Dhoni ने बताया कौन से हैं वे 2 ऐतिहासिक लम्हे जिन्हें वे कभी नहीं भूल सकते, आप भी जानिए

पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने अपने इंटरनेशनल करियर से जुड़े दो ऐतिहासिक लम्हों के बारे में खुलासा किया है।

By Vikash GaurEdited By: Publish:Thu, 28 Nov 2019 03:43 PM (IST) Updated:Thu, 28 Nov 2019 03:43 PM (IST)
Dhoni ने बताया कौन से हैं वे 2 ऐतिहासिक लम्हे जिन्हें वे कभी नहीं भूल सकते, आप भी जानिए
Dhoni ने बताया कौन से हैं वे 2 ऐतिहासिक लम्हे जिन्हें वे कभी नहीं भूल सकते, आप भी जानिए

मुंबई, पीटीआइ। पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेंगे या फिर वह मैदान पर वापसी करेंगे। अगर वापसी करेंगे तो आखिर कब? यह सवाल इन दिनों भारतीय क्रिकेट में खूब चर्चा में है। धौनी की वापसी पर कभी टीम के कोच रवि शास्त्री अभी और इंतजार करने की बात कहते हैं तो कभी मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद कहते हैं कि वह धौनी से आगे का सोच रहे हैं।

वहीं, जब बुधवार को धौनी से उनके इस लंबे आराम पर जवाब मांगा गया तो उन्होंने कहा, "इस पर उनसे जनवरी तक कुछ मत पूछो।" इसके अलावा धौनी अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करियर से जुड़े दो ऐतिहासिक लम्हों का भी जिक्र किया जो उन्हें हमेशा याद रहेंगे। अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 2019 विश्व कप के सेमीफाइनल में खेला था। इसके बाद से वह करीब चार महीने से ब्रेक पर हैं।

विश्व चैंपियन टीम के स्वागत को कभी नहीं भूल सकता

विकेटकीपर बल्लेबाज धौनी ने कहा, "साल 2007 में विश्व टी-20 और 2011 में विश्व कप जीतने वाली उनकी टीम का शानदार स्वागत जैसे क्षण उनके दिल के बेहद करीब हैं।" दुनिया के सबसे सफल कप्तानों में से एक रहे धौनी की अगुआई में भारत ने दक्षिण अफ्रीका में पहला टी-20 विश्व कप जीता था, जबकि इसके बाद उनके नेतृत्व में अपनी सरजमीं पर 2011 में वनडे विश्व कप अपने नाम किया था।

धौनी ने कहा, "मैं यहां दो घटनाओं का जिक्र करना चाहूंगा। हम 2007 में (टी-20) विश्व कप के बाद भारत आए और हमने खुली बस में यात्रा की और हम मरीन ड्राइव (मुंबई) में खड़े रहे। हर तरफ जाम लगा था और लोग हमारे स्वागत के लिए अपनी कारों में आए थे। इसलिए मुझे हर किसी के चेहरे पर खुशी देखकर अच्छा लगा था, क्योंकि दर्शकों में कई ऐसे लोग रहे होंगे, जिनकी उड़ान छूट गई होगी। वह शानदार स्वागत था।"

दर्जनों मैच छक्का लगाकर जिताने वाले महेंद्र सिंह धौनी ने कहा, "दूसरा पल 2011 विश्व कप फाइनल था। मैच में जब 15-20 रन चाहिए थे तब वानखेड़े स्टेडियम में दर्शक 'वंदे मातरम' का उद्घोष कर रहे थे। ये दो वाकये हैं। मुझे लगता है कि उन्हें दोहराना बहुत मुश्किल होगा। ये दो घटनाएं मेरे दिल के काफी करीब हैं।"

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