महिला टीम का कोच बनने के सवाल पर द्रवि़ड़ ने दिया यह जवाब

इस दौरान मिताली और झूलन ने भी अपने अनुभव साझा किए।

By Bharat SinghEdited By: Publish:Wed, 25 Oct 2017 11:45 AM (IST) Updated:Wed, 25 Oct 2017 12:39 PM (IST)
महिला टीम का कोच बनने के सवाल पर द्रवि़ड़ ने दिया यह जवाब
महिला टीम का कोच बनने के सवाल पर द्रवि़ड़ ने दिया यह जवाब

नई दिल्ली, जेएनएन। पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ का मानना है कि बल्ले की मोटाई सीमित करने को लेकर आइसीसी के नए नियमों का क्रिकेट पर असर होगा। नए नियमों के तहत बल्ले की मोटाई को सीमित किया गया है। बल्ले और गेंद के बीच संतुलन बनाने की कवायद के तहत बल्ले की चौड़ाई 108 मिलीमीटर से अधिक नहीं होगी, जबकि किनारों पर इसकी मोटाई 40 मिलीमीटर और बीच में 67 मिलीमीटर से अधिक नहीं होगी।

फिक्की महिला संस्था (एफएलओ) द्वारा मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में द्रविड़ ने यह बात कही। इस दौरान महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज और झूलन गोस्वामी को सम्मानित भी किया गया। 

द्रविड़ ने कहा, 'हां, इसका (बल्ले के आकार में बदलाव का) असर होगा। खेल के परिणामों पर भी असर पड़ेगा। हालांकि बदलाव काफी बड़े नहीं हैं क्योंकि कुछ ही खिलाड़ी हैं जो ऐसे बल्लों का इस्तेमाल करते हैं जो नए नियमों के तहत नहीं आते। यह अच्छा फैसला है।'

दायें हाथ के इस पूर्व बल्लेबाज ने कहा कि बल्ले के आकार के अलावा भी कई ऐसे चीजें है जो खेल को प्रभावित करती है। 

उन्होंने कहा कि पिच की प्रकृति और बाउंड्री का आकार भी मायने रखता है। आइसीसी ने खेलने के हालात में कई बदलाव किए हैं, जिसमें बल्ले के आकार को सीमित करना भी शामिल है जिससे डेविड वॉर्नर जैसे बल्लेबाजों को अपने बल्ले में बदलाव करने को बाध्य होना होगा। यह पूछने पर कि क्या वह भविष्य में भारतीय महिला टीम को कोचिंग देना चाहेंगे, भारत-ए और अंडर-19 पुरुष टीम के कोच द्रविड़ ने कहा कि महिला टीम के पास पहले ही सर्वश्रेष्ठ सहयोगी स्टाफ है। 

इस दौरान मिताली और झूलन ने भी अपने अनुभव साझा किए। इस मौके पर एफएलओ की कार्यकारी निदेशक रश्मि सरिता और जागरण सखी की संपादक प्रगति गुप्ता भी मौजूद रहीं।

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