बीसीसीआइ के नवनियुक्त कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा- BCCI के बिना कुछ नहीं है ICC

अरुण धूमल ने कहा कि क्या हमने कभी कल्पना की थी कि आइसीसी के खाके के निर्धारण में बीसीसीआइ का कोई मत नहीं होगा।

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Thu, 24 Oct 2019 08:59 PM (IST) Updated:Thu, 24 Oct 2019 08:59 PM (IST)
बीसीसीआइ के नवनियुक्त कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा- BCCI के बिना कुछ नहीं है ICC
बीसीसीआइ के नवनियुक्त कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा- BCCI के बिना कुछ नहीं है ICC

नई दिल्ली, प्रेट्र। बीसीसीआइ (BCCI) के नवनियुक्त कोषाध्यक्ष अरुण धूमल के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) की नीतियों के निर्धारण में भारत की भूमिका नहीं होना चिंता की बड़ी बात है। उन्होंने साथ ही भारत की अहम भूमिका नहीं होने पर वैश्विक संस्था की प्रासंगिकता पर सवाल भी उठाए। नए अध्यक्ष और पूर्व दिग्गज क्रिकेटर सौरव गांगुली की अगुआई में नए प्रशासकों के पदभार संभालने के बाद धूमल ने अपनी प्राथमिकताओं पर बात की, जिसमें बीसीसीआइ के दुनिया का सबसे अमीर बोर्ड होने के बावजूद बोर्ड के राजस्व में इजाफा करना शामिल है।

आइसीसी के संचालन की रूप रेखा तैयार करने के लिए नवनियुक्त कार्य समूह से भारत की गैरमौजूदगी के संदर्भ में धूमल ने कहा कि क्या हमने कभी कल्पना की थी कि आइसीसी के खाके के निर्धारण में बीसीसीआइ का कोई मत नहीं होगा। कभी इसकी कल्पना नहीं की गई थी। बीसीसीआइ के बिना आइसीसी क्या है? उन्होंने साथ ही स्पष्ट कर दिया कि जहां तक 2023-2031 के भविष्य दौरा कार्यक्रम का सवाल है तो वह आइसीसी के साथ नहीं हैं। नए प्रस्ताव में प्रत्येक वर्ष विश्व टी-20 और प्रत्येक तीन साल में वनडे अंतरराष्ट्रीय विश्व कप के आयोजन का प्रावधान है।

आइसीसी से सहमत नहीं : माना जा रहा है कि आइसीसी इसी योजना के साथ 2023-2028 के वैश्विक मीडिया अधिकार बाजार में उतरेगा और स्टार स्पो‌र्ट्स जैसे संभावित प्रसारणकर्ताओं से उसे अधिक राजस्व मिलने की उम्मीद है। धूमल ने कहा कि हम टूर्नामेंटों की संख्या बढ़ाने के संदर्भ में आइसीसी के नए प्रस्ताव से सहमत नहीं हैं। धूमल ने कहा कि गैरजरूरी खर्च पर लगाम कसना उनकी प्राथमिकता में शीर्ष पर है। वह इस पैसे का इस्तेमाल प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए करना चाहते हैं।

खर्च के बढ़ने से हैरान : बीसीसीआइ के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर के भाई धूमल पिछले कुछ वर्षों में विधिक खर्चें के बढ़ने से भी हैरान हैं। बीसीसीआइ के कोषाध्यक्ष ने कहा कि मेरा लक्ष्य बीसीसीआइ के राजस्व में इजाफा करना है, क्योंकि राजस्व स्थिर हो गया है, जबकि खर्चे में इजाफा हुआ है। प्रशासनिक और विधिक खर्च पर ध्यान देने की जरूरत है। धूमल ने कहा कि कुछ अन्य मुद्दों पर भी ध्यान देने की जरूरत है, जिसमें कर दायित्व और अतीत की आइपीएल फ्रेंचाइजियों के साथ मुद्दे भी शामिल हैं।

प्रथम श्रेणी क्रिकेट पर ध्यान देने की जरूरत : धूमल भी गांगुली के इस विचार से सहमत दिखे कि प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों का ध्यान रखने की जरूरत है और इसलिए उन्हें अधिक वित्तीय संसाधनों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें राजस्व में इजाफा करने की जरूरत है जिससे कि प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों को फायदा हो सके क्योंकि हम उनके बीच अधिक राशि वितरित कर पाएंगे, क्योंकि उनका ध्यान रखने की जरूरत है। इस राशि पर अभी फैसला नहीं किया गया है, लेकिन धूमल को भरोसा है कि एक बार सीनियर सदस्यों और शीर्ष परिषद की बैठक के बाद उनके पास यह आंकड़ा होगा।

उन्होंने कहा कि हमें अध्यक्ष और शीर्ष परिषद के अन्य सदस्यों के साथ बैठने और राशि पर फैसला करने की जरूरत है, लेकिन यह राजस्व में इजाफे पर निर्भर करेगा, क्योंकि हमें देखना होगा कि हम द्विपक्षीय सीरीज और अन्य आइसीसी टूर्नामेंटों से कितनी कमाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर पिछले कुछ वर्षों में विधिक खर्चों में इजाफा हुआ है। खर्चे की राशि से मैं ही नहीं, बल्कि सभी सदस्य हैरान हैं। इस पर गौर करने की जरूरत है और हम निश्चित तौर पर ऐसा करेंगे।

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