गौतम के क्रिकेट करियर पर 'गंभीर' सवाल खड़े करने से पहले ये रिकॉर्ड देख लें महबूबा मुफ्ती

महबूबा को बयान देने से पहले गौतम गंभीर के रिकॉर्ड्स पर एक नजर जरूर डालनी चाहिए था।

By Rajat SinghEdited By: Publish:Thu, 11 Apr 2019 06:18 PM (IST) Updated:Fri, 12 Apr 2019 07:17 AM (IST)
गौतम के क्रिकेट करियर पर 'गंभीर' सवाल खड़े करने से पहले ये रिकॉर्ड देख लें महबूबा मुफ्ती
गौतम के क्रिकेट करियर पर 'गंभीर' सवाल खड़े करने से पहले ये रिकॉर्ड देख लें महबूबा मुफ्ती

नई दिल्ली, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) को ट्विटर पर जवाब देते हुए उनके क्रिकेट करियर पर सवाल खड़े किए। मंगलवार को महबूबा ने गंभीर को जवाब देते हुए लिखा कि मुझे उम्मीद है कि भाजपा में भी आपकी पारी आपके किक्रेट करियर की तरह कमजोर न रहे। क्रिकेटरों को राजनीति नहीं करनी चाहिए। भले आप गौतम गंभीर के फैन हों या न हों, लेकिन उनके क्रिकेट करियर को कमजोर तो कतई नहीं कहा जा सकता।

अगर महबूबा मुफ्ती को ऐसा लगता है तो उन्हें गौतम गंभीर के बारे में राय बनाने से पहले उनके रिकॉर्ड्स पर एक नजर जरूर डाल लेनी चाहिए थी। गंभीर उन खिलाड़ियों में शामिल है, जिन्होंने 2011 का विश्वकप जिताया। 2011 विश्वकप के फाइनल में खेली गई उनकी पारी कोई फैन नहीं भूल सकता। इसके अलावा गंभीर ने 2007 में पहले टी20 विश्व कप के फाइनल में भी गजब की पारी खेली थी।

2007 टी20 विश्वकप फाइनल
2007 में जब पहली बार टी20 विश्वकप का आयोजन हुआ तो उसे भारत ने अपने नाम किया, इस टाइटल को हासिल करने में गंभीर का महत्वपूर्ण योगदान रहा। फाइनल में जब भारतीय टीम पहले बैंटिग करने आई, तब 25 रन पर पहला विकेट गंवा दिया। 40 रन के स्कोर पर रॉबिन उथप्पा के रूप में दूसरा विकेट भी गिर गया। इसके बाद मैच को संभाला गंभीर ने। गंभीर ने 54 गेंदों में शानदार 75 रनों की पारी खेली, जिसके बदौलत भारत 157 रनों का टोटल खड़ा कर सका। हालांकि, महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी के आगे इस पारी की चर्चा नहीं होती पर फाइनल दिलाने में गंभीर का योगदान काफी बड़ा था।

2011 विश्वकप फाइनल में 97 रनों की पारी
2003 के बाद भारत एक बार फिर विश्वकप (50 ओवर) के फाइनल में था। श्रीलंका ने भारत के सामने 275 रनों का लक्ष्य रखा था। भारत की ओर से पारी की शुरुआत सहवाग और गंभीर ने की। पहले ओवर की दूसरी गेंद पर सहवाग वापस पवेलियन लौट गए, इसके बाद बल्लेबाजी करने सचिन तेंदुलकर छठे ओवर में आउट हो गए। 31 रन पर दो विकेट गिरने के बाद भारतीय टीम पर संकट के बादल मडराने लगे। टीम के लिए तब संकटमोचक बन कर उभरे गौतम गंभीर। गंभीर ने 97 रनों की शानदार पारी खेली। उन्होंने पहले कोहली के साथ और उसके बाद धौनी के साथ मैच जिताऊ साझेदारी की। गंभीर ने अगर दबाव में यह पारी न खेली होती, तो शायद भारत के पास दूसरी बार (28 साल बाद) विश्वकप जीतने में कामयाब न हो पाता।

भारतीय टीम के उप-कप्तान भी थे गंभीर
दिल्ली में पैदा हुए गंभीर ने भारतीय टीम के लिए क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में खेला। उन्होंने कुछ एक मौकों पर टीम इंडिया की कप्तानी भी की और टीम के उप-कप्तान भी रह चुके हैं। गंभीर ने आइपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स टीम की कप्तानी की और अपनी उन्होंने इस टीम को दो बार खिताब भी दिलाया।

विश्व के नंबर एक बल्लेबाज रह चुके हैं गंभीर
गौतम गंभीर एकमात्र भारतीय बल्लेबाज हैं, जिन्होंने पांच टेस्ट मैचों में लगातार शतक लगाए थे। इसके अलावा वो भारत के एकमात्र बल्लेबाज हैं, जिन्होंने चार लगातार टेस्ट सीरीज में 300-300 से ज्यादा रन बनाए थे। गंभीर ने वर्ष 2008 में भारत की तरफ से वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाए थे। वहीं उन्होंने भारतीय बल्लेबाज के तौर पर वनडे में इसी वर्ष सबसे ज्यादा शतक भी लगाए थे। वर्ष 2009 में टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने भारत की तरफ से सबसे ज्यादा शतक लगाए थे। इसी वर्ष उन्हें आइसीसी टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर का खिताब भी मिला था, साथ ही वो आइसीसी टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक बल्लेबाज भी बने थे।

ये है मजारा
भाजपा नेता और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि यह भारत है, आप जैसा कोई धब्बा नहीं जो मिट जाएगा। जिसके बाद महबूबा ने उनेक करियर पर सवाल खड़े किए थे। महबूबा ने बाद में गंभीर को ट्विटर पर ब्लॉक कर दिया। गंभीर का राजनीतिक करियर कैसा भी हो सकता है, लेकिन उन्होंने अपने खेल के जरिए भारतीय क्रिकेट को काफी समृद्ध किया है।

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