IPL 2020: चेन्नई सुपर किग्स के मुकाबले दिल्ली कैपिटल्स की टीम में अधिक गहराई- संजय मांजरेकर
चेन्नई के मुकाबले दिल्ली की टीम के पास खेल के सभी विभागों में गहराई है जिसकी इस सत्र में काफी परीक्षा होनी है। चेन्नई ने भले ही राजस्थान के खिलाफ पिछला मैच गंवा दिया लेकिन फाफ डुप्लेसिस ने इस सत्र के शुरुआती दोनों मैचों में कमाल का प्रदर्शन किया है।
(संजय मांजरेकर का कॉलम)
शुक्रवार का मैच शानदार है। उम्रदराज खिलाड़ियों से भरी चेन्नई की टीम युवा क्रिकेटरों से सजी दिल्ली का सामना करेगी। मगर चूंकि टी-20 इस खेल का आधुनिक प्रारूप है सिर्फ इसलिए इससे दिल्ली को फायदा मिल जाएगा, ऐसा भी नहीं है। इतने सालों में अपने शानदार प्रदर्शन से चेन्नई ने इस बात को साबित कर दिया है कि कौशल और टेंपरामेंट की जगह कोई नहीं ले सकता। मुंबई के खिलाफ अपने मैच विजयी प्रदर्शन से पीयूष चावला ने हमें यह बात अच्छी तरह याद दिलाई।
चेन्नई के मुकाबले दिल्ली की टीम के पास खेल के सभी विभागों में गहराई है, जिसकी इस सत्र में काफी परीक्षा होनी है। चेन्नई ने भले ही राजस्थान के खिलाफ अपना पिछला मैच गंवा दिया, लेकिन फाफ डुप्लेसिस ने इस सत्र के शुरुआती दोनों मैचों में कमाल का प्रदर्शन किया है। पहले मैच में उन्होंने पारी को संभाला और संवारा तो दूसरे मैच में बेहद मुश्किल हालात में 37 गेंदों पर 73 रनों की पारी खेली। चेन्नई के लिए दूसरे मैच में शेन वॉटसन भी कुछ लय में नजर आए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुंबई के खिलाफ सनसनीखेज पारी खेलने के दौरान अंबाती रायुडू चोटिल हो गए। मुझे लगता है कि केदार जाधव और शेन वॉटसन को कुछ ओवर की गेंदबाजी करनी होगी।
दिल्ली ने अपना पिछला मुकाबला सुपरओवर में जीता था और ये ऐसी पिच है जिस पर मार्कस स्टोइनिस जैसे खिलाड़ी बल्लेबाजी करना पसंद करेंगे। खासकर पिछले मैच में 21 गेंद पर 53 रन की पारी खेलने के बाद। दिल्ली के लिए हालांकि अश्विन का चोटिल होना दुर्भाग्य की बात रही, जो पहले ही ओवर में दो विकेट लेने के बाद चोटिल हो गए। अगर वह इस मैच के लिए फिट नहीं होते हैं तो अक्षर पटेल को जोड़ीदार की जरूरत होगी। इस लिहाज से अमित मिश्रा अच्छा विकल्प हो सकते हैं।
डीन जोंस के असमय निधन की खबर बेहद दुखद है। वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मेरे एकमात्र शिकार और कमेंट्री सíकट में मेरे साथी ही नहीं थे, बल्कि एक बेहद अच्छे दोस्त भी थे। उनके पास हमेशा कोई न कोई थ्योरी होती थी और हां, वह डिबेट करना पसंद करते थे। हमने काफी खुशनुमा वक्त साथ बिताया। इनमें से सबसे अच्छा पल नवजोत सिंह सिद्धू को पाकिस्तान दौरे पर उकसाने की रणनीति बनाना था। डीन जोंस और मैंने नवजोत पर हमला बोलते हुए उन्हें उकसाया कि सचिन तेंदुलकर उतने महान नहीं हैं, जितना कि वह सोचते हैं। आखिर में हम ये देखकर हंसी से लोटपोट हो गए कि निíववाद रूप से महानतम बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का बचाव करते हुए खुद सिद्धू गुस्से से लाल हो गए थे। आप बहुत याद आओगे डीनो। श्रद्धांजलि।