चेन्नई सुपर किंग्स की टीम में नजर आ रही है नई एनर्जी: सुनील गावस्कर

IPL 2020 सुनील गावस्कर ने कहा कि सीएसके ने तीन बार ये प्रतिष्ठित ट्रॉफी अपने नाम की है और पांच बार रनरअप का तमगा हासिल किया है। ये असाधारण रिकॉर्ड है और यही वजह है कि इस टीम को प्लेऑफ की रेस से बाहर होते देखना दुखद है।

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 06:27 PM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 03:29 PM (IST)
चेन्नई सुपर किंग्स की टीम में नजर आ रही है नई एनर्जी: सुनील गावस्कर
आइपीएल 2020 चेन्नई सुपर किंग्स की टीम (एपी फोटो)

(सुनील गावस्कर का कॉलम) 

लीग में पिछले कुछ दिन बेहद रोचक रहे। मजबूत टीमों को उन टीमों से हार मिली जो अब तक अपेक्षा से कम प्रदर्शन कर रही थीं। इससे एक बार फिर ये बात साबित हो गई कि इस खेल में फॉर्म कितनी अस्थायी है। और ये भी कि इस प्रारूप में विजेता का अनुमान लगाना कितना मुश्किल काम है, वो भी ऐसे टूर्नामेंट में। इस लेख के लिखे जाने तक सिर्फ एक टीम प्लेऑफ की रेस से बाहर हुई है और आश्चर्य है कि वो टीम चेन्नई है, जिसने हर सीजन में प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई किया है। इस टीम ने तीन बार ये प्रतिष्ठित ट्रॉफी अपने नाम की है और पांच बार रनरअप का तमगा हासिल किया है। ये असाधारण रिकॉर्ड है और यही वजह है कि इस टीम को प्लेऑफ की रेस से बाहर होते देखना दुखद है।

बेशक अब चेन्नई की टीम प्लेऑफ में क्वालीफाई नहीं कर सकती, लेकिन अपने बचे मैचों में अन्य टीमों का खेल जरूर खराब कर सकती है। जिस तरह आसानी से चेन्नई ने बेंगलुरु को मात दी, उससे इस टीम के प्रशंसक हैरान रह गए कि आखिर अपने शुरुआती मुकाबलों में टीम ने ऐसा खेल क्यों नहीं दिखाया। हो सकता है कि इसकी वजह अब चेन्नई पर दबाव न होना हो। वजह जो भी हो चेन्नई की बॉडी लेंग्वेज अलग नजर आ रही है और टीम में नई एनर्जी नजर आ रही है।

क्या अब चेन्नई इस मुकाबले में कोलकाता को भी प्लेऑफ की रेस से बाहर कर देगी? शुरुआती लड़खड़ाहट के बाद युवा रुतुराज गायकवाड़ ने बेहतरीन खेल दिखाया है। उनका स्ट्रोकप्ले बेहद साफ सुथरा था और फुटवर्क बेहद ताजगीभरा। सबसे अच्छी बात उनका टेंपरामेंट थी क्योंकि अर्धशतक पूरा करने के बावजूद उन्होंने कोई भी गैरजरूरी शॉट नहीं लगाया और अपनी टीम को जीत की मंजिल तक पहुंचाने के लिए अंत तक क्रीज पर मौजूद रहे। कोलकाता के लिए टूर्नामेंट उतार-चढ़ाव वाला रहा है।

टूर्नामेंट के आधे चरण तक टीम ने सात में से चार मुकाबले जीते और इसी बीच कप्तान ने बल्लेबाजी पर ध्यान फोकस करने के लिए पद छोड़ दिया। ये और बात है कि कप्तानी का बोझ कम होने के बाद भी उनका प्रदर्शन खास नहीं रहा। टीम को आंद्रे रसेल की कमी निश्चित रूप से खल रही है खासकर शारजाह जैसे मैदान पर जहां यूनिवर्स बॉस क्रिस गेल ने अपने बड़े छक्कों से कोलकाता को हराने में पंजाब की मदद की।

चेन्नई के पास खोने के लिए कुछ नहीं है मगर कोलकाता के पास पाने के लिए बहुत कुछ। और अब अगर कोलकाता को खुद को टूर्नामेंट में बनाए रखने का मौका हासिल करना है तो उसे मैदान पर अपनी ये तड़प दिखानी भी होगी।

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