्ट क्रिकेट का सम्मान करता है, भारतीय खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट का सम्मान करते हैं तो टेस्ट क्रिकेट शिखर पर रहेगा, क्योंकि हमारे प्रशंसक पूरी दुनिया में हैं।' कोहली ने ऑस्ट्रेलिया में 2014-15 की टेस्ट सीरीज के बीच में पहली बार भारतीय टीम की कप्तानी की थी जब महेंद्र सिंह धौनी ने अचानक से संन्यास की घोषणा कर चौंका दिया था। उन्होंने अपना काम आसान करने के लिए कोच रवि शास्त्री का धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा, '2014 के बाद से उन्होंने मुझे हमेशा ईमानदारी से फीडबैक दिया है कि कब सुधार की जरूरत है। मुझे याद है, पिछले साल वह निराश थे। इंग्लैंड में मैंने एक ही मैच में शतक और अर्धशतक बनाया था इसलिए उन्होंने मुझे बुलाया और कहा, जहां तक बल्लेबाजी की बात है तो मैं आपके साथ इस पर कोई बात नहीं करने वाला हूं, क्योंकि तुमने कुछ ऐसा किया है जिस पर मुझे गर्व है और सभी को गर्व है लेकिन, एक कप्तान के रूप में मुझे यह सोचने की जरूरत है कि इस टीम से कैसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कराया जाए और रणनीति पर कैसे नजर रखी जाए। मुझे उनकी बात सही लगी, क्योंकि मुझे भी ऐसा ही लगा। आप जानते हैं कि आप जो कुछ करते हैं कप्तानी के रूप में करने के लिए उससे भी बहुत कुछ ज्यादा है।'ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाने से पहले कोहली ने इस धारणा को खारिज किया था कि शास्त्री उनकी हां में हां मिलाते हैं। उन्होंने कहा, 'वह एक ऐसे इंसान हैं, जिन्होंने इतनी कमेंट्री की है, खेल को इतना देखा और खेला है कि मैच देखकर ही उन्हें पता चल जाता है कि किस दिशा में खेल जा रहा है। उनसे फीडबैक लेने से काफी मदद मिलती है। उन्होंने कभी कप्तानी के अनुकूल ढालने के लिए मुझे बदलने की कोशिश नहीं की।'

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